Thursday, 21 November 2024

दुनिया का ऐसा अनोखा मंदिर जहां होता है ‘तलाक’, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

Divorce Temple : दुनिया में ऐसी कई जगह है जहां के रहस्यमयी इतिहास के बारे में जानना काफी दिलचस्प होता…

दुनिया का ऐसा अनोखा मंदिर जहां होता है ‘तलाक’, वजह जानकर रह जाएंगे दंग

Divorce Temple : दुनिया में ऐसी कई जगह है जहां के रहस्यमयी इतिहास के बारे में जानना काफी दिलचस्प होता है। इतिहास के पन्नों में हर देश के बारे में कोई ना कोई ऐसी कहानी जरूर मिल जाती है जिसे सुनकर दंग रह जाना तो लाजमी है। आज हम आपके लिए एक ऐसी जानकारी लेकर आए हैं जिसे सुनने के बाद आप भी ये सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि क्या सच में ऐसा भी हो सकता है?

Divorce Temple

अपनी अलग ही संस्कृति के लिए मशहूर जापान (Japan) एक ऐसा देश है जहां के लोग अपनी संस्कृति से लगाव रखना बेहद पसंद करते हैं। उगते हुए सूरज का देश Japan अपने कल्चर, खान-पान और टेक्नोलॉजी के लिए दुनियाभर में काफी मशहूर है। आज हम आपको जापान का एक ऐसा इतिहास बताने जा रहे हैं जो काफी अजीबों-गरीब है। दरअसल जापान में करीब 600 साल पहले तलाकशुदा महिलाओं के लिए एक मंदिर बनाया गया था, जो तलाकशुदा महिलाओं के लिए दूसरा घर हुआ करता था। जापान का ये मंदिर ‘डिवोर्स टेंपल’ (Divorce Temple) यानी ‘तलाक का मंदिर’ के नाम से जाना जाता है।

तलाकशुदा महिलाओं का था दूसरा घर

Japan में मौजूद इस मंदिर का नाम मातसुगोका टोकेई-जी (Matsugaoka Tōkei-ji) है। दरअसल जापानी समाज में 12वीं और 13वीं शताब्दी के दौरान तलाक के प्रावधान सिर्फ पुरुषों के लिए ही बनाए थे। वो दौर ऐसा था जब जापानी पुरुष अपनी पत्नी को बड़ी आसानी से तलाक दे सकते थे। लेकिन मातसुगोका टोकेई-जी मंदिर के दरवाजे उन महिलाओं के लिए खुले, जो पुरूषों द्वारा घरेलू हिंसा या दुर्व्यवहार का शिकार होती थीं।

क्या है Matsugaoka Tōkei-ji का इतिहास?

जाहिर है Divorce Temple सुनना काफी अजीब लगता है जिसे सुनते ही लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे भी एक कहानी है। ऐसा माना जाता है कि सदियों पहले जापान की तलाकशुदा महिलाएं टोकई-जी मंदिर में अपने अत्याचारी पतियों से छुटकारा पाने के लिए पनाह लेती थी। Matsugaoka Tōkei-ji मंदिर जापान के कामाकुरा शहर में स्थित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जापान के इस मंदिर को काकूसान-नी नाम की एक नन ने अपने पति होजो टोकीमून की याद में बनवाया था। इसी मंदिर में काकूसान-नी ने उन सभी महिलाओं का स्वागत किया था जो अपने पति से खुश नहीं थी और जिनके पास तलाक लेने का कोई तरीका नहीं था।

जानें कैसे होता था तलाक?

ऐसा कहा जाता है कि कामकुरा युग में Japan के पतियों को बिना कोई कारण बताए अपनी पत्नी के साथ शादी खत्म करने के लिए केवल एक औपचारिक ‘तलाक पत्र’ लिखनी होती थी, जबकि महिलाओं को इस तरह का कोई अधिकार नहीं था। महिलाओं के पास इस शादी से भाग जाना ही एक चारा था। महिलाओं को ‘मातसुगोका टोकेई-जी’ में करीब तीन साल रहने के बाद अपने पति के साथ शादी तोड़ने की अनुमति थी। हालांकि बाद में इस अवधि को घटाकर दो साल कर दिया गया था।

पुरुषों का जाना मना था

साल 1285 में बनी Matsugaoka Tōkei-ji मंदिर में 1902 तक पुरूषों का जाना सख्त मना था। जानकारी के मुताबिक ये Divorce Temple एक बौद्ध धर्म का मंदिर है। कुछ समय बाद ये मंदिर तलाकशुदा महिलाओं को अधिकारिक रूप से तलाक के सेर्टिफिकेट देने लगा ताकि वो अपनी जिन्दगी अपने तरीके खुशी-खुशी जी सके।

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