Qutub Minar- दिल्ली के साकेत कोर्ट ने क़ुतुब मीनार पर मालिकाना हक संबंधी याचिका के संदर्भ में पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया है। कोर्ट इस मामले में 21 नवंबर को सुनवाई करेगा।
गौरतलब है कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद ने दिल्ली स्थित ऐतिहासिक इमारत कुतुब मीनार (Qutub Minar) पर मालिकाना हक का दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने यह दावा किया था कि आगरा से मेरठ तक की जमीन पुश्तैनी है। ऐसे में कुतुब मीनार के आसपास की जमीन पर निर्णय लेने का अधिकार सरकार का नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने अपनी याचिका में यह भी दावा किया था कि साल 1947 में बिना इजाजत के सरकार ने पूरी प्रॉपर्टी को अपने कब्जे में ले लिया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण महेंद्र प्रसाद सिंह की याचिका का लगातार विरोध कर रहा है। पुरातत्व सर्वेक्षण का मानना है कि कुतुब मीनार को साल 1993 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित कर दिया था। वर्तमान में क़ुतुब मीनार का पूरा परिसर पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का और महेंद्र प्रसाद से यह भी सवाल है कि पिछले 150 सालों से इस तरह के दावे क्यों नहीं किए गए?
पहले इस मामले में 24 अगस्त को अदालत में सुनवाई होनी थी परंतु महेंद्र प्रसाद सिंह सुनवाई में नहीं पहुंचे थे। साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार (Qutub Minar) पर मालिकाना हक के मामले में याचिकाकर्ता कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद की याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद पुनर्विचार याचिका डाली गई थी जिस पर आज फैसला आना था। लेकिन अब साकेत कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख निश्चित की है।
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