Delhi News : दिल्ली में होने जा रहे चुनाव में अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुख्यिा ओवैसी के भागीदारी करने के ऐलान से दिल्ली की सियासत गरमा गई है। इसी क्रम में ओवैसी की पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष शोएब जामई ने हाल ही में तिहाड़ जेल में बंद 2020 के दिल्ली दंगों के मुल्जिम शाहरुख पठान के परिवार से मुलाकात की। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष जामई ने कहा कि पार्टी ने पठान के घर वालों के साथ उनकी स्थिति और संभावित कानूनी सहायता पर चर्चा की। इस मुलाकात के बाद दिल्ली की सियासत गरमा गई है। आप भी दिल्ली में ओवैसी की सियासी पैठ की जानकारी होते ही सतर्क हो गई है।
दिल्ली में मुसलमानों को न्याय दिलाने को उठाया कदम
ओवैसी की पार्टी के प्रतिनिधिमंडल द्वारा शाहरुख के परिवार से मुलाकात के बाद दिल्ली अध्यक्ष शोएब जामई ने एक्स पर लिखा, हम उन मुश्लिम परिवारों के समर्थन और हौसलाअफजाई के लिए उनके परिवारों से मिल रहे हैं जो बिना मुकद्में के जेलों में बंद हैं। यह उन परिवारों का समर्थन करने के पार्टी के अभियान में एक छोटा सा कदम बताया है, जिनके बच्चे बिना किसी मुकदमे के सालों से जेल में बंद हैं। इसी क्रम में हाल ही में मैंने शाहरुख पठान की माँ से उनके घर पर मुलाकात की। दिल्ली मजलिस (एआईएमआईएम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनकी स्थिति और कानूनी सहायता पर चर्चा करने के लिए उनके परिवार से मुलाकात की थी। ऐसे सभी लोगों को दिल्ली में न्याय के अभियान में हमारा यह छोटा सा कदम कई परिवारों को हिम्मत देगा, जिनके बच्चे बिना किसी सुनवाई के सालों से जेल में सड़ रहे हैं। इनसे मिलकर कुछ ऐसी बातों का भी पता चला जिससे हम अनजान थे।
शाहरुख पर मुकदमा केजरीवाल के इशारे पर दर्ज हुआ
आज तक सभी इस बात से अनजान थे कि दंगोें के बाद मुश्लिमों के प्रति अरविंद केजरीवाल का क्या रोल था। जमई ने आगे दावा किया कि जब वे पठान की माँ से मिले तो पठान की मॉं ने इल्जाम लगाया कि उनके बेटे के खिलाफ मामला दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर दर्ज किया गया था। दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, जमानत उन कैदियों का अधिकार है जिनके मामले लंबित हैं। शाहरूख पठान की माँ का कहना है कि उनके बेटे के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के इशारे पर मामला दर्ज किया गया था, और वह इसे कभी नहीं भूल पाएंगी। इस तरह के आरोप लगने के बाद से केजरीवाल और उनकी पार्टी काफी बेचैन नजर आ रही है। Delhi News
ओवैसी की सियासी पारी और दबदबा
एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने करीब ढाई दशक पहले हैदराबाद से जब अपनी सियासी पारी शुरू की, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि आगे चलकर वो पूरे मुल्क में मुस्लिम राजनीति का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरेंगे। आज हालात ये है कि ओवैसी के पार्टी के कई राज्यों में विधायक हैं। एआईएमआईएम ने सबसे पहले महाराष्ट्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाई, यहां तक कि एआईएमआईएम के टिकट पर कई नेता विधायक भी बने और एआईएमआईएम ने औरंगाबाद लोकसभा सीट पर कब्जा कर लिया। अब दिल्ली चुनाव में भी कूदने का मन बनाने और उनकी पार्टी ने तमाम लोगों से मिलना जुलना शुरू करने से आप की नींद उड़ी हुई है।
दिल्ली में सेक्युलर दल ओवैसी के आने से परेशान
दिल्ली चुनाव पर ओवैसी की नजर गड़ाने से सेक्युलर दल परेशान हो गए हैं। इससे पहले ओवैसी ने साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। उनकी इस सफलता से मुस्लिम राजनीति ने ‘सेकुलर’ दलों के सारे समीकरण उलट-पुलट दिए हैं। अब ओवैसी की नजर दिल्ली पर है, जहां कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं। इन सभी सीटों पर ओवैसी की नजर है। ओवैसी के दिल्ली में आने से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को भारी नुकसान हो सकता है। यही कारण है कि सभी सेक्युलर दल ओवैसी को भाजपा की बी टीम कहने में परहेज नहीं करते हैं।
चुनाव में टिकट देगी दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को
ओवैसी मुश्लिम पीड़ित कार्ड खेलकर दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरुख को टिकट देना चाहती है। गौरतलब है कि शाहरुख पठान को कथित तौर पर 2020 के सीएए विरोधी दंगों के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में कथित तौर पर पठान को पिस्तौल लेकर गोली चलाते और एक दूसरे दंगाई भीड़ के साथ मौजपुर चौक की ओर भागते हुए दिखाया गया है। तभी से वह जेल में बंद है। 22 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने शाहरुख पठान की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। पठान के वकील ने तर्क दिया कि उसे अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है, जिसमें से पठान पहले ही चार साल जेल में बिता चुका है। उसे पार्टी मुश्लिम पीड़ित के रूप में पेश करके चुनाव में इसका फायदा उठाना चाहेगी। Delhi News
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