Imran Khan : पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जेल की चारदीवारी से ऐसा बयान जारी किया है, जिसने मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार और देश की सत्ता प्रतिष्ठान को सीधी चुनौती दे दी है। उन्होंने 6 जुलाई को देशव्यापी आंदोलन का बिगुल फूंकते हुए कहा है – गुलामी से बेहतर है जेल की अंधेरी कोठरी।
जेल से इमरान खान की हुंकार
जेल में दो वर्षों से बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख इमरान खान ने सोशल मीडिया मंच ‘X’ के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को सीधा संदेश दिया है। उन्होंने अपील की है कि आशूरा के बाद पूरे देश में मौजूदा सत्ता और सैन्य-न्यायिक गठजोड़ के खिलाफ व्यापक विरोध शुरू किया जाए। इमरान ने लिखा, मैं पूरे देश से—खासकर PTI समर्थकों से—आग्रह करता हूं कि वे आशूरा के बाद इस दमनकारी शासन के खिलाफ खड़े हों। मैं गुलामी कबूल नहीं करूंगा, चाहे इसकी कीमत जेल की अंधेरी कोठरी ही क्यों न हो।
सेना और अदालत पर दोतरफा वार
इमरान खान का निशाना केवल सरकार पर ही नहीं, बल्कि देश की न्यायिक व्यवस्था और सेना के शीर्ष पर बैठे जनरल आसिम मुनीर पर भी है। उनका आरोप है कि जब कोई तानाशाह सत्ता में आता है, तो उसे जनता के वोटों की जरूरत नहीं होती। वह केवल ताकत के बल पर शासन करता है। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की अदालतें अब कार्यपालिका की शाखा बन चुकी हैं, जहां केवल ‘मनपसंद न्यायाधीशों’ को ही आगे बढ़ने दिया जा रहा है।
बता दें कि साल 2023 में भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद इमरान खान के समर्थन में इस्लामाबाद सहित कई शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। 9 मई को भड़के इन प्रदर्शनों के दौरान सरकारी इमारतों और सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा। इसके बाद से ही इमरान खान पर दर्जनों मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें से कई आतंकवाद से जुड़े हैं। Imran Khan
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