Saturday, 4 May 2024

Greater Noida News : अफ़्रीकी छात्रों के लिए मददगार साबित हो रहे भारतीय छात्र

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में शुरू यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकथॉन में 22 अफ्रीकन देशों से आए…

Greater Noida News : अफ़्रीकी छात्रों के लिए मददगार साबित हो रहे भारतीय छात्र

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में शुरू यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकथॉन में 22 अफ्रीकन देशों से आए विदेशी छात्र अपनी भाषा में बात कर रहे हैं। ऐसे में इस प्रतियोगिता में आए छात्रों की मदद के लिए भारतीय छात्र-छात्राओं ने अहम भूमिका निभा रहे हैं। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के करीब 40 टीचर के साथ ही करीब 211 छात्र-छात्राओं के साथ ही करीब 211 भारतीय छात्र विदेशी छात्रों की मदद कर रहे हैं।

भारतीय छात्र-छात्राएं फोन के माध्यम से विदेशी छात्रों की भाषा को कन्वर्ट करके उनकी हरसंभव मदद के लिए प्रयास कर रहे हैं। साथ ही तकनीकी क्षेत्र में भी उनको आगे बढ़ने के लिए भी स्मार्ट इंडिया हैकाथान जुड़े छात्र भी 36 घंटे होने वाली प्रतियोगिता में शामिल होंगे।

36 घंटे विभिन्न समस्याओं का निकलेंगे समाधान :

यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकाथान में 22 अफ़्रीकी देशों के करीब 22 अफ्रीकी देशों 372 छात्र और 231 भारतीय छात्र हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही जीबीयू की करीब 40 टीचर, 80 स्टाफ और करीब 211 विभिन्न पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राए वालंटियर के तौर पर मदद कर रहे हैं। कई अफ़्रीकी देशों से आए छात्र अंग्रेजी के बजाए अपनी भाषा में बात करते हैं। प्रतियोगिता में कन्वर्टर की व्यवस्था न होने की वजह से भारतीय छात्र मददगार साबित हो रहे हैं। ऐसे में भारतीय छात्र फोन के माध्यम से उनकी भाषा को कन्वर्ट करके हरसंभव मदद के लिए प्रयास करते हैं। यहां पहुंचे विदेशी छात्रों को अतिथि देवो भव: का एहसास हो रहा है। वालंटियर उन्हें हर मदद देने के लिए तैयार रहते हैं।

20 तारीख से विदेशी छात्रों की मदद में लगी टीम :

जीबीयू वालंटियर शैली नागर, तनिष यादव, अंजलि सिंह ने बताया कि अफ्रीकी देशों से आए कई छात्र अंग्रेजी के बजाए अपनी भाषा में बात करते हैं। ऐसे में इन छात्र-छात्राओं की समस्या को समझने और उनको हल करने में दिक्कत रहती है। उन्होंने बताया कि विदेशी छात्र-छात्राओं के देश की भाषा को ऑनलाइन फोन के माध्यम से कन्वर्ट करके अंग्रेजी में करते हैं, जिसके बाद खुद समझकर उनकी समस्या को सुनाते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ देशों के कई छात्र-छात्राएं ऐसे भी हैं,जो भारतीय छात्र से घुल मिल गए हैं। ऐसे में उनके सामने हिंदी में बात करने पर वे क्या बोला पूछते हैं, जिसके बाद उसको हिंदी में बोलने के लिए खुद से प्रयास करते हुए दिखाई देते हैं। इससे उन्हें खुशी है कि वह बहुत जल्द हिंदी बोलने लगे हैं। वह प्रयास करते हैं कि उन्हें किसी तरह की दिक्कत ना हो। वालंटियर में शैली, दीया सिंह, आशीष कुशवाहा, श्रेयांश खोखरे, उज्ज्वल कुमार मदद कर रहे हैं।

प्रतियोगिता में भी विदेशी बच्चों के ग्रुप में भारतीय छात्र :

36 घंटे चलने वाले यूनेस्को इंडिया अफ्रीका हैकाथान में होने वाली प्रतियोगिता में विदेशी छात्र-छात्राओं के ग्रुप में विदेशी बच्चों के साथ ही भारतीय छात्र-छात्राओं को भी जोड़ा है। इसमें एक प्रशिक्षक के साथ ही भारतीय छात्र भी आए हैं।

Related Post