विनय संकोची
Health: व्रत के दौरान सबसे ज्यादा खाए जाने वाले ‘सेंधा नमक'(Rock salt) से अधिकांश लोग परिचित हैं। आयुर्वेद के अनुसार सबसे शुद्ध माने जाने वाला सेंधा नमक सफेद और गुलाबी रंग का होता है। इसे पिंक साल्ट, पहाड़ी नमक, लाहौरी नमक, हिमालयन साल्ट आदि नामों से जाना जाता है। इसमें शर्करा, कैलोरी, प्रोटीन, फैट, फाइबर और कार्ब्स नहीं होते। यह शुद्ध सोडियम का स्रोत है। इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, आयरन, सोडियम, जिंक, मिनिरल्स तथा भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। आयुर्वेद सेंधा नमक को स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक मानता है और सामान्य नमक के बदले इसे अपनाने की सलाह देता है। आइए जानते हैं ‘सेंधा नमक’ के गुण और उपयोग के बारे में।
• उलटे सीधे खानपान से शरीर में विषाक्त तत्व जमा हो जाते हैं, जो अनेक शारीरिक समस्याओं के कारण बनते हैं। सेंधा नमक के उपयोग से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ को बाहर निकाला जा सकता है। शरीर को डिटॉक्स करने से तमाम तरह के रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है।
• सेंधा नमक को गुनगुने पानी में मिलाकर गरारे करने से गले के दर्द, सूजन, टॉन्सिल और सूखी खांसी में आराम मिलता है। दमा(Asthma) और ब्रोंकाइटिस (Bronchitis)जैसी समस्याओं सेंधा नमक का भाप लेना बहुत लाभदायक होता है। सेंधा नमक सायनस(Sinus) की परेशानी में भी आराम देता है।
• पाचन संबंधी परेशानियां होना आजकल आम बात है। पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करने में रामबाण की तरह काम करता है सेंधा नमक। इसके नियमित सेवन करने से खुलकर भूख लगती है और पेट में गैस नहीं बनती है।
• सेंधा नमक दिल का भी सच्चा दोस्त होता है। सेंधा नमक कोलेस्ट्रोल(cholesterol), उच्च रक्तचाप(High Blood pressure) , हृदयाघात (Heart Attack) आदि से लड़ने में मदद करता है, जिससे दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है। सेंधा नमक के सेवन से रक्त संचार सुचारू रहता है, जो पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक है।
• शरीर में मैग्नीशियम(Magnesium) की कमी होने से इंसुलिन हार्मोन (Insulin Hormone)के स्तर में कमी आ जाती है, जो मधुमेह की समस्या को बढ़ा और बिगाड़ सकती है। इंसुलिन प्रतिरोध कम करने का एक अच्छा उपाय सेंधा नमक का नियमित सेवन है।सेंधा नमक शरीर में मैग्नीशियम की कमी को दूर कर मधुमेह से बचाने और छुटकारा दिलाने में सहायक हो सकता है।
• आजकल हर दूसरा आदमी तनाव में घिरा दिखाई पड़ता है, सेंधा नमक ऐसे लोगों की सहायता कर सकता है। सेंधा नमक को अपने खाने में इस्तेमाल करने के अलावा, पानी में इसका चूर्ण मिलाकर स्नान करने से भी तनाव मुक्ति का एहसास किया जा सकता है।
• एक गिलास पानी में आधा चम्मच सेंधा नमक चूर्ण मिलाकर नियमित सेवन करने से गठिया और गुर्दे की पथरी के अलावा मांसपेशियों की ऐंठन-जकड़न में भी चमत्कारी लाभ हो सकता है।
• सेंधा नमक में लेक्सेटिव के गुण विद्यमान होते हैं, जो पेट को साफ रखने में सहायक होते हैं। पेट साफ होने का मतलब अनेक बीमारियों से बचाव होना भी है।
• सेंधा नमक के उपयोग से वजन घटाने में भी सहायता मिल सकती है। इसके अतिरिक्त पानी में सेंधा नमक मिलाकर नहाने से सिर दर्द में आराम आता है।
• शैम्पू में थोड़ी सी मात्रा सेंधा नमक मिलाकर सिर धोने से डैंड्रफ से छुटकारा पाया जा सकता है।
निषेध : मधुमेह और किडनी की समस्या से पीड़ितों को सेंधा नमक के इस्तेमाल से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन वर्जित माना गया है।
विशेष : यहां सेंधा नमक के संबंध में विशुद्ध सामान्य जानकारी प्रस्तुत की गई है। जिसकी सफलता का हम कोई दावा नहीं करते हैं। औषधि के रूप में सेंधा नमक का उपयोग/प्रयोग योग्य आयुर्वेदाचार्य से परामर्श के बिना न करें।