Manish Sisodia: मैं मेरा परिवार पाक-साफ, मुझे क्लीनचिट मिल गई: मनीष सिसोदिया
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 01:37 PM
New Delhi : नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच चल रही सियासी दंगल के बीच, मंगलवार को दिल्ली की नई आबकारी नीति के मामले में सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच की। आधे घंटे से ज्यादा सीबीआई की टीम ने बैंक लॉकर की तलाशी ली। सीबीआई जांच के दौरान मनीष सिसोदिया पत्नी के साथ बैंक में मौजूद रहे।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सीबीआई की तलाश के बाद मीडिया से कहा कि मेरे बैंक लॉकर में कुछ भी नहीं मिला, जैसे सीबीआई छापे के दौरान मेरे आवास पर कुछ भी नहीं मिला था। मैं खुश हूं कि मुझे क्लीन चिट मिल गई है। सीबीआई अधिकारियों ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया और हमने भी उनका सहयोग किया। सच्चाई की जीत हुई।
केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि जैसे मेरे घर से कुछ नहीं मिला, वैसे ही मेरे बैंक लॉकर से कुछ नहीं मिला। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने मेरे घर पर छापा पड़वाया, मेरे लॉकर की जांच करवाई, जिसमें से कुछ नहीं मिला। यह सबूत है कि जांच में मेरा परिवार और मैं पाक साफ निकला।
मनीष सिसोदिया के घर पर लगभग दो हफ्ते पहले सीबीआई की तरफ से छापा मारा गया था। मनीष सिसोदिया ने इस मामले में ट्वीट कर कहा था, कल सीबीआई हमारे बैंक लॉकर पर छापा मारने आ रही है। 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे की छापेमारी में कुछ भी नहीं मिला। लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा। सीबीआई का स्वागत है।
सीबीआई रेड के बाद सिसोदिया ने कहा कि मेरे बैंक के लॉकर में कुछ नहीं निकाला। मैं और मेरा परिवार पाक-साफ हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई मुझे 2-3 महीने के लिए जेल भेजना चाहती है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें एक झूठे मामले में आरोपी बनाया गया है। ताकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगे बढ़ने से रोका जा सके। साल-2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर जनता अरविंद केजरीवाल को देख रही है।
बता दें कि दिल्ली की नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस सीबीआई ने केस दर्ज करते हुए 19 अगस्त को इस मामले में मनीष सिसोदिया के आवास समेत 31 स्थानों पर छापे मारे थे। हालांकि इस रेड में सीबीआई के हाथ खाली रहे। गौरतलब है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। भारी विरोध के बाद केजरीवाल सरकार ने जुलाई में इस नीति को वापस ले लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितता की जांच करने के लिए धनशोधन का मामला दर्ज किया है।
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29 Nov 2025 01:37 PM
New Delhi : नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच चल रही सियासी दंगल के बीच, मंगलवार को दिल्ली की नई आबकारी नीति के मामले में सीबीआई ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की जांच की। आधे घंटे से ज्यादा सीबीआई की टीम ने बैंक लॉकर की तलाशी ली। सीबीआई जांच के दौरान मनीष सिसोदिया पत्नी के साथ बैंक में मौजूद रहे।
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सीबीआई की तलाश के बाद मीडिया से कहा कि मेरे बैंक लॉकर में कुछ भी नहीं मिला, जैसे सीबीआई छापे के दौरान मेरे आवास पर कुछ भी नहीं मिला था। मैं खुश हूं कि मुझे क्लीन चिट मिल गई है। सीबीआई अधिकारियों ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार किया और हमने भी उनका सहयोग किया। सच्चाई की जीत हुई।
केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि जैसे मेरे घर से कुछ नहीं मिला, वैसे ही मेरे बैंक लॉकर से कुछ नहीं मिला। मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने मेरे घर पर छापा पड़वाया, मेरे लॉकर की जांच करवाई, जिसमें से कुछ नहीं मिला। यह सबूत है कि जांच में मेरा परिवार और मैं पाक साफ निकला।
मनीष सिसोदिया के घर पर लगभग दो हफ्ते पहले सीबीआई की तरफ से छापा मारा गया था। मनीष सिसोदिया ने इस मामले में ट्वीट कर कहा था, कल सीबीआई हमारे बैंक लॉकर पर छापा मारने आ रही है। 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे की छापेमारी में कुछ भी नहीं मिला। लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा। सीबीआई का स्वागत है।
सीबीआई रेड के बाद सिसोदिया ने कहा कि मेरे बैंक के लॉकर में कुछ नहीं निकाला। मैं और मेरा परिवार पाक-साफ हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई मुझे 2-3 महीने के लिए जेल भेजना चाहती है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उन्हें एक झूठे मामले में आरोपी बनाया गया है। ताकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आगे बढ़ने से रोका जा सके। साल-2024 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के तौर पर जनता अरविंद केजरीवाल को देख रही है।
बता दें कि दिल्ली की नई आबकारी नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इस सीबीआई ने केस दर्ज करते हुए 19 अगस्त को इस मामले में मनीष सिसोदिया के आवास समेत 31 स्थानों पर छापे मारे थे। हालांकि इस रेड में सीबीआई के हाथ खाली रहे। गौरतलब है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। भारी विरोध के बाद केजरीवाल सरकार ने जुलाई में इस नीति को वापस ले लिया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितता की जांच करने के लिए धनशोधन का मामला दर्ज किया है।
Supreme Court : सर्वोच्च अदालत ने किया बाबरी ढांचा विध्वंस से जुड़ेे सभी मामलों को बंद करने का फैसला
भारत
चेतना मंच
30 Aug 2022 07:19 PM
New Delhi : नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहाए जाने से संबंधित सभी मामलों को बंद करने का फैसला किया है। कोर्ट ने इसे लेकर दायर अवमानना की सभी याचिकाओं को भी बंद कर दिया है। ये सभी याचिकाएं वर्ष-1992 में बाबरी मस्जिद को गिराने से रोकने में विफल रहने के लिए प्रदेश सरकार और इसके कुछ अधिकारियों के खिलाफ दायर की गई थी।
इस मामले में याचिकाकर्ता का नाम असलम भूरे है, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। शीर्ष अदालत ने कहा कि वक्त काफी बीत चुका है और अब इस मामले में नया कुछ नहीं रहा है। इसी के साथ साल, 2019 में राम मंदिर मुद्दे पर आए फैसले को देखते हुए अब इन याचिकाओं को बंद किया जाता है।
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30 Aug 2022 07:19 PM
New Delhi : नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद के ढांचे को ढहाए जाने से संबंधित सभी मामलों को बंद करने का फैसला किया है। कोर्ट ने इसे लेकर दायर अवमानना की सभी याचिकाओं को भी बंद कर दिया है। ये सभी याचिकाएं वर्ष-1992 में बाबरी मस्जिद को गिराने से रोकने में विफल रहने के लिए प्रदेश सरकार और इसके कुछ अधिकारियों के खिलाफ दायर की गई थी।
इस मामले में याचिकाकर्ता का नाम असलम भूरे है, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। शीर्ष अदालत ने कहा कि वक्त काफी बीत चुका है और अब इस मामले में नया कुछ नहीं रहा है। इसी के साथ साल, 2019 में राम मंदिर मुद्दे पर आए फैसले को देखते हुए अब इन याचिकाओं को बंद किया जाता है।
Supreme Court : गुजरात दंगे से जुड़े सभी केस बंद, अब नहीं होगी सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट
The Supreme Court will hear the petition of Rana Ayyub on January 31
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 01:33 AM
New Delhi : नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ही सुप्रीम कोर्ट ने साल-2002 के गुजरात दंगों से जुड़े सभी केस की सुनवाई को बंद करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा दायर 10 याचिकाओं का निपटारा किया, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हिंसा के मामलों में उचित जांच की मांग की गई थी। इन मामलों में एनएचआरसी द्वारा दायर स्थानांतरण याचिकाएं, दंगा पीड़ितों द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाएं और 2003-2004 के दौरान एनजीओ सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा दायर रिट याचिका शामिल थी, जिसमें हिंसा के मामलों में गुजरात पुलिस से सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामलों को निराधार करार दिया है। अदालत ने दंगों से संबंधित नौ मामलों की जांच और अभियोजन के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था। इनमें से आठ मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है। एसआईटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि नरोदा गांव क्षेत्र से संबंधित केवल एक मामले (नौ मामलों में से) की सुनवाई अभी लंबित है और अंतिम बहस के चरण में है। अन्य मामलों में, परीक्षण पूरे हो गए हैं और मामले उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपीलीय स्तर पर हैं।
इस बीच, एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी। तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगों से जुड़े फर्जी सबूत पेश करने और निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो गुजरात केस में कोर्ट में पेश हुए, उन्होंने जस्टिस यूयू ललित की बेंच से कहा कि सीतलवाड़ की याचिका तैयार है लेकिन उसमें कुछ सुधार की जरूरत है।
भारत
चेतना मंच
29 Nov 2025 01:33 AM
New Delhi : नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस की तरह ही सुप्रीम कोर्ट ने साल-2002 के गुजरात दंगों से जुड़े सभी केस की सुनवाई को बंद करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा दायर 10 याचिकाओं का निपटारा किया, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों के दौरान हिंसा के मामलों में उचित जांच की मांग की गई थी। इन मामलों में एनएचआरसी द्वारा दायर स्थानांतरण याचिकाएं, दंगा पीड़ितों द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिकाएं और 2003-2004 के दौरान एनजीओ सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस द्वारा दायर रिट याचिका शामिल थी, जिसमें हिंसा के मामलों में गुजरात पुलिस से सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मामलों को निराधार करार दिया है। अदालत ने दंगों से संबंधित नौ मामलों की जांच और अभियोजन के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया था। इनमें से आठ मामलों में सुनवाई पूरी हो चुकी है। एसआईटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि नरोदा गांव क्षेत्र से संबंधित केवल एक मामले (नौ मामलों में से) की सुनवाई अभी लंबित है और अंतिम बहस के चरण में है। अन्य मामलों में, परीक्षण पूरे हो गए हैं और मामले उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपीलीय स्तर पर हैं।
इस बीच, एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी। तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगों से जुड़े फर्जी सबूत पेश करने और निर्दोष लोगों को फंसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो गुजरात केस में कोर्ट में पेश हुए, उन्होंने जस्टिस यूयू ललित की बेंच से कहा कि सीतलवाड़ की याचिका तैयार है लेकिन उसमें कुछ सुधार की जरूरत है।