Burger King की फ्रैंचाइजी कैसे लें? खर्च से लेकर कमाई तक की पूरी जानकारी

हालांकि, Burger King की शॉप खोलना आसान नहीं इसके लिए बड़ा निवेश, मजबूत फाइनेंशियल बैकअप, सही लोकेशन और कंपनी की कड़ी शर्तें पूरी करना जरूरी होता है। अगर आप 2026 में अपना आउटलेट शुरू करने का प्लान बना रहे हैं, तो यह गाइड आपकी तैयारी को सही दिशा दे सकती है।

Burger King फ्रैंचाइजी
Burger King फ्रैंचाइजी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar29 Dec 2025 12:02 PM
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How to Open a Burger King Franchise : दुनिया के बड़े फास्ट-फूड ब्रांड्स में शामिल बर्गर किंग की फ्रैंचाइजी भारत में कई लोगों के लिए एक आकर्षक बिजनेस विकल्प है। फास्ट फूड की बढ़ती मांग और शहरी इलाकों में बढ़ते फुटफॉल के चलते यह सेक्टर तेजी से विस्तार कर रहा है। हालांकि, Burger King की शॉप खोलना आसान नहीं इसके लिए बड़ा निवेश, मजबूत फाइनेंशियल बैकअप, सही लोकेशन और कंपनी की कड़ी शर्तें पूरी करना जरूरी होता है। अगर आप 2026 में अपना आउटलेट शुरू करने का प्लान बना रहे हैं, तो यह गाइड आपकी तैयारी को सही दिशा दे सकती है।

Burger King आउटलेट खोलने में कितना खर्च आता है?

Burger King की फ्रैंचाइजी में निवेश का कोई “फिक्स रेट” नहीं होता कुल लागत आपकी लोकेशन, स्टोर के साइज और चुने गए फॉर्मेट के साथ बदलती रहती है। इंडस्ट्री में उपलब्ध अनुमानों के मुताबिक, भारत में एक आउटलेट शुरू करने के लिए करीब ₹2.5 करोड़ से ₹10 करोड़ तक का बजट लग सकता है। इसमें सबसे पहले फ्रैंचाइज़ी फीस आती है, जो ब्रांड नाम, ऑपरेशन सिस्टम और बिजनेस मॉडल इस्तेमाल करने के अधिकार के तौर पर ली जाती है यह लगभग ₹11 लाख से ₹37 लाख के बीच बताई जाती है। इसके बाद बड़ा हिस्सा सेटअप/इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होता है, जिसमें इंटीरियर, किचन इक्विपमेंट, मशीनरी, फर्निशिंग, साइनज और टेक्नोलॉजी सिस्टम शामिल होते हैं यह लागत करीब ₹67 लाख से ₹6 करोड़ तक जा सकती है। वहीं फॉर्मेट के हिसाब से तस्वीर साफ बदल जाती है: मॉल कियोस्क (500–1200 sq ft) में निवेश अपेक्षाकृत कम रहता है, जबकि स्टैंडअलोन या प्राइम लोकेशन (1500–2500 sq ft) पर बड़ा स्पेस, हाई रेंट और ज्यादा सेटअप जरूरतों के चलते निवेश कई गुना बढ़ सकता है।

“छिपे हुए” खर्च जिनका अंदाजा लोग पहले नहीं लगाते

फ्रैंचाइजी का असली खेल “शटर उठाने” से शुरू होता है,क्योंकि चुनौती दुकान खोलना नहीं, ऑपरेशन को रोज़ाना मुनाफे की पटरी पर स्थिर चलाना है। यही वजह है कि निवेश से पहले कुछ जरूरी खर्चों की फाइनेंशियल प्लानिंग करना बेहद जरूरी हो जाता है। शुरुआत में स्टोर की रोजमर्रा जरूरतें, सप्लाई, यूटिलिटी और कैश-फ्लो संभालने के लिए वर्किंग कैपिटल का प्रावधान रखें, जो अनुमानतः ₹15 लाख से ₹67 लाख तक जा सकता है। इसके अलावा, आउटलेट की स्पीड और सर्विस क्वालिटी काफी हद तक टीम पर निर्भर करती है इसलिए स्टाफ हायरिंग और ट्रेनिंग पर भी शॉप खुलने से पहले करीब ₹21 लाख से ₹45 लाख तक का खर्च आ सकता है। वहीं लाइसेंस और कानूनी औपचारिकताएं (परमिट, रजिस्ट्रेशन, फूड सेफ्टी कंप्लायंस आदि) एक जरूरी और समय-संवेदनशील हिस्सा हैं, जिनका बजट पहले से तय होना चाहिए। क्योंकि पूरा सेटअप करोड़ों का होता है, उसे जोखिमों से सुरक्षित रखने के लिए बीमा भी अनिवार्य है जिसका सालाना प्रीमियम चुने गए प्लान और कवरेज के हिसाब से तय होता है।

कौन ले सकता है Burger King की फ्रैंचाइज़ी?

Burger King की फ्रैंचाइजी कोई “फर्स्ट-कम, फर्स्ट-सर्व” स्कीम नहीं है,यहां हर आवेदन को हरी झंडी नहीं मिलती। ब्रांड आम तौर पर ऐसे पार्टनर को तरजीह देता है, जो पूंजी के साथ-साथ ऑपरेशन चलाने की क्षमता भी साबित कर सके। उपलब्ध जानकारियों के मुताबिक, आवेदनकर्ता से कम-से-कम ₹12.5 करोड़ की नेटवर्थ और करीब ₹4.2 करोड़ के लिक्विड एसेट्स (यानी तुरंत उपलब्ध नकदी/संसाधन) की अपेक्षा बताई जाती है। साथ ही रेस्टोरेंट या रिटेल मैनेजमेंट का अनुभव रखने वालों को चयन प्रक्रिया में बढ़त मिलती है, क्योंकि कंपनी को सिर्फ निवेशक नहीं दिन-प्रतिदिन की सर्विस, टीम और सिस्टम को मजबूती से संभालने वाला ऑपरेटर चाहिए। साफ है, अगर आपके पास मजबूत फाइनेंशियल बैकअप के साथ बिजनेस चलाने का ट्रैक रिकॉर्ड भी है, तो फ्रैंचाइज़ी पाने की संभावना कहीं ज्यादा मजबूत हो जाती है।

Burger King से कितनी कमाई हो सकती है?

Burger King आउटलेट की कमाई किसी तय फॉर्मूले में नहीं बंधी होती यह पूरी तरह लोकेशन, फुटफॉल, शहर की खरीद क्षमता, आसपास की प्रतिस्पर्धा और आपके ऑपरेशन की मजबूती पर टिकी रहती है। फिर भी इंडस्ट्री के औसत अनुमानों को देखें तो एक सामान्य आउटलेट की दैनिक बिक्री लगभग ₹20,000 से ₹30,000 के बीच रह सकती है, जिससे मासिक सेल करीब ₹6 लाख से ₹9 लाख तक पहुंचने की संभावना बनती है। हालांकि असली गणित तब शुरू होता है जब रॉयल्टी, स्टाफ सैलरी, रेंट, यूटिलिटी, कच्चा माल और अन्य ऑपरेशनल खर्च कटते हैं ,इन सबके बाद प्रॉफिट मार्जिन आम तौर पर 10% से 20% के दायरे में माना जाता है। अच्छे मैनेजमेंट और मजबूत बिक्री वाले मामलों में नेट प्रॉफिट ₹3 लाख से ₹4 लाख प्रति माह तक भी देखने को मिल सकता है, लेकिन यह पूरी तरह परफॉर्मेंस-ड्रिवन है। जैसे-जैसे ब्रांड की पकड़ इलाके में मजबूत होती है, रेगुलर कस्टमर बेस बनता है और ऑनलाइन/डिलीवरी ऑर्डर की हिस्सेदारी बढ़ती है—वैसे-वैसे कमाई का ग्राफ भी धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता जाता है।

Burger King फ्रैंचाइजी के लिए आवेदन कैसे करें?

प्रक्रिया आम तौर पर चरणों में चलती है:

  1. कंपनी से फ्रैंचाइजी इन्क्वायरी
  2. लोकेशन, निवेश और अनुभव की डिटेल शेयर करना
  3. कंपनी की ओर से फाइनेंशियल और बिजनेस असेसमेंट
  4. इंटरव्यू/डिस्कशन
  5. लोकेशन विजिट और फाइनल अप्रूवल
  6. एग्रीमेंट/कानूनी डॉक्यूमेंटेशन
  7. ट्रेनिंग और सेटअप
  8. आउटलेट लॉन्च

आपने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार फ्रैंचाइज़ी से जुड़ी डिटेल के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी मिलती है और ई-मेल के जरिए संपर्क किया जाता है: franchisee.india@burgerking.in

(आप अपने पास उपलब्ध लोकेशन, निवेश क्षमता और अनुभव की डिटेल भेजते हैं।)

निवेश से पहले ये 5 बातें जरूर चेक करें

  1. लोकेशन की कैटेगरी: ऑफिस बेल्ट, हाई-स्ट्रीट, मॉल, हाईवे क्या आपके इलाके में डिमांड टिकाऊ है?
  2. कम्पटीशन मैप: आसपास QSR ब्रांड्स/लोकल चेन कितनी मजबूत हैं?
  3. पार्किंग + विजिबिलिटी: ग्राहक “दिखेगा तब आएगा”—यह नियम यहां सबसे ज्यादा काम करता है।
  4. डिलीवरी पोटेंशियल: ऑनलाइन ऑर्डर आज कमाई का बड़ा हिस्सा बन चुका है।
  5. मैनेजमेंट टीम: सिर्फ पैसा नहीं, ऑपरेशन की टीम आपका असली इंजन होगी। How to Open a Burger King Franchise

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आसमान छू रहा सोना-चांदी का ग्राफ, निवेशकों के लिए क्या है संकेत?

सोना और चांदी की कीमतों में भारी तेजी देखने को मिल रहा है। बीते 5 दिनों में सोना 5,744 रुपये और चांदी 32,000 रुपये महंगी हुई। यहां जानिए MCX और घरेलू मार्केट रेट, सोने-चांदी में निवेश के सही समय और तेजी के मुख्य कारण।

Gold silver rate update
सोना-चांदी में लगातार बढ़ोतरी
locationभारत
userअसमीना
calendar28 Dec 2025 02:32 PM
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सोना और चांदी की कीमतें साल 2025 के अंत में लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। निवेशक और ज्वेलरी खरीदने वाले इस समय कीमतों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। बीते पांच कारोबारी दिनों में 1 किलो चांदी का भाव 32,000 रुपये और 10 ग्राम सोने का भाव 5,744 रुपये बढ़ गया है। इस तेजी के पीछे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमतों का बढ़ना, डॉलर की कमजोरी और इंडस्ट्रियल डिमांड जैसे कारण हैं।

चांदी ने निवेशकों को चौंकाया

इस सप्ताह चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया। MCX वायदा कारोबार में 19 दिसंबर को 1 किलो चांदी 2,08,439 रुपये थी, जो शुक्रवार तक बढ़कर 2,40,935 रुपये पर पहुंच गई। यानी सिर्फ पांच कारोबारी दिनों में 32,496 रुपये की बढ़ोतरी हुई। इंडस्ट्रियल डिमांड और वैश्विक मार्केट की तेजी के कारण चांदी के रेट लगातार ऊपर जा रहे हैं। यह निवेशकों और ज्वेलर्स दोनों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है कि चांदी में निवेश अभी लाभकारी साबित हो सकता है।

सोना भी नहीं रहा पीछे

सोना भी पीछे नहीं है। MCX पर 19 दिसंबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का रेट 1,34,196 रुपये था जो शुक्रवार तक बढ़कर 1,39,940 रुपये पर पहुंच गया। घरेलू मार्केट में भी यही रुझान देखने को मिला। IBJA के अनुसार 24 कैरेट सोना 19 दिसंबर को 1,31,779 रुपये प्रति 10 ग्राम था जबकि शुक्रवार को 1,37,956 रुपये पर बंद हुआ। अलग-अलग क्वालिटी के सोने के रेट भी हफ्तेभर में बढ़े हैं।

कैसा है सोने-चांदी का हाल?

IBJA के मुताबिक 19 दिसंबर को 1 किलो चांदी 2,00,067 रुपये थी जो शुक्रवार को बढ़कर 2,28,107 रुपये पर पहुंच गई। हफ्तेभर में यह 28,040 रुपये की बढ़ोतरी दर्शाती है। ज्वेलरी खरीदते समय सोने-चांदी के रेट में 3% GST और मेकिंग चार्ज भी जोड़ना पड़ता है जिससे कुल खर्च बढ़ जाता है।

सोना-चांदी में तेजी के पीछे कई कारण

सोना-चांदी में तेजी के पीछे कई कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में उछाल, अमेरिका में डॉलर की कमजोरी और FED Rate Cut की उम्मीदों ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्ति की ओर मोड़ा है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल डिमांड, खासकर चांदी की उद्योग में जरूरत, और वैश्विक मार्केट में सप्लाई-डिमांड असंतुलन ने कीमतों को और बढ़ावा दिया है। इस समय सोना और चांदी में निवेशक और ज्वेलर्स दोनों को सावधानी बरतनी चाहिए। वर्तमान में यह तेजी निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकती है लेकिन खरीदारी करते समय GST और मेकिंग चार्ज को ध्यान में रखना जरूरी है।

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लॉजिस्टिक्स सेक्टर की यह कंपनी लाएगी बड़ा पब्लिक इश्यू, जानिए पूरी डिटेल

Yatayat Corporation India IPO की पूरी जानकारी पढ़ें। कंपनी ने SEBI के पास DRHP जमा किया है। IPO का साइज, 77 लाख नए शेयर, OFS डिटेल्स, बिजनेस मॉडल, भारत-बांग्लादेश क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स, फाइनेंशियल परफॉर्मेंस और निवेश से जुड़ी अहम बातें जानिए।

Yatayat Corporation India ipo
Yatayat Corporation India ipo
locationभारत
userअसमीना
calendar26 Dec 2025 03:06 PM
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भारत के तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर से जुड़ी कंपनी यातायात कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड अब शेयर बाजार में उतरने की तैयारी कर चुकी है। गुजरात की यह कंपनी ट्रक मालढुलाई और क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स सेवाओं में मजबूत पहचान रखती है। कंपनी ने अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर यानी IPO के लिए कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिया है। इस IPO के जरिए कंपनी निवेशकों से पूंजी जुटाकर अपने कारोबार को और मजबूत करना चाहती है।

कुल 1.33 करोड़ इक्विटी शेयर होंगे शामिल

ड्राफ्ट दस्तावेजों के मुताबिक, यातायात कॉरपोरेशन इंडिया के IPO में कुल 1.33 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल होंगे। इसमें 77 लाख नए शेयर जारी किए जाएंगे, जबकि प्रमोटर्स की ओर से 56 लाख इक्विटी शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत बेचे जाएंगे। नए शेयरों के जरिए जुटाई गई राशि सीधे कंपनी को मिलेगी जबकि OFS से होने वाली रकम प्रमोटर्स को प्राप्त होगी। कंपनी प्री-IPO प्लेसमेंट के जरिए 100 करोड़ रुपये तक जुटाने की संभावना भी तलाश रही है जिससे IPO का आकार घटाया जा सकता है।

समय पर होती है सुरक्षित डिलीवरी

यातायात कॉरपोरेशन इंडिया का मुख्य कारोबार ट्रक आधारित फ्रेट ट्रांसपोर्टेशन पर केंद्रित है। कंपनी भारत के 12 राज्यों में फैली 34 शाखाओं और एक वेयरहाउस के माध्यम से अपने ऑपरेशंस संचालित करती है। इसका नेटवर्क और ऑपरेशनल स्ट्रेंथ इसे लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक मजबूत खिलाड़ी बनाता है जिससे समय पर और सुरक्षित डिलीवरी सुनिश्चित होती है।

कंपनी की सबसे बड़ी खासियत

कंपनी की सबसे बड़ी खासियत इसकी क्रॉस-बॉर्डर एक्सपोर्ट क्षमता है, खासकर भारत और बांग्लादेश के बीच। यह विशेषता इसे अन्य लॉजिस्टिक्स कंपनियों से अलग बनाती है। यातायात का सर्विस पोर्टफोलियो काफी व्यापक है, जिसमें पार्ट ट्रक लोड कार्गो, एक्सप्रेस फ्रेट, ओवर डाइमेंशनल कार्गो और मल्टीमॉडल फ्रेट सर्विस शामिल हैं। इसके अलावा कंपनी अपनी 100 प्रतिशत मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी के जरिए कस्टम हाउस एजेंट और फ्रेट फॉरवर्डिंग सेवाएं भी प्रदान करती है।

अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े हैं क्लाइंट्स

यातायात कॉरपोरेशन इंडिया के क्लाइंट्स कई अलग-अलग सेक्टर्स से जुड़े हुए हैं जिनमें एग्रीकल्चर और एग्री-इनपुट्स, बिल्डिंग मैटीरियल और कंस्ट्रक्शन, केमिकल्स, एनर्जी और पावर, इंजीनियरिंग और इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग, आईटी और टेक्नोलॉजी, मेटल्स और माइनिंग, टेक्सटाइल्स और अन्य इंडस्ट्रियल व कंज्यूमर सेगमेंट शामिल हैं। इस तरह का विविध क्लाइंट बेस कंपनी को बिजनेस में स्थिरता और निरंतर ग्रोथ प्रदान करता है। IPO से मिलने वाली राशि का उपयोग कंपनी अपनी वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए करेगी। इस पब्लिक इश्यू के लिए यूनिस्टोन कैपिटल को एकमात्र बुक रनिंग लीड मैनेजर नियुक्त किया गया है जो IPO प्रक्रिया को मैनेज करेगा।

हाल के वर्षों में मजबूत ग्रोथ

वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो यातायात कॉरपोरेशन इंडिया ने हाल के वर्षों में मजबूत ग्रोथ दिखाई है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 348.34 करोड़ रुपये रहा था, जो वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 448.13 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वहीं, शुद्ध मुनाफा भी एक साल में दोगुना होकर 15 करोड़ रुपये से बढ़कर 30 करोड़ रुपये हो गया। यह आंकड़े कंपनी की बढ़ती ऑपरेशनल क्षमता और मजबूत बिजनेस मॉडल को दर्शाते हैं।

(Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। चेतना मंच की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

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