International News : ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच की तनातनी जगजाहिर है। बीजिंग यूएस हाउस की स्पीकर के ताइवान दौरे पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अमेरिका को धमका रहा है। विवादों और तनाव के बीचख् अमेरिका ने चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। बाइडेन की तरफ से जिनपिंग से सुलह की पहल की गई है। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच 28 जुलाई को टेलीफोनिक बातचीत होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden)और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग (Chinese counterpart Xi Jinping) के बीच 28 जुलाई को टेलीफोनिक बातचीत होनी है। इसे जो बाइडेन की ताइवान को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने की पहल के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले अगस्त में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर चीन ने बाइडेन प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी थी। एक-चीन नीति के तहत, अमेरिका के ताइवान के साथ आधिकारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन अमेरिकी कानून द्वारा द्वीप को अपनी रक्षा के लिए साधन प्रदान करने के लिए बाध्य है।
बाइडन और जिनपिंग चार महीने बाद पहली बार बातचीत करेंगे। बाइडन और शी के बीच मुलाकात में उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम, यूक्रेन में रूस के युद्ध पर वाशिंगटन और बीजिंग के बीच मतभेदों, ईरान परमाणु समझौते को फिर से बहाल करने की बाइडेन प्रशासन की कोशिशों और ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन पर लगाए कड़े करों की अमेरिकी सरकार की समीक्षा की स्थिति पर भी चर्चा हो सकती है।
इससे पहले चीन के आक्रमक रवैये पर भी बाइडेन के पीछे हटने के संकेत उनके बयानों से सामने आए थे। जब नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे पर अमेरिकी राष्ट्रपति की तरफ से चौंकाने वाला बयान सामने आया था। उन्होंने कहा था कि अमेरिकी सेना भी पेलोसी के दौरे के पक्ष में नहीं है। यूएस हाउस की स्पीकर ने अपने अगले महीने के ताइवान दौरे को लेकर बड़ा सनसनीखेज खुलासा किया है। अमेरिकी सेना को लगता है कि ताइवान सीमा में उनके विमान पर हवाई हमला हो सकता है। चीनी अधिकारियों का कहना है कि पेलोसी की यात्रा को अमेरिका की नीति में बदलाव के तौर पर देखा जाएगा और इसे उकसावा माना जाएगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि अगर अमेरिका अपने रास्ते पर चलते रहने पर जोर देता है तो चीन इसका बलपूर्वक जवाब देगा। उसने कहा कि हम जो कहते हैं वही करेंगे।