नागपुर (महाराष्ट्र)। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि सार्थक स्वायत्तता के बगैर केरल में विश्वविद्यालय महज सरकारी विभाग बनकर रह जाएंगे। उनकी डिग्रियों को राज्य के बाहर या विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी। खान का विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को लेकर केरल सरकार से टकराव चल रहा है। उन्होंने कहा कि वह दक्षिणी राज्य में उच्च शिक्षा के इन संस्थानों की स्वायत्तता बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
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उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वायत्तता पर कब्जे की कोशिश में राज्य सरकार
आरिफ मोहम्मद खान नागपुर में हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ द्वारा आयोजित ‘भारत की संप्रभुत्ता और आज’ विषय पर बोल रहे थे। उन्होंने पिछले साल कहा था कि केरल सरकार को राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ राज भवन के टकराव के बाबत एक सवाल के जवाब में खान ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के संस्थानों की स्वायत्तता पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही है। वह ऐसा होने नहीं देंगे।
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पूरी दुनिया को राह दिखाती है हमारी सांस्कृतिक विरासत
उन्होंने कहा कि राज्यपाल को विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति नियुक्त किया जाता है ताकि वह उनकी स्वायत्तता की रक्षा कर सकें और उन्हें सरकार की दखलअंदाजी से बचा सके। खान ने कहा कि वह महज संविधान का पालन कर रहे हैं। इससे पहले, कार्यक्रम में खान ने देश की समृद्ध संस्कृति की प्रशंसा की और कहा कि भारतीय सभ्यता दुनिया में इकलौती है जिसे ज्ञान और बुद्धि के संरक्षण के लिए जाना जाता है। राज्यपाल ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत न केवल हमारी अपनी समस्याओं को हल कर सकती है, बल्कि यह पूरी दुनिया को नयी राह दिखाती है।
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