International News : सिंगापुर में भारतीय मूल की लेखिका मीरा चंद को सर्वोच्च कला सम्मान से नवाजा गया है । मीरा चंद को ‘कल्चरल मेडल्यन’ से सम्मानित किया गया। इस सम्मान को पाने वाले सिंगापुर के दो और नागरिक हैं ।
राष्ट्रपति थर्मन ने पुरस्कार प्रदान किया:
स्विस-भारतीय माता-पिता की संतान, 81 वर्षीय मीरा चंद 1997 में हो मिनफोंग के बाद मेडेलियन से सम्मानित होने वाली अंग्रेजी भाषा की पहली महिला लेखिका हैं। मंगलवार को इस्ताना में आयोजित एक समारोह में मीरा चंद के साथ ही उपन्यासकार सुचेन क्रिस्टिन लिम और मलय नर्तक उस्मान अब्दुल हमीद को राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम ने पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार की राशि 80 हजार सिंगापुर डॉलर हर एक प्राप्तकर्ता को अनुदान के रूप मे दी जाती हैं ।
बुकर पुरस्कार के लिये सूचीबद्ध:
उनकी पुस्तक, ‘द पेंटेड केज’ को बुकर पुरस्कार के लिए सूचीबद्ध किया गया था। एक उच्चकोटी की लेखिका मीरा चंद को बहुसांस्कृतिक समाजों के चित्रण के लिए जाना जाता है। मीरा 1997 मे हो मिनफोंग के बाद मेडेलियन से सम्मानित होने वाली अंग्रेजी भाषा की पहली महिला लेखिका हैं ।राष्ट्रपति थर्मन ने एक बयान मे कहा की “हमारे तीन नए सांस्कृतिक पदक प्राप्तकर्ताओं में से प्रत्येक को जीवन के माध्यम से उनके अन्वेषणों और कई अन्य लोगों, कम से कम अगली पीढ़ी के कलाकारों, को प्रेरित करने के लिए सम्मानित किया जा रहा है।”
International News In Hindi
मीरा का जन्म और शिक्षा:
मीरा जन्म लंदन मे हुआ था। उनकी मां एक स्विस महिला और पिता भारतीय हैं । उनकी शिक्षा ब्रिटेन मे हुई। वह 1962 में अपने भारतीय पति के साथ जापान गयीं। 1971 में वह जापान से मुंबई आ गयी। वह भारत मे पांच साल रही और यहीं से उन्होनें अपने लेखन कार्य की शुरुआत की। उनके भारत मे रहने के अनुभव को उन्होनें एक वेबसाइट पर लिख कर बताया की “अपने जीवन में पहली बार मैं अपने आप के उस आधे से मिली जिसे मैं कभी नहीं जानती थी। उस अनुभव को समझने के लिए मेरे पास लिखने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।”
उनके उपन्यास :
उनके उपन्यास हाउस ऑफ द सन’, ‘ए फार होराइजन’ और ‘द पिंक व्हाइट एंड ब्लू यूनिवर्स’, भारत मे उनके रहने के अनुभव और उन पर देश के अमिट प्रभाव को प्रदर्शित करते हैं ।