CWC बैठक में खरगे का मोदी सरकार पर हमला, पूरे देश में आंदोलन की तैयारी
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की अहम बैठक शनिवार को आयोजित की गई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात, आगामी विधानसभा चुनाव, और मोदी सरकार के खिलाफ अगले चरण की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई।

कांग्रेस की वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक आज शनिवार को आयोजित हुई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सहित तमाम कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, सरकार के खिलाफ रणनीति और नए कानून के विरोध पर चर्चा की गई। साथ ही, मनरेगा की जगह लाए गए नए कानून 'विकासशील भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (VB-G RAM-G)' के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की योजना बनाई गई।
खरगे का बयान: मोदी सरकार ने गरीबों को किया है नुकसान
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में कहा कि, "हाल ही में मानसून सत्र में, मोदी सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) को खत्म कर दिया, जिससे लाखों गरीब और कमजोर लोग बेसहारा हो गए हैं। यह न सिर्फ गरीबों के पेट पर लात मारी है, बल्कि पीठ में छुरा भी घोंपा है। मनरेगा का अंत महात्मा गांधी के सपनों का अपमान है।" उन्होंने आगे कहा, "मनीरेगा ने महात्मा गांधी के सर्वोदय (‘सबकी भलाई’) के विजन को पूरा किया और काम करने का संवैधानिक अधिकार दिया। इसकी मौत हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। हमें एकजुट होकर इस अधिकार की रक्षा करनी होगी।"
देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
खरगे ने पार्टी सदस्यों से अपील की कि वे मनरेगा के स्थान पर लाए गए नए कानून 'जी राम जी' के खिलाफ व्यापक आंदोलन की योजना बनाएं। उन्होंने कहा, "यह कानून ग्रामीण भारत में काम और जीवन यापन के अधिकारों पर हमला है। हमें इस कानून के खिलाफ देशभर में आंदोलन खड़ा करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने पिछले आंदोलनों में भाजपा को अपने फैसले से पीछे हटने पर मजबूर किया है, और इस बार भी हम यह लड़ाई जीतेंगे। "देश के कमजोर वर्ग हमारे साथ हैं, और उनकी उम्मीदें कांग्रेस पर टिकी हैं।"
राजनीतिक पृष्ठभूमि और भविष्य की तैयारी
बता दें कि CWC बैठक में केवल मनरेगा विवाद ही नहीं, बल्कि आगामी 2026 के विधानसभा चुनाव (असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी) के लिए रणनीति पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस इस बैठक को आगामी चुनावी मोर्चों पर पकड़ मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मान रही है।
कांग्रेस की वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक आज शनिवार को आयोजित हुई, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं सहित तमाम कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस बैठक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति, सरकार के खिलाफ रणनीति और नए कानून के विरोध पर चर्चा की गई। साथ ही, मनरेगा की जगह लाए गए नए कानून 'विकासशील भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (VB-G RAM-G)' के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की योजना बनाई गई।
खरगे का बयान: मोदी सरकार ने गरीबों को किया है नुकसान
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक में कहा कि, "हाल ही में मानसून सत्र में, मोदी सरकार ने मनरेगा (MGNREGA) को खत्म कर दिया, जिससे लाखों गरीब और कमजोर लोग बेसहारा हो गए हैं। यह न सिर्फ गरीबों के पेट पर लात मारी है, बल्कि पीठ में छुरा भी घोंपा है। मनरेगा का अंत महात्मा गांधी के सपनों का अपमान है।" उन्होंने आगे कहा, "मनीरेगा ने महात्मा गांधी के सर्वोदय (‘सबकी भलाई’) के विजन को पूरा किया और काम करने का संवैधानिक अधिकार दिया। इसकी मौत हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। हमें एकजुट होकर इस अधिकार की रक्षा करनी होगी।"
देशव्यापी आंदोलन का आह्वान
खरगे ने पार्टी सदस्यों से अपील की कि वे मनरेगा के स्थान पर लाए गए नए कानून 'जी राम जी' के खिलाफ व्यापक आंदोलन की योजना बनाएं। उन्होंने कहा, "यह कानून ग्रामीण भारत में काम और जीवन यापन के अधिकारों पर हमला है। हमें इस कानून के खिलाफ देशभर में आंदोलन खड़ा करना चाहिए।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने पिछले आंदोलनों में भाजपा को अपने फैसले से पीछे हटने पर मजबूर किया है, और इस बार भी हम यह लड़ाई जीतेंगे। "देश के कमजोर वर्ग हमारे साथ हैं, और उनकी उम्मीदें कांग्रेस पर टिकी हैं।"
राजनीतिक पृष्ठभूमि और भविष्य की तैयारी
बता दें कि CWC बैठक में केवल मनरेगा विवाद ही नहीं, बल्कि आगामी 2026 के विधानसभा चुनाव (असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी) के लिए रणनीति पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस इस बैठक को आगामी चुनावी मोर्चों पर पकड़ मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मान रही है।












