Sunday, 17 November 2024

शिव नादर यूनिवर्सिटी में गूंज रहा है बड़ा सवाल: कहां से आई मौत वाली पिस्टल ??

Noida News /दादरी। शिव नादर यूनिवर्सिटी में तीन दिन पहले हुए छात्रा नेहा व छात्र अनुज हत्याकांड के बाद लगातार…

शिव नादर यूनिवर्सिटी में गूंज रहा है बड़ा सवाल: कहां से आई मौत वाली पिस्टल ??

Noida News /दादरी। शिव नादर यूनिवर्सिटी में तीन दिन पहले हुए छात्रा नेहा व छात्र अनुज हत्याकांड के बाद लगातार एक बड़ा सवाल गूंज रहा है। सवाल यह है कि जिस पिस्टल से हत्यारे छात्र अनुज ने मासूम नेहा की हत्या की थी। वह अवैध पिस्टल यूनिवर्सिटी के अंदर कैसे आया ? सवाल ये भी है कि पिस्टल कहां से आया ? इतना ही नहीं सवाल तो यह भी पूछा जा रहा है कि क्या यूनिवर्सिटी कैंपस में और हथियार भी छुपे हुए हैं।

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क्या कर रही है पुलिस ?

शिव नादर विश्वविद्यालय में छात्रा की गोली मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस अब साक्ष्य जुटाने के लिए हॉस्टल स्थित नेहा व अनुज के कमरों की जांच करेगी। दादरी एसीपी सार्थक सेंगर ने बताया कि कमरों को खोलने के लिए अधिकारियों की टीम बनाई गई है।

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साथ ही, विवि को नोटिस जारी कर पुलिस वार्डन और सुरक्षा गार्ड आदि के बयान दर्ज करेगी। पिस्टल पर छात्र अनुज की उंगलियों के ही निशान हैं। इसकी पुष्टि के लिए कमरे से कुछ वस्तुओं के फिंगरप्रिंट भी लेने की तैयारी की जा रही है। पुलिस के लिए सबसे अहम सवाल यह है कि आखिर अनुज के पास पिस्टल कहां से आई। यदि अमरोहा से आई है तो वह किन-किन लोगों से मिलता था। इसके लिए छात्र के मोबाइल की कॉल डिटेल पर जांच की जा रही है।

और भी हैं सवाल ?

इधर, पुलिस के सामने सवाल खड़े हो रहे हैं कि यदि अनुज को ब्रेन ट्यूमर था तो परिजनों को क्यों नहीं बताया। छात्रा को जब वह लगातार परेशान कर रहा था तो उसने परिजनों को कानपुर में सूचना क्यों नहीं दी। घटना की जानकारी के लिए पुलिस ने विवि प्रशासन को नोटिस जारी किया है। इसमें प्रबंधन, वार्डन, कुछ छात्र और सुरक्षा गार्ड के अलावा मेस आदि के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जाएंगे, ताकि कुछ नए तथ्य सामने आ सकें।

Noida News – बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी नेहा

छात्रा नेहा अच्छी डांसर थी। उसने लखनऊ के भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय और प्रयागराज संगीत समिति से नृत्य कोर्स भी किया था। एथलेटिक्स में भी चार स्वर्ण जीत चुकी थी। इसके अलावा वह बच्चों को पढ़ाने में भी दिलचस्पी रखती थी। कोविड काल में उसने विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था, तब बिहार के एक एनजीओ के साथ जुड़कर तीन माह तक बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया था। साथ पढ़ने वाले छात्रों की माने तो नेहा काफी सीमित रहती थी। पहले दो साल ऑनलाइन कक्षाएं चली थीं। इस कारण ज्यादा मिलना नहीं होता था। Noida News

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