Monday, 6 May 2024

Longest Day of the Year 2023 : 21 जून को होगा साल का सबसे लम्बा दिन

  Longest Day of the Year 2023 :  खगोलिय घटना क्रम में सौर चंद्र मास में होने वाले बदलावों की…

Longest Day of the Year 2023 : 21 जून को होगा साल का सबसे लम्बा दिन

 

Longest Day of the Year 2023 :  खगोलिय घटना क्रम में सौर चंद्र मास में होने वाले बदलावों की स्थिति के द्वारा प्रकृति और जीवन दोनों पर ही असर देखने को मिलता है. 21 जून 2023 को होने वाले घटना इसी की स्थिति का सुचक होती है. हर साल कुछ दिन ऎसे होते हैं जिनमें कभी दिन बड़ा तो रात छोटी ओर रात बड़ी तो दिन छोटा होता है तो कभी दिन और रात बराबर होते हैं. यह सभी घटनाएं एक विशेष समय के अंतराल में घटित होती हैं. इसमें से एक घटना का समय 21 जून का होता है जब वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है. इस दिन रात छोटी हो जाती है ओर यह सब कुछ आने वाले मौसम के बदलाव के साथ साथ दिन रात की घटने वाली समय गणना को भी प्रभावित करने वाला समय होता है.

Longest Day of the Year 2023 :

निरयन और सायन का अंतर दर्शाता है सोल्सटिस
सौर गणना मे भारतीय और पाश्चात्य गणनाओं में कुछ अंतर है जिसे निरयन और सायन के रुप में जाना जाता है. वैदिक सिद्धांत में निरयण सिद्धांत को माना जाता है और पाश्चात्य में सायन पर अधिक जोर दिया जाता है. इस तथ्य का रहस्य प्राचीन समय से प्राप्त होता है जब अयनांश एक ही स्थान पर थे किंतु हर साल इसमें अंतर उत्पन्न होने लगा, तब उस सिद्धांत में पाश्चात्य अनुसार सूर्य का सायन मत प्रचलित है ओर भारतीय ज्योतिष गणनाओं में निरयण को स्थान प्राप्त होता है.

21 जून से 22 दिसम्बर तक सूर्य की यात्रा का उतर से दक्षिण की ओर होने का समय होता है जिसे दक्षिणायन कहा गया है और उसके पश्चात का समय उत्तरायण कहलाया है. 21 जून से सूर्य सायन सिद्धांत के अनुसार कर्क राशि में प्रवेश करता है. इस समय पर दिन सबसे लम्बा माना जाता है और सूर्य संक्रांति के द्वारा साथ ही सूर्य की दक्षिणायन होने की यात्रा आरंभ होती है.

निरयण संक्रांति अनुसार अभी सूर्य मिथुन राशि में गोचरस्थ है लेकिन सायन अनुसार सूर्य का 21 जून को कर्क राशि प्रवेश होगा और ये समय सौर चक्र के बदलाव का समय होगा.

सोल्सटिस का सांस्कृतिक प्रभाव 
सोल्सटिस से संबंधित घटनाएं जहां विज्ञान के लिए बेहद महत्पूर्ण विषय होती हैं वहीं इनका सांस्कृतिक महत्व भी बहुत होता है. इन दिनों के दौरान कई संस्कृतियों में विशेष चीजों का आयोजन भी किया जाता है. इन दिनों का आगमन जब होता है तो यह जीवन चक्र को भी लम्बे समय तक प्रभावित करने वाली घतनाएं मानी जाती हैं अत: बदलाव के इस दौर को उचित रुप से समझने के लिए कई तरह के अनुष्ठान भी होते हैं तो कुछ नियमों का पालन करने की बात भी दिखाई देति है.

21 जून सबसे बड़ा दिन होता है, लेकिन यह समय 20 से 22 जून के मध्य कभी भी हो सकता है जिसे गणनाओं के आधार पर जाना जाता है. इसी प्रकार इस साल 21 जून का दिन ही साल के सबसे बड़े दिन के रुप में प्राप्त होगा.

सूर्य का कर्क राशि संचरण  
सूर्य की स्थिति इस प्रकार निर्मित होती है की इस दिन से सूर्य की रोशनी कर्क रेखा पर लंबवत पड़ती हैं, जिसके परिणाम स्वरुप उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन माना जाता है. उत्तरी गोलार्ध की स्थिति 23.4 अक्षांश पर झुकाव को दर्शाती है, इसे सूर्य के कर्क संक्रांति रुप में सायन अनुसार देखा जाता है. देश ओर विदेशों में इस समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. भारत में तो इस समय के दौरान दान जप तप एवं स्नान की विशेष परंपरा का पालन किया जाता है.अमेरिका, इंग्लैड, रुस, चीन, भारत इत्यादि क्षेत्रों में होने वाले मौसम की स्थिति इस खगोलिय घटना क्रम से प्रभावित होती है.

आचार्या राजरानी

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