सोने की चमक क्यों पड़ रही है फीकी, मिल गई 3 बड़ी वजह

सोने की कीमतें रिकॉर्ड पर हैं और पिछले एक साल में 70% से ज्यादा बढ़ चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद ज्यादातर ज्वैलरी कंपनियों के शेयर गिरावट में हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? इस आर्टिकल में जानिए गोल्ड प्राइस और ज्वैलरी शेयरों के बीच बढ़ते अंतर की असली वजह, बढ़ती लागत, कमजोर बिक्री, नकदी संकट...

Gold Price Today in India
महंगे सोने ने बदला बाजार का मूड
locationभारत
userअसमीना
calendar25 Dec 2025 11:50 AM
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पिछले एक साल में सोने की कीमतों ने निवेशकों को चौंका दिया है। सोना 70% से ज्यादा की जबरदस्त तेजी दिखा चुका है और लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है। आमतौर पर माना जाता है कि जब सोना महंगा होता है तो ज्वैलरी कंपनियों को भी फायदा होता है लेकिन इस बार तस्वीर बिल्कुल उलटी नजर आ रही है। जहां एक तरफ सोना चमक रहा है वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर ज्वैलरी कंपनियों के शेयर लगातार फिसलते जा रहे हैं। सवाल ये है कि जब सोना इतना महंगा हो रहा है, तो ज्वैलरी कंपनियों के शेयर क्यों गिर रहे हैं?

सोने की कीमत vs ज्वैलरी कंपनियों के शेयर

पिछले 12 महीनों में सोने की कीमतों में 70% से ज्यादा की तेजी आई है लेकिन मार्केट कैप के हिसाब से टॉप 10 ज्वैलरी कंपनियों में से 8 कंपनियों के शेयर नुकसान में हैं। इस दौरान सिर्फ Titan और Thangamayil Jewellery ही ऐसी कंपनियां रहीं जिन्होंने पॉजिटिव रिटर्न दिया। Titan के शेयर करीब 17% और Thangamayil Jewellery के शेयर लगभग 72% चढ़े हैं। इसके उलट, PC Jeweller के शेयर 44%, Senco Gold के 43.5%, Kalyan Jewellers के 35% और Sky Gold & Diamonds के शेयर 38% तक टूट चुके हैं। हाल ही में लिस्ट हुई PN Gadgil, Bluestone Jewellery और Motisons Jewellers के शेयर भी निवेशकों को निराश कर चुके हैं।

आखिर ज्वैलरी शेयर क्यों गिर रहे हैं?

1. कच्चे माल की लागत में भारी बढ़ोतरी

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोना ज्वैलरी कंपनियों के लिए मुनाफे का जरिया नहीं बल्कि लागत है। जब सोने के दाम तेजी से बढ़ते हैं, तो ज्वेलर्स को ज्यादा पूंजी लगानी पड़ती है। इससे वर्किंग कैपिटल की जरूरत बढ़ जाती है और मुनाफे पर सीधा दबाव पड़ता है।

2. महंगे सोने से बिक्री पर असर

सोने की ऊंची कीमतों के कारण ग्राहक या तो खरीदारी टाल देते हैं या फिर हल्के और कम वजन के गहने खरीदते हैं। शादी और त्योहारों के सीजन में भी लोग अब सोच-समझकर खर्च कर रहे हैं जिससे वॉल्यूम ग्रोथ प्रभावित हो रही है।

3. नकदी और कर्ज की समस्या

ब्याज दरों में बढ़ोतरी और नकदी की कमी से ज्यादा कर्ज वाली ज्वैलरी कंपनियां दबाव में हैं। जिन कंपनियों की बैलेंस शीट कमजोर है वे ऊंची लागत और कम बिक्री के बीच फंस गई हैं। इसी वजह से उनके शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है।

Titan क्यों बाकी कंपनियों से आगे है?

Titan का प्रदर्शन इसलिए बेहतर रहा क्योंकि उसका ब्रांड मजबूत, प्राइसिंग पावर ज्यादा और इन्वेंट्री मैनेजमेंट बेहतर है। कंपनी ने महंगे सोने के बावजूद अपने मार्जिन को संभालने में सफलता पाई जिससे निवेशकों का भरोसा बना रहा।

ग्राहकों के व्यवहार में बड़ा बदलाव

Sohnaa की फाउंडर सोनाली शाह शेट्टी के अनुसार, ऊंची कीमतों की वजह से कुछ ग्राहक खरीदारी टाल रहे हैं जबकि कुछ आगे और तेजी की उम्मीद में अभी निवेश कर रहे हैं। भारत में शादियों की वजह से मांग बनी हुई है, लेकिन अब लोग भारी गहनों की जगह छोटे, हल्के और सोच-समझकर चुने गए डिजाइन पसंद कर रहे हैं। इसके साथ ही 22 कैरेट से 18 और 14 कैरेट सोने की ओर भी धीरे-धीरे रुझान बढ़ रहा है।

आगे ज्वैलरी सेक्टर का आउटलुक कैसा रहेगा?

चॉइस इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ का मानना है कि मौजूदा चुनौतियों के बावजूद ज्वैलरी सेक्टर का भविष्य मजबूत है। संगठित ज्वैलरी बाजार तेजी से बढ़ रहा है और अनुमान है कि 2029 तक इसका साइज करीब ₹5 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। हालांकि, स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के सीनियर एनालिस्ट प्रवेश गौर के मुताबिक, निवेशकों को अभी सतर्क रहने की जरूरत है।

किन ज्वैलरी शेयरों पर नजर रख सकते हैं निवेशक?

विशेषज्ञों के अनुसार, फिलहाल निवेश के लिए वही कंपनियां बेहतर हैं जिनकी ब्रांड वैल्यू मजबूत, कर्ज कम और बैलेंस शीट मजबूत है। इस लिस्ट में Titan सेक्टर की सबसे मजबूत पसंद बना हुआ है। इसके अलावा कुछ ब्रोकरेज हाउस Shanti Gold International और Shringar House of Mangalsutra जैसे B2B प्लेयर्स को लेकर भी पॉजिटिव नजरिया रख रहे हैं।

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कमोडिटी बाजार में तहलका, इन 6 शेयरों में तोड़े भयंकर रिकॉर्ड

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सोना.चांदी और तांबे की कीमत में बंपर उछाल
locationभारत
userअसमीना
calendar24 Dec 2025 04:22 PM
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दुनियाभर के कमोडिटी बाजार में तेजी का दौर लगातार देखने को मिल रहा है। आज (24 दिसंबर) सोना और चांदी के भाव अपने नए रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 4,500 डॉलर प्रति औंस के पार चली गई जबकि चांदी के भाव 72 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गए।

तांबे और प्लैटिनम की कीमतों में उछाल

सिर्फ सोना और चांदी ही नहीं, बल्कि तांबे और प्लैटिनम की कीमतें भी अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं। तांबे का भाव 12,000 डॉलर के पार चला गया जो साल 2009 के बाद का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। वहीं, एल्यूमिनियम की कीमतें भी 2022 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। इस तेजी का सीधा असर उन कंपनियों के शेयरों पर भी देखने को मिल रहा है जिनका कारोबार इन धातुओं से जुड़ा है।

तांबे की तेजी का बड़ा फायदा

हिंदुस्तान कॉपर के शेयरों में तांबे की बढ़ती कीमतों के चलते जबरदस्त उछाल आया है। बुधवार को इसके शेयर 5% बढ़कर साल 2010 के बाद अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचे। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर 38% बढ़ चुके हैं जबकि केवल दिसंबर महीने में ही 31% की तेजी दर्ज हुई है। साल 2025 में अब तक हिंदुस्तान कॉपर के शेयर 73% तक बढ़ चुके हैं जो 2023 के बाद इसका सबसे अच्छा साल साबित हो सकता है।

चांदी की चमक से उछाल

चांदी की कीमतों में रिकॉर्डतोड़ तेजी का सबसे बड़ा फायदा हिंदुस्तान जिंक को मिल रहा है। यह देश की सबसे बड़ी चांदी उत्पादन कंपनी है। पिछले 12 कारोबारी दिनों में से 10 दिन इसके शेयरों में तेजी देखने को मिली है। बीते एक महीने में शेयरों में 38% की बढ़ोतरी हुई है जबकि इस साल की शुरुआत से अब तक लगभग 41% की तेजी दर्ज की गई है। इस तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैप ₹2.5 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है।

मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फाइनेंस

सोने की कीमतों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने से गोल्ड फाइनेंस कंपनियों के शेयरों में भी जबरदस्त उछाल आया है। मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर लगातार छठे दिन बढ़ते हुए 313.40 रुपये के अपने नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे। वहीं, मुथूट फाइनेंस के शेयर लगातार चौथे दिन बढ़ते हुए 3,888 रुपये के अपने नए उच्च स्तर पर चले गए। 2025 में मणप्पुरम फाइनेंस के शेयर अब तक 65% बढ़ चुके हैं और यह 2019 के बाद सबसे अच्छा साल साबित हो सकता है। मुथूट फाइनेंस के शेयर इस साल लगभग 81% बढ़ चुके हैं जिससे इसका मार्केट कैप ₹1.5 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है।

एल्युमीनियम की चमक

एल्युमीनियम की कीमतें साल 2022 के बाद अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। इसका असर एल्युमीनियम सेक्टर के शेयरों पर भी दिख रहा है। NALCO पिछले एक महीने में 18% की बढ़त के साथ अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। साल 2025 में अब तक लगभग 40% की तेजी दिखा चुका है। हिंडाल्को एल्युमीनियम सेक्टर में एक्सपोजर के चलते इस साल लगभग 50% की तेजी। वेदांता में इस साल अब तक 35% की बढ़ोतरी हुई।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती, भू-राजनीतिक तनाव, ETF के जरिए मजबूत निवेश और सेंट्रल बैंकों की लगातार खरीदारी के चलते सोने और अन्य कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी बनी हुई है। इस तेजी का असर उन शेयरों पर भी साफ दिखाई दे रहा है जो सीधे इन धातुओं से जुड़े हैं।

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Global Ocean Logistics IPO की धीमी शुरुआत के बाद तेजी, जानें शेयर की नई कीमत

Global Ocean Logistics IPO BSE SME पर ₹78 के इश्यू प्राइस पर लिस्ट हुआ। जानें शेयर प्राइस, लिस्टिंग गेन, IPO सब्सक्रिप्शन, फंड उपयोग और कंपनी की वित्तीय स्थिति। निवेश से पहले पूरी जानकारी यहां पढ़ें।

Global Ocean Logistics IPO
Global Ocean Logistics IPO Listing
locationभारत
userअसमीना
calendar24 Dec 2025 03:42 PM
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Global Ocean Logistics IPO Listing ने शेयर बाजार में भले ही धीमी शुरुआत की हो लेकिन कुछ ही समय में इसने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। ₹78 के इश्यू प्राइस पर आया यह आईपीओ आज BSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुआ जहां इसकी एंट्री ₹79.20 पर हुई। इस तरह आईपीओ निवेशकों को करीब 1.54% का लिस्टिंग गेन मिला। हालांकि शुरुआत में तेजी सीमित रही लेकिन लिस्टिंग के बाद शेयर में खरीदारी बढ़ी और यह उछलकर ₹82.40 तक पहुंच गया। इस स्तर पर आईपीओ निवेशक करीब 5.64% के मुनाफे में नजर आए जिससे साफ है कि बाजार धीरे-धीरे इस शेयर में भरोसा दिखा रहा है।

निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स

ग्लोबल ओशन लॉजिस्टिक्स का ₹30 करोड़ का आईपीओ 17 से 19 दिसंबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और इसे निवेशकों का शानदार रिस्पॉन्स मिला था। ओवरऑल यह आईपीओ 13.64 गुना सब्सक्राइब हुआ, जो SME सेगमेंट के लिहाज से मजबूत डिमांड को दर्शाता है। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए आरक्षित हिस्सा 4.77 गुना भरा जबकि नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का कोटा सबसे ज्यादा 29.47 गुना सब्सक्राइब हुआ। वहीं खुदरा निवेशकों ने भी इसमें अच्छा भरोसा दिखाया और उनका हिस्सा 11.90 गुना भर गया।

कहां लगाए जाएंगे पैसे?

इस आईपीओ के तहत कंपनी ने ₹10 फेस वैल्यू वाले कुल 38,99,200 नए शेयर जारी किए हैं। आईपीओ से जुटाई गई रकम में से ₹21.27 करोड़ का इस्तेमाल कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने में करेगी जबकि बाकी पैसा सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए लगाया जाएगा। इससे कंपनी की रोजमर्रा की गतिविधियों और बिजनेस विस्तार को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।

Global Ocean Services के नाम से भी जाना जाता है

Global Ocean Logistics जिसे Global Ocean Services के नाम से भी जाना जाता है। जनवरी 2021 में स्थापित एक फ्रेट फारवर्डिंग और लॉजिस्टिक्स कंपनी है। यह कंपनी सड़क, रेल, एयर और कोस्टल ट्रांसपोर्टेशन जैसे सभी प्रमुख माध्यमों के जरिए लॉजिस्टिक्स सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी की मार्केटिंग ऑफिस विशाखापत्तनम, जयपुर, पुणे और तूतीकोरिन जैसे चार प्रमुख शहरों में मौजूद हैं और इसका कारोबार दुनिया भर के 263 बंदरगाहों से जुड़ा हुआ है।

कई सेवाएं शामिल

कंपनी की सेवाओं में ओशन फ्रेट फारवर्डिंग के तहत शिपिंग और कोस्टल ट्रांसपोर्टेशन, रोड और रेल के जरिए माल ढुलाई, एयर फ्रेट फारवर्डिंग के अंतर्गत एयर कार्गो, कंटेनर फ्रेट स्टेशन, कस्टम क्लियरेंस और अन्य लॉजिस्टिक्स से जुड़ी सेवाएं शामिल हैं। मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा होने के कारण कंपनी अलग-अलग सेक्टर के ग्राहकों की जरूरतें पूरी करने में सक्षम है।

कुछ वर्षों में देखने को मिला उतार-चढ़ाव

अगर कंपनी की वित्तीय सेहत की बात करें तो इसमें पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव जरूर देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी ने ₹3.83 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया था, जो वित्त वर्ष 2024 में घटकर ₹2.63 करोड़ रह गया। हालांकि वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने जोरदार वापसी की और इसका शुद्ध मुनाफा बढ़कर ₹6.82 करोड़ पर पहुंच गया। इसी तरह कंपनी की टोटल इनकम भी वित्त वर्ष 2023 में ₹191.43 करोड़, वित्त वर्ष 2024 में ₹103.45 करोड़ और वित्त वर्ष 2025 में फिर बढ़कर ₹191.60 करोड़ हो गई। चालू वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो अप्रैल से सितंबर 2025 की पहली छमाही में ही कंपनी ने ₹4.54 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹108.31 करोड़ की टोटल इनकम हासिल कर ली है। सितंबर 2025 के अंत तक कंपनी पर कुल कर्ज ₹4.17 करोड़ था जबकि इसके रिजर्व और सरप्लस ₹11.39 करोड़ के स्तर पर थे जो इसकी बैलेंस शीट को मजबूत बनाते हैं।

(डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। चेतना मंच की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)