Monday, 20 May 2024

सोशल मीडिया के द्वारा नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में खूब चल रहा है नशे का कारोबार

Noida News : यदि आप नोएडा अथवा ग्रेटर नोएडा शहर में रहते हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की…

सोशल मीडिया के द्वारा नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में खूब चल रहा है नशे का कारोबार

Noida News : यदि आप नोएडा अथवा ग्रेटर नोएडा शहर में रहते हैं तो यह खबर आपके बहुत काम की है। आपके घर का कोई युवक अथवा युवती कॉलिज में पढ़ता है तो फिर तो आपको सावधान होने की जरूरत है। दरअसल. नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के कॉलिजों में इन दिनों नशे का बेहद गंदा धंधा चल रहा है। सूखे नशे का कारोबार करने वाले अनेक धंधेबाज कॉलिज में पढऩे वाले युवक-युवतियों को मादक पदार्थों के सेवन की लत लगाकर बर्बाद कर रहे हैं।

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पुलिस ने पकड़ा नशा बेचने वाला गिरोह

आपको बता दें कि नोएडा कमिश्नरी पुलिस ने बुधवार को मादक पदार्थ बेचने का गंदा धंधा करने वाला एक बड़ा गिरोह पकड़ा है। इस गिरोह के एक दर्जन सदस्य सोशल मीडिया के जरिए नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में नशे का कारोबार चला रहे थे। इन धंधेबाजों के निशाने पर नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के अधिकतर कॉलिजों के छात्र-छात्राएं रहते थे। पता चला है कि इस क्षेत्र में नशे का अवैध कारोबार करने वाले ऐसे ही अनेक गिरोह अभी भी सक्रिय हैं। इस कारण आपको चाहिए कि अपने स्कूल-कॉलिज जाने वाले बच्चों पर कड़ी नजर रखें। यह ध्यान दें कि कहीं आपका बच्चा किसी गलत संगत में तो नहीं पड़ गया है।

यह गिरोह पकड़ा गया

नोएडा कमिश्नरी पुलिस में तैनात अपराध शाखा के विशेष आयुक्त रविन्द्र सिंह यादव के नेतृत्व में नोएडा पुलिस की एक टीम ने नशे का कारोबार करने वाले गिरोह को पकड़ा है। रविन्द्र प्रधान ने बताया कि पकड़े गए गिरोह के सदस्यों में मणिपुर का रहने वाला नोंगमथम, मणिपुर का ही जशोबंता सिंह, थियम तथा रविकांत, गुरूग्राम का रहने वाला रूद्रांश गुप्ता, दिल्ली का रहने वाला लक्ष्य भाटिया, दिल्ली के द्वारका का रहने वाला ऋतिक अग्रवाल तथा कानपुर का रहने वाला खलिद शामिल हैं। पकड़े गए गिरोह के कब्जे से नोएडा पुलिस ने 48 किलोग्राम गांजा, 12 ग्राम एमडीएमए नामक बेहद कीमती नशीला पदार्थ तथा डेढ़ किलोग्राम जैविक गांजा बरामद किया है। पकड़े गये पूरे गिरोह को ग्रेटर नोएडा में स्थापित लुक्सर जेल भेज दिया गया है।

सोशल मीडिया के द्वारा बेचते थे

पुलिस पुलिस के विशेष आयुक्त रविन्द्र कुमार यादव ने बताया कि इस गिरोह के सदस्य सोशल मीडिया पर प्रचार करके ग्राहक तलाश करते थे। ग्राहक मिलने पर उन्हें व्हाटसएप ग्रुप में जोड़ लेते थे। व्हाटसएप ग्रुप के द्वारा ऑर्डर मिलने पर नशे के सामान की सप्लाई की जाती थी तथा ऑनलाइन भुगतान लिया जा रहा था।

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