Bussiness : नयी दिल्ली। सरकार ने बुधवार को बताया कि प्याज की कीमतों को स्थिर करने के उद्देश्य से चालू वर्ष में मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के बफर स्टॉक के लिये 2.51 लाख मीट्रिक टन की रिकार्ड खरीदारी की गयी। उसने बताया कि खुदरा उपभोक्ताओं को प्याज उपलब्ध कराने के लिये सरकारी/सहकारी खुदरा एजेंसियों को रियायती दर पर प्याज की पेशकश की गई है।
लोकसभा में राम्या हरिदास के प्रश्न के लिखित उत्तर में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी ।
प्याज की कीमतों को स्थिर रखने के कदमों के बारे में उन्होंने बताया कि बाजार निपटान के अलावा खुदरा उपभोक्ताओं को प्याज उपलब्ध कराने के लिये राज्य और सरकारी/सहकारी खुदरा एजेंसियों को आठ रूपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की पेशकश की गई है।
गोयल ने बताया कि 30 नवंबर 2022 तक बफर स्टॉक से कुल 1.53 लाख मीट्रिक टन प्याज जारी किया जा चुका है।
Bussiness :
उन्होंने कहा कि प्याज की कीमतों को स्थिर करने के लिये सरकार ने चालू वर्ष 2022-23 में मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के बफर स्टॉक के लिये 2.51 लाख मीट्रिक टन की रिकार्ड खरीदारी की है । कीमतों में नरमी लाने के लिये प्रमुख खपत केंद्रों को स्टॉक का लक्षित निपटान सितंबर 2022 से आरंभ है।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि खाद्य तेलों की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिये सरकार ने कच्चे पॉम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी के तेल पर मूल शुल्क को 2.5 प्रतिशत कम करके शून्य कर दिया और इन तेलों पर उपकर को पांच प्रतिशत कर दिया ।
उन्होंने बताया कि सरकार ने रिफाइंड पॉम तेल के मुक्त आयात को 31 दिसंबर 2022 तक की अवधि के लिये बढ़ा दिया है ।
मंत्री ने बताया कि सरकार ने वैश्विक खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के बीच आपूर्ति श्रृंखला को निर्बाध बनाने के लिये दो नवंबर से खाद्य तेल कंपिनयों की खुदरा एवं थोक विक्रेताओं को स्टॉक सीमा आदेश से छूट प्रदान की है।
गोयल ने कहा कि चावल एवं गेहूं, दाल (तूर, उड़द, मूंग, चना, मसूद), खाद्य तेल (सरसों, वनस्पति, सोया, सूरजमुखी, पॉम तेल) तथा सब्जियां (आलू, टमाटर और प्याज) की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतों में हाल के महीने में कोई तेज और लगातार वृद्धि नहीं हुई है।
Bussiness :
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता खाद्य कीमत स्फीति (सीएफपीआई) सितंबर 2022 के 8.60 प्रतिशत से घटकर अक्तूबर में 7.01 प्रतिशत रह गई ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा आवश्यक खाद्य वस्तुओं की घरेलू उपलब्धता को बढ़ाने और इनकी कीमतों को स्थिर करने के लिये समय समय पर विभिन्न उपाए किये जाते हैं । इनमें कीमतों में नरमी लाने के लिये बफर स्टॉक से जारी करना, स्टॉक की सीमाएं लगाना, जमाखोरी रोकने के लिये संस्थाओं द्वारा घोषित स्टॉक की निगरानी करने के साथ आयात शुल्क को संगत बनाना, वस्तुओं के निर्यात प्रतिबंध एवं आयात कोटा में परिवर्तन जैसे कदम शामिल हैं।
Bussiness News : नए साल से 1.7 प्रतिशत महंगे हो जाएंगे ऑडी के वाहन