इजराइल का मुद्दा : भारत की राजनीति में भी इजराइल-हमास युद्ध का असर दिखने लगा है। अलग-अलग पार्टियां अपने राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर इस मसले में अपना स्टैंड ले रही हैं। इस मुद्दे पर दुनिया दो भागों में बंटती नजर आ रही है।
दुनियाभर की तरह इस मुद्दे पर भारत के राजनीतिक दल भी आपस में बंटे नजर आ रहे हैं। कुछ पार्टियां इजराइल का खुला समर्थन कर रही हैं, तो कुछ फिलिस्तान को पीड़ित बताकर अप्रत्यक्ष रूप से इजराइल के खिलाफ हैं। इजराइल का मुद्दा
भारत में बंटे राजनीतिक दल, कुछ इजराइल का समर्थन करने से बचते नजर आए
इस मुद्दे का असर भारतीय राजनीति पर भी हुआ है। भारत के राजनीतिक दल इस मुद्दे पर विभाजित नजर आ रहे हैं। एक ओर जहां भारत सरकार हमास के हमले की निंदा करते हुए, इजराइल के साथ खड़े होने का स्टैंड ले चुकी है, वहीं कुछ दलों ने इससे उलट निर्णय लिया है। भारत की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दलों ने हमास के हमले की निंदा करने से बचने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस ने हालांकि हमास द्वारा हमले के बारे में कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन इजराइल का विरोध करते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया है। कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने एक प्रस्ताव पास कर फिलिस्तीन को पीड़ित बताते हुए, उसका साथ देने का निर्णय किया गया है। पीडीपी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती का रुख भी कुछ एस ही रहा। उन्होने भी फिलिस्तीन का समर्थन किया।
इजराइल का मुद्दा
इसी तरह असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी फिलिस्तीन को पीड़ित पक्ष बताते हुए कहा है कि हम हमेशा से फिलिस्तीन के साथ हैं। वो भी हमास के हमले की आलोचना करते नहीं दिखे, बल्कि जवाब से बचते हुए उन्होंने कहा कि इजराइल इतने टाइम से फिलिस्तीन पर जुल्म कर रहा है, उस पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।
इजराइल का मुद्दा : बीजेपी ने उठाए इन दलों पर सवाल, रक्षा विशेषज्ञ भी इजराइल के साथ
सत्तारूढ़ दल बीजेपी ने कांग्रेस सहित इन दलों की उनके रुख के लिए आलोचना की है। बीजेपी ने कहा है कि लगता है कांग्रेस सहित ये दल आतंकियों के साथ खड़े हैं। हमास का ये हमला निंदनीय है, लेकिन कांग्रेस इसकी आलोचना नहीं कर रही है। इससे लगता है इनका हाथ हमास के आतंकियों के साथ है, इसके लिए आने वाले चुनावो में जनता इन्हें इसके लिए सबक सिखाएगी।
दूसरी ओर कई राजनीतिक दलों के अलावा देश के रक्षा विशेषज्ञों ने भी हमास को दुनिया के लिए खतरा बताते हुए इजराइल का साथ देने की वकालत की है। उन्होंने भारत सरकार के रुख को भी सही बताते हुए इजराइल का साथ देने को समय की जरूरत भी बताया।
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इजराइल हमास युद्ध से दो भागों में बंटी दुनिया, कई देश इजराइल के साथ तो कुछ विरोध में भी
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