आसमान छू रहा सोना-चांदी का ग्राफ, निवेशकों के लिए क्या है संकेत?
सोना और चांदी की कीमतों में भारी तेजी देखने को मिल रहा है। बीते 5 दिनों में सोना 5,744 रुपये और चांदी 32,000 रुपये महंगी हुई। यहां जानिए MCX और घरेलू मार्केट रेट, सोने-चांदी में निवेश के सही समय और तेजी के मुख्य कारण।

सोना और चांदी की कीमतें साल 2025 के अंत में लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। निवेशक और ज्वेलरी खरीदने वाले इस समय कीमतों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। बीते पांच कारोबारी दिनों में 1 किलो चांदी का भाव 32,000 रुपये और 10 ग्राम सोने का भाव 5,744 रुपये बढ़ गया है। इस तेजी के पीछे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमतों का बढ़ना, डॉलर की कमजोरी और इंडस्ट्रियल डिमांड जैसे कारण हैं।
चांदी ने निवेशकों को चौंकाया
इस सप्ताह चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया। MCX वायदा कारोबार में 19 दिसंबर को 1 किलो चांदी 2,08,439 रुपये थी, जो शुक्रवार तक बढ़कर 2,40,935 रुपये पर पहुंच गई। यानी सिर्फ पांच कारोबारी दिनों में 32,496 रुपये की बढ़ोतरी हुई। इंडस्ट्रियल डिमांड और वैश्विक मार्केट की तेजी के कारण चांदी के रेट लगातार ऊपर जा रहे हैं। यह निवेशकों और ज्वेलर्स दोनों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है कि चांदी में निवेश अभी लाभकारी साबित हो सकता है।
सोना भी नहीं रहा पीछे
सोना भी पीछे नहीं है। MCX पर 19 दिसंबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का रेट 1,34,196 रुपये था जो शुक्रवार तक बढ़कर 1,39,940 रुपये पर पहुंच गया। घरेलू मार्केट में भी यही रुझान देखने को मिला। IBJA के अनुसार 24 कैरेट सोना 19 दिसंबर को 1,31,779 रुपये प्रति 10 ग्राम था जबकि शुक्रवार को 1,37,956 रुपये पर बंद हुआ। अलग-अलग क्वालिटी के सोने के रेट भी हफ्तेभर में बढ़े हैं।
कैसा है सोने-चांदी का हाल?
IBJA के मुताबिक 19 दिसंबर को 1 किलो चांदी 2,00,067 रुपये थी जो शुक्रवार को बढ़कर 2,28,107 रुपये पर पहुंच गई। हफ्तेभर में यह 28,040 रुपये की बढ़ोतरी दर्शाती है। ज्वेलरी खरीदते समय सोने-चांदी के रेट में 3% GST और मेकिंग चार्ज भी जोड़ना पड़ता है जिससे कुल खर्च बढ़ जाता है।
सोना-चांदी में तेजी के पीछे कई कारण
सोना-चांदी में तेजी के पीछे कई कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में उछाल, अमेरिका में डॉलर की कमजोरी और FED Rate Cut की उम्मीदों ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्ति की ओर मोड़ा है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल डिमांड, खासकर चांदी की उद्योग में जरूरत, और वैश्विक मार्केट में सप्लाई-डिमांड असंतुलन ने कीमतों को और बढ़ावा दिया है। इस समय सोना और चांदी में निवेशक और ज्वेलर्स दोनों को सावधानी बरतनी चाहिए। वर्तमान में यह तेजी निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकती है लेकिन खरीदारी करते समय GST और मेकिंग चार्ज को ध्यान में रखना जरूरी है।
सोना और चांदी की कीमतें साल 2025 के अंत में लगातार नए रिकॉर्ड बना रही हैं। निवेशक और ज्वेलरी खरीदने वाले इस समय कीमतों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। बीते पांच कारोबारी दिनों में 1 किलो चांदी का भाव 32,000 रुपये और 10 ग्राम सोने का भाव 5,744 रुपये बढ़ गया है। इस तेजी के पीछे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कीमतों का बढ़ना, डॉलर की कमजोरी और इंडस्ट्रियल डिमांड जैसे कारण हैं।
चांदी ने निवेशकों को चौंकाया
इस सप्ताह चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया। MCX वायदा कारोबार में 19 दिसंबर को 1 किलो चांदी 2,08,439 रुपये थी, जो शुक्रवार तक बढ़कर 2,40,935 रुपये पर पहुंच गई। यानी सिर्फ पांच कारोबारी दिनों में 32,496 रुपये की बढ़ोतरी हुई। इंडस्ट्रियल डिमांड और वैश्विक मार्केट की तेजी के कारण चांदी के रेट लगातार ऊपर जा रहे हैं। यह निवेशकों और ज्वेलर्स दोनों के लिए महत्वपूर्ण संकेत है कि चांदी में निवेश अभी लाभकारी साबित हो सकता है।
सोना भी नहीं रहा पीछे
सोना भी पीछे नहीं है। MCX पर 19 दिसंबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का रेट 1,34,196 रुपये था जो शुक्रवार तक बढ़कर 1,39,940 रुपये पर पहुंच गया। घरेलू मार्केट में भी यही रुझान देखने को मिला। IBJA के अनुसार 24 कैरेट सोना 19 दिसंबर को 1,31,779 रुपये प्रति 10 ग्राम था जबकि शुक्रवार को 1,37,956 रुपये पर बंद हुआ। अलग-अलग क्वालिटी के सोने के रेट भी हफ्तेभर में बढ़े हैं।
कैसा है सोने-चांदी का हाल?
IBJA के मुताबिक 19 दिसंबर को 1 किलो चांदी 2,00,067 रुपये थी जो शुक्रवार को बढ़कर 2,28,107 रुपये पर पहुंच गई। हफ्तेभर में यह 28,040 रुपये की बढ़ोतरी दर्शाती है। ज्वेलरी खरीदते समय सोने-चांदी के रेट में 3% GST और मेकिंग चार्ज भी जोड़ना पड़ता है जिससे कुल खर्च बढ़ जाता है।
सोना-चांदी में तेजी के पीछे कई कारण
सोना-चांदी में तेजी के पीछे कई कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में उछाल, अमेरिका में डॉलर की कमजोरी और FED Rate Cut की उम्मीदों ने निवेशकों को सुरक्षित संपत्ति की ओर मोड़ा है। इसके अलावा इंडस्ट्रियल डिमांड, खासकर चांदी की उद्योग में जरूरत, और वैश्विक मार्केट में सप्लाई-डिमांड असंतुलन ने कीमतों को और बढ़ावा दिया है। इस समय सोना और चांदी में निवेशक और ज्वेलर्स दोनों को सावधानी बरतनी चाहिए। वर्तमान में यह तेजी निवेशकों के लिए लाभकारी हो सकती है लेकिन खरीदारी करते समय GST और मेकिंग चार्ज को ध्यान में रखना जरूरी है।












