Ghaziabad News जनता अगर जागरूक है तो वह अपनी लड़ाई लड़ सकती है। और इस बात का बड़ा प्रमाण गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र से बड़ी खबर के साथ आया है। बता दें कि हवा में जहरीले प्रदूषण के बाबत क्षेत्र में ग्रेप लागू किया गया था और ग्रेप लागू होने के बावजूद नगर निगम द्वारा ग्रेप में लागू नियमों का उल्लंघन किया गया और जनता की शिकायत के बाद प्रदूषण बोर्ड ने नगर निगम पर 50 हजार और पटेल नगर थर्ड स्थित बीटेक कंपनी पर 25 लाख रुपये जुर्माना की संस्तुति की है।
पाइपलाइन डालने की खुदाई के दौरान धूल उड़ने की बाबत ग्रेप नियमों का उल्लंघन
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी विकास मिश्रा के मुताबिक नगर निगम की ओर से ऊर्जा मार्ग पर पानी की पाइपलाइन डालने का कार्य कराया था लेकिन नियमों का ध्यान नहीं रखा गया। क्षेत्र में ग्रेप्स लगा हुआ है क्योंकि जनता प्रदूषण की जहरीली हवा की समस्या से जूझ रही है।
स्थानीय जनता ने की थी नगर निगम में शिकायत
बता दें कि पानी की पाइप डालने के दौरान नगर निगम ने धूल से बचाव का प्रयत्न नहीं किया जबकि दिल्ली एनसीआर गाजियाबाद में प्रदूषण की भारी समस्या को देखते हुए ग्रेप लगाया हुआ है। और जनता ने नगर निगम की शिकायत प्रदूषण बोर्ड से की। जनता की शिकायत पर प्रदूषण बोर्ड द्वारा मौके पर अधिकारी भेज कर जांच कराई गई और जिम्मेदार नगर निगम सहित अन्य संस्थाओं पर भी ग्रेप कानून की धज्जियां उड़ाने की बाबत जुर्माने की संतुति की। निरीक्षण टीम की रिपोर्ट के बाद बोर्ड ने नगर निगम पर 50 हजार के जुर्माने की संतुति की है। निरीक्षण करने पहुंची टीम ने मौके से सबूत के तौर पर फोटो भी ली। पर्यावरण नियंत्रण के क्षेत्रीय अधिकारी की ओर से दोनों के खिलाफ जुर्माना लगाने की संस्तुति के साथ मौके पर लिए गए तस्वीर भी उप जिलाधिकारी को भेज दी ।
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बोर्ड द्वारा किए गए जुर्माने
इस बाबत बोर्ड ने नगर निगम पर 50 हजार रुपये और ग्रेप नियमों का उल्लंघन करने के लिए बीटेक कंपनी पर 25 लाख का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि इस संस्था को नगर निगम की ओर से 56 एमएलडी एसटीपी से पानी की सप्लाई के लिए इंदिरापुरम से साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने का कार्य सौंपा गया है। संस्था की ओर से यह कार्य करते हुए वायु प्रदूषण रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं पाई गई।
जांच के बाद लगाया जुर्माना
जांच में अत्यधिक धूल उत्सर्जित की स्थिति पाई गई जिससे आसपास के परिवेश में वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। वायु गुणवत्ता खराब करने का दोषी पाते हुए विभाग ने संस्था पर 25 लाख के जुर्माने लगाने की संस्तुति दी है। जनता की जागरूकता ने एक नामी कंपनी और नगर निगम पर भी जुर्माना लगाने के लिए मजबूर कर दिया।
प्रस्तुति मीना कौशिक
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