NCRTC : दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर पर मोर पंख के रंगों से सजे स्टेशन

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एनसीआरटीसी के मेरठ-दिल्ली कॉरिडोर पर इस समय तेजी से कसम चल रहा है। स्टेशन के बाहरी फसाड के रंगों की प्रेरणा भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के पंखों की छटा में बिखरी रंगावली से ली गई है। फसाड की संरचना को नीले रंग के 2 शेड्स और बेज़ रंग में बनाया गया है। रैपिडएक्स कॉरिडोर के स्टेशनों की बाहरी छत के दोनो किनारों को उठा हुआ बनाया गया है जो गति को दर्शाता है। इस विशेष डिज़ाइन के पीछे एक वजह यह भी है कि रैपिडएक्स कॉरिडोर के स्टेशनों की चौड़ाई प्रत्येक स्टेशन के हिसाब से अलग-अलग हैं। एनसीआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए और प्रकृति से सामंजस्य बनाते हुए स्टेशन को हवादार, खुला और प्राकृतिक रौशनी से प्रकाशित बनाया है। इसके लिए स्टेशनों की दीवार के लिए बेज़ रंग के छिद्रित पैनल लगाए गए हैं जो आसपास के वातावरण के साथ एकीकरण को भी दर्शाते हैं। साथ ही रेलिंग के साथ-साथ बेज़ रंग के लूव्र लगाए गए हैं। स्टेशन के विस्तार के पैमाने को दर्शाने और स्टेशन को ख़ास पहचान देने के लिए, फसाड की संकल्पना स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल से ही की गई है। इस डिज़ाइन की एक विशिष्टता यह भी है कि मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के अंतर्गत बनाए गए फुट-ओवर ब्रिज भी इन्ही रंगों में रंगे होंगे। स्टेशन के अंदर भी डिज़ाइन पर ख़ासा ध्यान दिया गया है। स्टेशन की फ्लोरिंग के लिए, जिन जगहों पर यात्रियों का आवागमन अधिक रहता है, वहाँ हार्ड मटेरियल जैसे ग्रेनाइट या इपॉक्सी का प्रयोग किया गया है। बाकी स्टेशन की फ्लोरिंग के लिए वैक्यूमाइज़्ड डेंस कॉनक्रीट (वीडीसी) का उपयोग किया गया है। स्टेशन को अधिक हवादार, विशाल, खुला और प्रकाशित दिखाने के लिए स्टेशन के अंदर शीशे की लिफ्ट लगाई गई हैं। इनमें से कुछ लिफ्ट आकार में बड़ी हैं ताकि आवश्यकता पडऩे पर स्ट्रेचर को आसानी से लाया- ले जाया जा सके। प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतज़ार करते यात्रियों की सुविधा के लिए बैठने के लिए सीट का प्रावधान है। साथ ही, उनकी सुरक्षा के लिए हर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) लगाए गए हैं। यह पीएसडी ट्रेन के सिग्नलिंग सिस्टम से जुड़े होंगे, यानी ट्रेन के दरवाज़े और पीएसडी, दोनों के बंद होने के बाद ही ट्रेन को चलाया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी स्टेशनों में, कॉनकोर्स लेवल के पेड एरिया में पीने के पानी और वॉशरूम की सुविधा दी गई है। कॉरिडोर के बड़े स्टेशनों में, जहां मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के अंतर्गत कनेक्टिविटी दी जा रही है, वॉशरूम की सुविधा स्ट्रीट लेवल पर भी दी गई है। छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों की सुविधा का भी ख़ास ख्याल रखते हुए हर मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन प्रदान करने वाले स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल पर एक कक्ष का प्रावधान रखा गया है जिसमें डाइपर चेंजिंग स्टेशन भी बनाया गया है। दृष्टिबाधित व्यक्तियों के सुविधाजनक आवागमन के लिए रैपिडएक्स स्टेशन पर विशेष व्यवस्था की गई है। उन्हें किसी भी तरह के भ्रम से बचाने और स्टेशन में मुख्य जगहों पर आने-जाने के लिए सीधा-सरल रास्ता दिखाने के लिए विशिष्ट टैकटाइल पाथ बनाया गया है। सभी रैपिडएक्स स्टेशन युनीवर्सली एक्सेसिबल हैं।- एनसीआरटीसी पर यात्री सुविधाएं - स्टेशन के अंदर शीशे की बड़ी लिफ्ट - सुरक्षा के लिए प्लेटफार्म स्क्रीन डोर्स - पेड एरिया में पीने का पानी व वॉशरूम की सुविधा - दृष्टिïबाधितों के लिए टेकटाइल पाथ
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एनसीआरटीसी के मेरठ-दिल्ली कॉरिडोर पर इस समय तेजी से कसम चल रहा है। स्टेशन के बाहरी फसाड के रंगों की प्रेरणा भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर के पंखों की छटा में बिखरी रंगावली से ली गई है। फसाड की संरचना को नीले रंग के 2 शेड्स और बेज़ रंग में बनाया गया है। रैपिडएक्स कॉरिडोर के स्टेशनों की बाहरी छत के दोनो किनारों को उठा हुआ बनाया गया है जो गति को दर्शाता है। इस विशेष डिज़ाइन के पीछे एक वजह यह भी है कि रैपिडएक्स कॉरिडोर के स्टेशनों की चौड़ाई प्रत्येक स्टेशन के हिसाब से अलग-अलग हैं। एनसीआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए और प्रकृति से सामंजस्य बनाते हुए स्टेशन को हवादार, खुला और प्राकृतिक रौशनी से प्रकाशित बनाया है। इसके लिए स्टेशनों की दीवार के लिए बेज़ रंग के छिद्रित पैनल लगाए गए हैं जो आसपास के वातावरण के साथ एकीकरण को भी दर्शाते हैं। साथ ही रेलिंग के साथ-साथ बेज़ रंग के लूव्र लगाए गए हैं। स्टेशन के विस्तार के पैमाने को दर्शाने और स्टेशन को ख़ास पहचान देने के लिए, फसाड की संकल्पना स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल से ही की गई है। इस डिज़ाइन की एक विशिष्टता यह भी है कि मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के अंतर्गत बनाए गए फुट-ओवर ब्रिज भी इन्ही रंगों में रंगे होंगे। स्टेशन के अंदर भी डिज़ाइन पर ख़ासा ध्यान दिया गया है। स्टेशन की फ्लोरिंग के लिए, जिन जगहों पर यात्रियों का आवागमन अधिक रहता है, वहाँ हार्ड मटेरियल जैसे ग्रेनाइट या इपॉक्सी का प्रयोग किया गया है। बाकी स्टेशन की फ्लोरिंग के लिए वैक्यूमाइज़्ड डेंस कॉनक्रीट (वीडीसी) का उपयोग किया गया है। स्टेशन को अधिक हवादार, विशाल, खुला और प्रकाशित दिखाने के लिए स्टेशन के अंदर शीशे की लिफ्ट लगाई गई हैं। इनमें से कुछ लिफ्ट आकार में बड़ी हैं ताकि आवश्यकता पडऩे पर स्ट्रेचर को आसानी से लाया- ले जाया जा सके। प्लेटफॉर्म पर ट्रेन का इंतज़ार करते यात्रियों की सुविधा के लिए बैठने के लिए सीट का प्रावधान है। साथ ही, उनकी सुरक्षा के लिए हर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (पीएसडी) लगाए गए हैं। यह पीएसडी ट्रेन के सिग्नलिंग सिस्टम से जुड़े होंगे, यानी ट्रेन के दरवाज़े और पीएसडी, दोनों के बंद होने के बाद ही ट्रेन को चलाया जा सकेगा। इसके अलावा, सभी स्टेशनों में, कॉनकोर्स लेवल के पेड एरिया में पीने के पानी और वॉशरूम की सुविधा दी गई है। कॉरिडोर के बड़े स्टेशनों में, जहां मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन के अंतर्गत कनेक्टिविटी दी जा रही है, वॉशरूम की सुविधा स्ट्रीट लेवल पर भी दी गई है। छोटे बच्चों के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों की सुविधा का भी ख़ास ख्याल रखते हुए हर मल्टी-मॉडल इंटीग्रेशन प्रदान करने वाले स्टेशन के कॉनकोर्स लेवल पर एक कक्ष का प्रावधान रखा गया है जिसमें डाइपर चेंजिंग स्टेशन भी बनाया गया है। दृष्टिबाधित व्यक्तियों के सुविधाजनक आवागमन के लिए रैपिडएक्स स्टेशन पर विशेष व्यवस्था की गई है। उन्हें किसी भी तरह के भ्रम से बचाने और स्टेशन में मुख्य जगहों पर आने-जाने के लिए सीधा-सरल रास्ता दिखाने के लिए विशिष्ट टैकटाइल पाथ बनाया गया है। सभी रैपिडएक्स स्टेशन युनीवर्सली एक्सेसिबल हैं।- एनसीआरटीसी पर यात्री सुविधाएं - स्टेशन के अंदर शीशे की बड़ी लिफ्ट - सुरक्षा के लिए प्लेटफार्म स्क्रीन डोर्स - पेड एरिया में पीने का पानी व वॉशरूम की सुविधा - दृष्टिïबाधितों के लिए टेकटाइल पाथ
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