Kash Patel : भारतीय मूल के काश पटेल को अमेरिकी सीनेट ने 51-49 वोटों से फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) के नए निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति उन हालिया विवादों के बीच हुई है जिसमें काश पटेल पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। 44 वर्षीय काश पटेल की नियुक्ति पर डेमोक्रेट्स ने कड़ा विरोध जताया, जबकि रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य उनकी समर्थन में खड़े रहे।
पत्रकारों को कहा था “गद्दार”
काश पटेल को लेकर उठे विवादों में प्रमुख आरोप यह हैं कि उन्होंने ट्रंप प्रशासन के तहत रूस चुनाव हस्तक्षेप की जांच को कमजोर किया था। साथ ही उन्होंने पत्रकारों को “गद्दार” कहकर विवाद खड़ा किया था। बता दें कि पटेल ने ‘डीप स्टेट’ नामक एक काल्पनिक साजिश का भी जिक्र किया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ सरकारी अधिकारी रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ साजिश रच रहे थे। इसके अलावा, 6 जनवरी, 2021 को अमेरिकी संसद भवन पर हमले के बाद भी उन्होंने ट्रंप समर्थकों के इस हमले का बचाव किया था, जिससे उनकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठे हैं।
कैसा रहा है काश पटेल का जीवन?
काश पटेल का जन्म 25 फरवरी 1980 को न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी में गुजराती माता-पिता के घर हुआ था। वह पेशे से एक वकील हैं, जिन्होंने Pace University School of Law से अपनी शिक्षा प्राप्त की और बाद में अमेरिकी न्याय विभाग में कई महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया। उन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों में अपनी भूमिका के लिए भी पहचान बनाई है और अल-कायदा और ISIS जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ कई अभियानों का नेतृत्व किया है।
इसके अलावा, काश पटेल की ट्रंप के प्रति उनका समर्थन जगजाहिर है। वह ट्रंप के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और कई बार मोदी सरकार और भारत के पक्ष में अपने विचार रख चुके हैं। अयोध्या राम मंदिर निर्माण का समर्थन करने और भारत के खिलाफ चल रहे ‘दुष्प्रचार’ के खिलाफ बयान देने को लेकर भी उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरी थीं।
नियुक्ति से FBI की स्वतंत्रता पर पड़ेगा असर – डेमोक्रेट्स
हालांकि, काश पटेल की FBI के निदेशक के रूप में नियुक्ति के बाद डेमोक्रेट्स की ओर से कई आपत्तियां उठाई गई हैं। उनका कहना है कि पटेल की नियुक्ति से FBI की स्वतंत्रता पर असर पड़ सकता है और यह अमेरिकी लोकतंत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सीनेट में हुई वोटिंग में रिपब्लिकन पार्टी के अधिकांश सदस्य पटेल के पक्ष में थे, लेकिन Maine की रिपब्लिकन सीनेटर Susan Collins और Alaska की Lisa Murkowski ने उनके खिलाफ मतदान किया।
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