ग्रेटर नोएडा। पतवाड़ी गांव में आबादी निस्तारण होने से पहले ही प्राधिकरण का दस्ता सरजीत यादव की आबादी को तोड़ने पहुंच गया। लेकिन, किसान सभा के कार्यकर्ताओं के विरोध के कारण उसे बैरंग लौटना पड़ा।
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अखिल भारतीय किसान सभा के प्रवक्ता डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि पतवाड़ी गांव के आबादी के मामलों की सुनवाई एक मार्च को हुई थी। उसमें एसीईओ की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं दिया है। पिछले महीने 7 फरवरी के किसान सभा के आंदोलन में वार्ता के बाद सीईओ रितु माहेश्वरी ने इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि जब तक किसानों की आबादियों का निस्तारण नहीं हो जाता, तब तक आबादियों में तोड़फोड़ नहीं की जाएगी। उन्होंने 6 फीसदी के प्लाट भी आबादियों में नियोजित नहीं करने की बात कही थी। इसके बावजूद 21 फरवरी को गबरी मुखिया की पुश्तैनी आबादी पर एवं 16 मार्च को सरजीत यादव की पुश्तैनी आबादी पर प्राधिकरण ने नाजायज तोड़फोड़ करने की कोशिश की।
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प्राधिकरण की इस कार्रवाई का किसानों ने विरोध करने का फैसला किया। किसानों के नियमानुसार आबादियों की लीजबैक को रोके जाने, 10 फीसदी आबादी के प्लाट नहीं दिए जाने और शासनादेश के बावजूद रोजगार नहीं देने से क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। इसी आक्रोश की अभिव्यक्ति 15 मार्च को दादरी विधायक तेजपाल नागर के घेराव में व्यक्त हुई थी।
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किसान सभा ने 14 मार्च के आंदोलन में प्राधिकरण पर सैकड़ों की संख्या में धरना प्रदर्शन किया था, जिसमें प्राधिकरण के अधिकारियों ने 23 मार्च की शाम चार बजे सीईओ रितु माहेश्वरी के साथ वार्ता का समय रखा है। किसान सभा के कार्यकर्ता गांवों में जनजागरण अभियान चलाते हुए अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी में लगे हैं। यदि प्राधिकरण ने किसानों की समस्याओं का संतोषजनक हल नहीं निकला तो किसानों का धरना अनिश्चितकालीन धरने में परिवर्तित हो जाएगा।
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मौके पर मौजूद किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने प्राधिकरण को चेतावनी दी। उन्होंने प्राधिकरण पर झूठ बोलने और वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जो चीज तय हो गई है, उसके विरुद्ध जाकर कार्य करने से किसानों में भारी आक्रोश है। इसकी भारी कीमत प्राधिकरण और भारतीय जनता पार्टी को चुकानी पड़ेगी। हम किसानों की आबादियों को किसी कीमत पर तोड़ने नहीं देंगे।
पतवाड़ी गांव के किसान सभा के नेता गबरी मुखिया ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा इस तरह की कार्रवाई से किसानों का आक्रोश दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। किसान प्राधिकरण के शोषण से तंग आ गए हैं। किसानों पर फर्जी मुकदमे लगाए जा रहे हैं। नोएडा में किसानों पर 307 का मुकदमा इस बात का सबूत है कि किसानों को दबाकर बिल्डरों और पूंजीपतियों के लिए जमीनों को हड़पना चाहता है।
पतवारी गांव के किसान सभा की कमेटी के धर्मवीर यादव, भोपाल यादव, राम सिंह यादव, सुरेश यादव, रोजा जलालपुर के प्रधान महाराज सिंह नागर, पीड़ित किसान सरजीत यादव, पतवाड़ी गांव के किसानों के नेता पप्पू यादव ब्रह्मजी, कृष्ण मुकद्दम, जितेंद्र, विजय, मलकपुर के किसान नेता नितिन चौहान, रामपुर फतेहपुर के किसान सभा के सचिव अजय पाल भाटी, एवं दर्जनों किसान मौके पर उपस्थित हुए। इन्होंने 23 मार्च के आंदोलन के लिए हर गांव में जनजागरण अभियान चलाने, किसानों की आबादी, 10 फीसदी प्लाट, रोजगार, 17.5% कोटा, 6% प्लाट का प्रावधान, न्यूनतम 120 मीटर के प्लाट के प्रावधान को बहाल करने एवं अन्य समस्याओं के हल के लिए लिए अनिश्चितकालीन धरने की तैयारी करने का संकल्प लिया। किसानों ने किसी भी किसान की आबादी को नहीं तोड़ने देने का संकल्प लिया।
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