Thursday, 26 December 2024

Child Care Tips: खेल से पढ़ाई तक ऐसे करें अपने लाडले का विकास, आत्मविश्वास से भरपूर होगा बच्चा

Child Care Tips: आपका लाडला बेटा या बेटी घर से स्कूल तक और स्कूल से तमाम प्रतियोगिताओं तक आत्मविश्वास से…

Child Care Tips: खेल से पढ़ाई तक ऐसे करें अपने लाडले का विकास, आत्मविश्वास से भरपूर होगा बच्चा

Child Care Tips: आपका लाडला बेटा या बेटी घर से स्कूल तक और स्कूल से तमाम प्रतियोगिताओं तक आत्मविश्वास से भरपूर हो। अगर आप ऐसा चाहते हैं तो आपको उसी के अनुरूप बच्चों का विकास करना होगा। बच्चों को भारी भरकम फीस देकर बड़े-बड़े स्कूलों या क्रैशेज में डालकर आप अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते, क्योंकि घर की चारदीवारी में आपके नन्हे बच्चे ने अभी घर से कदम नहीं निकाले हैं और ना अभी उसका समाजीकरण हुआ है ना अभी वह दूसरे बच्चों के साथ उठना बैठना खेलना जानता है।
ना बाहर के लोग ऐसे हैं कि दूसरे के बच्चे को अपना बच्चा समझ कर व्यवहार करें यह भी तो जरूरी नहीं। इसलिए अपने बच्चों को स्वयं ही आत्मविश्वास से भरपूर ऐसा बच्चा बनाना है, जो कल अपने भविष्य में सबसे अधिक आत्मविश्वासी और सफलत व्यक्ति हो। यही नहीं हमें उसे एक अच्छा नागरिक और एक अच्छा इंसान भी बनाना है जो अपनी मां, बहन ,बेटी, के रिश्तों का सम्मान करके कल का सबसे अच्छा नागरिक कहलाए। और हमें तभी तो अच्छा लगेगा जब हमारा बच्चा किसी भी क्षेत्र की सबसे अग्रिम पंक्ति में खड़ा होकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाये। तब वह जिंदगी का हमारे लिए सबसे बड़ा दिन होता है।
खाने का अर्थ है आपके बच्चे का भविष्य निर्माण और उसके कदमों की शुरुआत आपके हाथों में है। आप उसे खेल से स्वास्थ्य तक ,शिक्षा से सफलता तक, आत्मवासी स्वस्थ और निरोगी और सफल बनाने का रास्ता दे सकते हैं। हम आपके लिए बताते हैं किस तरह से आपका बच्चे का आत्मविश्वास से भरपूर निर्माण हो।

Child Care Tips: खेलखेल में पहला सबक कुछ इस तरह


जब हम बच्चे को स्कूल में डालना चाहते हैं और और उसे स्कूल में जाने के लिए प्रेरित करते हैं और उसकी मानसिकता तैयार करते हैं, ताकि बच्चा स्कूल में जाने पर बंधन महसूस ना करें और टीचर के अनुशासन को और उसकी डांट को अपने दिल से लगाकर कहीं ऐसा ना हो पढ़ाई को मुश्किल समझने लगे ।इसलिए हमें इससे पहले अपने घर में ही खेल खेल में ऐसी शुरुआत करनी है ताकि उसे लगे स्कूल उसके लिए एक सुनहरी दुनिया है जहां हम बहुत कुछ सीख कर सारी दुनिया मुठ्ठी में लेना चाहते हैं। स्कूल की बाउंड्री में जाते ही उसकी आंखों से आंसू टपटप बहने लगे। इसके लिए प्रैक्टिस डालें घर के ही किसी कोने में इस तरह घर के किसी कोने में या खाली कमरे में या डाइनिंगहॉल के कोने में बच्चे के लिए एक छोटी सी टेबल और कुर्सी डालें , और उसे कोने को उसे स्कूल के रूम का एहसास कराएं।

Child Care Tips: घर में बच्चों के लिए छोटी स्टडीटेबल ना हो तो पलंग के साइडटेबल का इस्तेमाल भी उसके लिए कर सकते हैं। बेबी को वहां बैठाए है और बताएं कि आप खेल खेल में उसकी टीचर बनकर आने वाली हैं जब आप क्लास रूम में एंट्री करें तोतो बताएं टीचर कैसे गुड मॉर्निंग करती है और आप कैसे गुड मॉर्निंग का जवाब देते हैं। अगर टीचर पहले से कमरे में मौजूद है तो आपको उनसे क्लास रूम में आने के लिए परमिशन लेनी है मैं आई कम इन maam?

जब टीचर बुक ओपन करने के लिए कहे या स्कूल के बोर्ड पर कुछ लिखकर दिखाएं तो बच्चा किस तरह से उसे एजुकेशन को खेल की तरह एंजॉय करें। बच्चों को पहला सबक में इस नाटक ही नाटक में ए बी सी डी या फिर स्लांटिंग लाइन, अप लाइन, स्लांटिंग डाउन लाइन आदि सीखाएं। इसके बाद बच्चों को इसकी बोतल से पानी पीने का निर्देश दे सकते हैं।
इसके साथ ही उसे बताएं अब दूसरा पीरियड शुरू होने वाला है इसमें आप इंग्लिश पढ़ेंगे या हिंदी पढ़ेंगे या मैथ्स पढ़ेंगे उसी के अकॉर्डिंग बच्चों को उसे चैप्टर से संबंधित थोड़ी सी कहानी पढाएं। जैसे अ के बारे में जानकारी देनी है तो ऐसे अचार किसे पसंद है ऐसे आलू किसे पसंद है। अ से अच्छाई क्या होती है छोटी सी कहानी बताते हुए ए अक्षर बनाने के लिए खुद लिखकर दिखाएं। और बच्चे को पहले सबक में अक्सर बनाने से पहले ट्रेसिंग सिखाएं। क्योंकि इससे बच्चों को अक्सर सीधे बनाना नहीं आता और पहले हम एक-एक कदम आगे बढ़ना सिखाते हैं।
बच्चा इस पढ़ाई के दौरान कुर्सी से उठकर भागने न लगे या पढ़ाई उसे बोझ ना लगे, समझे उसे बताएं अब आपका फर्स्टब्रेक होने वाला है। और फिर उसे टेबल पर उसकी पसंद का फ्रूटी रख दें या कोई हेल्दी बिस्किट उसके सामने रख दें। ताकि बच्ची को क्लास में खाने की आदत भी पड़े क्योंकि कई बच्चे स्कूल में जाकर घंटे तक कुछ नहीं खाते और उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो जाता है।

Child Care Tips: प्रोत्साहित करने के लिए स्टार या स्माइली देने का तरीका अपनाएं
इस बीच में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए यह ना बताना भूल कि आज आपने ए को अच्छे से लिखा तो हम आपको स्टार देंगे और हाथ पर स्माइली भी देंगे। इससे बच्चा स्कूल की हर ट्रेंड सीख जाता है। और इस दौरान खेल और मस्ती में यह भी बताएंगे की क्लास में कुछ अच्छे बच्चे हैं और कुछ शरारती एक बच्चा जो अनुशासित नहीं है वह स्वयं आप बंन कर दिखाएं। और बताएं मैं अच्छी बच्ची नहीं हूं इसलिए मुझे टीचर डांटती है और मेरे अनुशासित ना होने पर मुझे पनिशमेंट भी मिलती है। लेकिन आप तो बहुत अच्छे हैं आप पढ़ाई पर ध्यान रखते हैं और अपनी हेल्थ का ध्यान रखने के लिए समय परखा ना भी फिनिश कर लेनेहैं। वह भी जल्दी जल्दी ताकि आपकी क्लास नहीं छूटे। फिर देखिए आपके बच्चे को पढ़ाई में कैसे पंख लगाते हैं ।अगले दिन वह फिर से अपनी क्लास में एक्टिंग करते हुए उसकी टेबल पर झट से जा बैठेगा।

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Child Care Tips: बाथरूम जाने माते दीदी से अपनी समस्या बताने के बारे में भी दे जानकारी
लेकिन याद रहे आपको उन्हें बाथरूम में जाने के लिए दीदी से बात करने आदि की पूरी ट्रेनिंग भी देनी होगी। जो कि जब बच्चे स्कूल में जाते हैं और वह अपनी बाथरूम की समस्या जाने की नहीं कह पाते हैं और दूसरे बच्चे इस पर मजाक बनाते हैं इससे बेहतर है आप उन्हें पहले से ही मेंटली खाने से बॉथरूम तक पढ़ाई से क्लास ढूंढने तक उसकी मानसिकता तैयार करें।
बच्चों की क्लास का सेक्शन कौन सा है कमरे पर कहां लिखा होता है जरूर बताएं
आप बच्चों को बताएं आपके गले में जो आई कार्ड होता है उसे पर आपका क्षेत्र और आपके मां पिता की पूरी डिटेल होती है इसलिए हमेशा उसे गले में ही पहने। और गलती से क्लास रूम से बाहर जब बाथरूम जाए और अपना कमरा न मिल पाए तो किसी मद दीदी या बच्चे से पूछ ले कि उसके क्षेत्र वाला रूम कहां है अगर आप रोने लगेंगे तो आप परेशान हो जाएंगे और अपना रूम नहीं ढूंढ पाएंगे।
यानी बच्चों को उसे दौरान आपको उसके बैग में लंच रखना और उसकी पसंद की चीज बैग में रखकर देने का प्ले भी करना है और बताना है कि वह कब अपना लंच करें और कब पानी पी सकते हैं। दूसरे दिन आपको भी टीचर की तरह अपनी तैयारी करनी है बच्चों के लंच में बैग में उसकी पसंद का हेल्दी खाना रखना है बच्ची को थोड़ा सा लिक्विड भी देना है जो उसकी पसंद का हो और बच्चे को बताना है कि वह स्कूल की टेबल पर पूरा ही खाना खाएगा और मैं अगर कोई क्वेश्चन पूछे तो सही जवाब देंगे।
इस बीच में आपको टीचर की एक्टिंग करनी है और यह एक्टिंग बच्चों की बड़ी बहन, बच्चों का बड़ा भाई, बच्चे की मां या पापा कोई भी कर सकता है। इस खेल खेल में आपका बच्चे का संपूर्णव्यक्तित्व का विकास होता है क्योंकि बच्चे के पहले कम ही जब आत्मविश्वास से भरपूर शुरू होते हैं तो वह जिंदगी के हर पक्ष में उठना बैठना चलना दूसरे को झेलना सब कुछ सीख जाता है और इसके साथ ही साथ वह दुनिया में बिखरे ज्ञान का खजाना अपनी किताबों और सामाजिक कारण से लेता है।

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Child Care Tips: गेम गेमप्ले में स्कूल में पढ़ाई की हो जाती है मानसिकता तैयार के इस गेम प्ले में वह स्कूल जाने के लिए बच्चे के स्कूल जाने की मानसिकता तैयार ही आई जाति है । फिरवह इंतजार करता है मेरा स्कूल में एडमिशन कब होगा या नहीं उसके खाने पीने बोलने की अच्छी आदत है भाई बहनों और टीचर से भी बाहर और जो बच्चे डिसिप्लिन नहीं है उनसे व्यवहार करना सब कुछ आ जाता है और अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अचानक जाकर स्कूल में या सब कुछ सीख जाए तो ऐसा आप गलत सोचते हैं। घर में उसे पूरा संरक्षण मिला है और स्कूल में हर बच्चे पर ध्यान देना संभव नहीं इसलिए हम अपने नन्हे बच्चे को एक पौधे की तरह से तैयार करते हैं जिसकी हर डाल हरी भरी होती हैं और जिसका तन मजबूत होता है इसी तरह से आपके बच्चे के व्यक्तित्व का तन मन और एक एक पत्ता फूल कली विकसित होना चाहिए। कल यह पौधा बरगद की तरह विशाल वृक्ष बनकर विश्व भर में आपका नाम कर सकेगा और आप तब फूले नहीं समाएंगे।

Child Care Tips: एक्स्ट्रा एक्टिविटी भी सिखाएं
खेल खेल में पहला सबक कुछ इस तरह…अपने घर में ही बच्चे को एक्स्ट्रा एक्टिविटी के लिए उत्साहित करें नई नई ड्रेस बनाकर उनसे मॉडलिंग कारण या उन्हें खेलने के लिए कुछ ऐसे खिलौने दें जिससे अपने वह को टूल से जा सके और ज्ञान विज्ञान से परिचित हो सके कि यह क्या है और कैसे बना है उसके पसंदीदा खिलौना में कर ब्लॉक गुड़िया डॉक्टर किट आदि दे सकते हैं। यहीं पर बच्चों के नन्हे कदम अपने को टूल तमाम ज्ञान विज्ञान की बातें जानना सीखने लगते हैं। न्यूटन ने भी सब के गिरने के सिद्धांत को यूं ही तो जाना था।

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Child Care Tips: कभी ना करें ऐसी गलतीबच्चों को आप हमेशा पढ़ने के लिए डांटे या उसे लिखने के लिए मजबूर करें या तरीका बिल्कुल ठीक नहीं कुछ मां बाप तो बच्चों को इतनी बुरी तरह से डांटते हैं कि बच्चा स्वयं जाता है रोने लगता है और पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता जो कुछ पढ़ता है वह उसके दिमाग से पार निकल जाता है। कुछ मन सीखने की बजाय बच्चों को डांट डांट कर होमवर्क करने के लिए ही अपनी हुकूमत से चलती हैं यही नहीं उनका फीस भरने के ताने मारती हैं इतनी भारी फीस जाती है स्कूल की इतनी मेहनत से लाते हैं तुम्हारे पापा आदि। नन्हे से बच्चे पर कमर पर धोल लगाना, या आपके गुस्साए चेहरे से चपत करने की हर वक्त बातें करना बिल्कुल उचित नहीं।
अपनी लाडली को खेल खेल में एक अनोखी दुनिया बनाना सिखा दें जहां उसके सपनों की उड़ान अपने सफलता की कहानी की तरफ कदम बढ़ा सक।

 

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