तेज रफ्तार, अचूक वार, ईरान की नई मिसाइल बनी इजरायल के लिए नया सिरदर्द

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calendar18 JUN 2025 04:02 PM
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Israel Iran Conflict :  मध्य पूर्व एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में है। ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब सीधा टकराव बन चुका है। इस संघर्ष की ताज़ा कड़ी में ईरान ने अपनी आधुनिकतम हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल फतह-1 का इस्तेमाल किया, जो महज़ 7 मिनट में इजरायल की राजधानी तेल अवीव तक पहुंच गई। इस मिसाइल की रफ्तार और सटीकता ने सामरिक विश्लेषकों को भी चौंका दिया है।

क्या है फतह-1? 

ईरान की सेना के सबसे प्रभावशाली अंग IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) द्वारा विकसित फतह-1, देश की पहली हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है। इसका सार्वजनिक प्रदर्शन वर्ष 2023 में हुआ था, जबकि 2024 में इसे वास्तविक युद्ध में प्रयोग किया गया। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है, जिसकी गति इतनी तेज और मार्ग परिवर्तन की क्षमता इतनी उन्नत है कि आधुनिकतम सुरक्षा प्रणालियाँ भी इसे भेद नहीं पातीं।

फतह-1 की तकनीकी विशेषताएं

  • रफ्तार ऐसी कि पलक झपकते पार कर दे शहर—16,000 से 18,500 किमी/घंटा, यानी ध्वनि से 13 से 15 गुना तेज।

  • 1400 किमी तक तबाही की पहुंच—इजरायल से लेकर सऊदी और यूएई तक कोई सुरक्षित नहीं

  • अचूक निशाना: एडवांस नेविगेशन और टारगेटिंग सिस्टम की बदौलत 10 मीटर के भीतर सटीक वार।

  • मेन्युवरेबल ट्रैजेक्टरी: यह उड़ान के दौरान दिशा बदल सकती है, जिससे रडार व इंटरसेप्टर को धोखा देना आसान हो जाता है।

  • वॉरहेड क्षमता: 460 किलोग्राम विस्फोटक ले जाने में सक्षम, जो किसी भी सैन्य या रणनीतिक ठिकाने को तबाह कर सकता है।

  • GPS-रहित ऑपरेशन: बिना GPS के भी लक्ष्यों को भेद सकने की क्षमता, जो इसकी तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रमाण है।

डिफेंस सिस्टम के लिए नई चुनौती

फतह-1 ने इजरायल की बहुप्रशंसित आयरन डोम और एरो-3 सुरक्षा प्रणाली के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। जहां आयरन डोम मध्यम दूरी की मिसाइलों को रोकने में दक्ष मानी जाती है, वहीं हाइपरसोनिक हथियारों की अत्यधिक गति और दिशा परिवर्तन की क्षमता इन प्रणालियों को अप्रभावी बना रही है। ईरान ने वर्ष 2024 में एक साथ 7 फतह-1 मिसाइलें दागीं, जिनमें से कई ने नेवातिम एयरबेस जैसे रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। भले ही कुछ मिसाइलें रोकी गईं, परंतु अनेक डिफेंस कवच को भेदती हुई सफलतापूर्वक लक्ष्य तक पहुंचीं।

ईरान की युद्ध नीति बहुस्तरीय है। पहले ड्रोन्स और पारंपरिक मिसाइलों से हमला कर आयरन डोम को व्यस्त किया जाता है, और फिर फतह-1 जैसी अति-तेज हाइपरसोनिक मिसाइलें वार करती हैं। यह रणनीति इजरायल की सुरक्षा व्यवस्था में छुपी कमजोरियों को सामने ला रही है। ईरान का दावा है कि फतह-1 पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, और यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद विकसित की गई है। हालांकि रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल के पीछे रूस, चीन और उत्तर कोरिया की परोक्ष तकनीकी सहायता हो सकती है।   Israel Iran Conflict

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ईरान और इजरायल को कौन दे रहा है हथियार? जानिए असली अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कौन है

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दैनिक राशिफल 7 फरवरी 2022
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userचेतना मंच
calendar18 JUN 2025 03:44 PM
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Iran-Israel War : 13 जून 2025 को ईरान और इजरायल के बीच छिड़े युद्ध ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इस टकराव में सिर्फ दो देश ही नहीं, बल्कि उनके पीछे खड़े वैश्विक शक्तिकेंद्र भी शामिल होते जा रहे हैं। एक ओर ईरान को रूस, चीन, यूक्रेन, उत्तर कोरिया और बेलारूस जैसे देशों का सैन्य समर्थन प्राप्त है, तो दूसरी ओर इजरायल को अमेरिका, जर्मनी, इटली और कनाडा जैसे पश्चिमी देशों का खुला सहयोग मिल रहा है।

किस देश से किसे मिल रहे हैं हथियार?

प्रमुख रक्षा आंकड़ों के मुताबिक, बीते 25 वर्षों में जिन देशों ने ईरान और इजरायल को सबसे अधिक हथियार मुहैया कराए हैं, उनकी सूची कुछ इस प्रकार है: ईरान को सप्लाई करने वाले देश हथियार (मिलियन डॉलर में) रूस 3,473 चीन 904 यूक्रेन 314 उत्तर कोरिया 257 बेलारूस 53 इजरायल को सप्लाई करने वाले देश हथियार (मिलियन डॉलर में) अमेरिका 10,486 जर्मनी 2,596 इटली 293 कनाडा 16

ईरान बनाम इजरायल: जनसंख्या और क्षेत्रफल में अंतर, लेकिन क्या इससे फर्क पड़ता है?

ये आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि जहां ईरान को अधिकतर समर्थन पूर्वी धड़े से मिल रहा है, वहीं इजरायल को पश्चिमी ताकतें सैन्य रूप से सशक्त बना रही हैं। ईरान का क्षेत्रफल लगभग 16 लाख वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 9 करोड़ के करीब, जबकि इजरायल का कुल क्षेत्रफल सिर्फ 22,000 वर्ग किलोमीटर और आबादी लगभग 95 लाख है। भले ही भौगोलिक और जनसंख्या के लिहाज से ईरान बड़ा हो, लेकिन युद्ध की तस्वीर केवल इन आंकड़ों से नहीं बनती।

ईरान की सैन्य संरचना

ईरान की सेना दो हिस्सों में बंटी हुई है: आर्टेश, यह पारंपरिक सीमाओं की रक्षा के लिए जिम्मेदार है। दूसरा इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स, इसमें कुद्स फोर्स, मिसाइल कमान और साइबर यूनिट्स जैसी स्पेशल इकाइयां शामिल हैं। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, ईरान की रेगुलर आर्मी में 6.6 मिलियन सैनिकों की तैनाती है, जबकि आईआरजीसी के पास करीब 2 लाख प्रशिक्षित बल हैं। हालांकि, इजरायल और अमेरिका द्वारा किए गए पूर्व सैन्य अभियानों में ईरानी सेना और उसकी प्रॉक्सी यूनिट्स को गंभीर क्षति पहुँची थी।

इजरायल की ताकत: छोटा देश, बड़ी तैयारी

भले ही इजरायल का आकार छोटा हो, लेकिन उसका सैन्य कौशल अत्याधुनिक है। अमेरिका और नाटो सहयोग से उसे नवीनतम तकनीकों की निरंतर आपूर्ति होती रहती है। इसके अतिरिक्त, इजरायल ने अपनी घरेलू रक्षा प्रणाली (जैसे आयरन डोम, डेविड्स स्लिंग) को भी विश्व स्तरीय स्तर पर विकसित किया है। रणनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो इजरायल, सीमित संसाधनों के बावजूद युद्ध के कई मोर्चों पर एकसाथ जवाब देने की क्षमता रखता है।

क्या यह सिर्फ दो देशों का युद्ध है?

ईरान और इजरायल के बीच यह संघर्ष अब क्षेत्रीय न होकर वैश्विक मंच पर प्रभाव छोड़ने लगा है। दोनों देशों को जिन अंतरराष्ट्रीय ताकतों का समर्थन मिल रहा है, वह आने वाले समय में इस युद्ध को और भयावह बना सकता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि कौन से देश इस 'बैकडोर वार' के असली खिलाड़ी हैं। Iran-Israel War

पाकिस्तान में बड़ा रेल विस्फोट, जाफर एक्सप्रेस हुआ हादसे का शिकार

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पाकिस्तान में बड़ा रेल विस्फोट, जाफर एक्सप्रेस हुआ हादसे का शिकार

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calendar18 JUN 2025 01:06 PM
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Pakistan News :  पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक बार फिर रेल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पेशावर से क्वेटा जा रही जाफर एक्सप्रेस  उस वक्त हादसे का शिकार हो गई, जब जाकोबाबाद के पास पटरियों पर एक जोरदार विस्फोट हुआ। इस धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि ट्रेन की चार बोगियां पटरी से उतर गईं। रेलवे प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। गनीमत यह रही कि इस हादसे में किसी यात्री के हताहत होने की खबर नहीं है। सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और वैकल्पिक परिवहन के ज़रिए उनकी यात्रा आगे बढ़ाई जा रही है।

सभी यात्री सुरक्षित, बड़ा हादसा टला

घटनास्थल से जुटाए गए शुरुआती साक्ष्यों के आधार पर यह आशंका जताई जा रही है कि धमाका सुनियोजित साजिश या तोड़फोड़ का नतीजा हो सकता है। हालांकि, अब तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है, और न ही अधिकारियों की ओर से इसकी औपचारिक पुष्टि की गई है। रेलवे ट्रैक की मरम्मत का कार्य तेज़ी से चल रहा है, जबकि अन्य ट्रेनों की आवाजाही को फिलहाल अस्थायी रूप से रोका गया है। सुरक्षा एजेंसियां घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं और जांच के विभिन्न पहलुओं को खंगाल रही हैं।

पूर्व में भी हुआ था हमला

जाफर एक्सप्रेस पहले भी हिंसा का निशाना बन चुकी है। कुछ माह पूर्व बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस ट्रेन को बंधक बना लिया था। उस घटना में BLA के सशस्त्र उग्रवादियों ने ट्रेन को बलूचिस्तान के एक सुनसान क्षेत्र में रोककर करीब 400 यात्रियों को घंटों तक बंधक बनाए रखा था। BLA का यह कदम बलूचिस्तान में कथित सैन्य उत्पीड़न और मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ विरोध जताने का प्रयास था। बाद में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों और BLA के बीच तीव्र संघर्ष हुआ, जिसमें दोनों ओर से नुकसान हुआ। हालांकि, संघर्ष के बाद BLA ने यात्रियों को रिहा कर दिया था।    Pakistan News

नानी के घर रह रही किशोरी को ले भागा पड़ोसी, माँ ने कहा हो सकती है कोई अनहोनी

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