Donald Trump : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर खुफिया विभाग की राय को सिरे से नकार दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड की रिपोर्ट “गलत” है और उन्हें ईरान की परमाणु नीतियों को लेकर पुनः मूल्यांकन करना चाहिए।न्यू जर्सी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, मेरी खुफिया एजेंसी ने इस मामले में सही विश्लेषण नहीं किया।” जब संवाददाताओं ने स्पष्ट किया कि यह आकलन खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड का था, तो ट्रंप ने अपनी बात दोहराई — “वो गलत हैं।
बढ़ते तनाव के बीच आया ट्रंप का बयान
यह बयान उस समय आया है जब पश्चिम एशिया में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। अमेरिका और उसके सहयोगी देश ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। मार्च में तुलसी गबार्ड ने अमेरिकी सांसदों को बताया था कि मौजूदा सूचनाओं के अनुसार, ईरान ने अभी तक परमाणु हथियार विकसित करने का निर्णय नहीं लिया है। ट्रंप ने ईरान की परमाणु ऊर्जा ज़रूरतों पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब ईरान के पास दुनिया के सबसे बड़े तेल भंडारों में से एक मौजूद है, तो उसे परमाणु ऊर्जा की आवश्यकता क्यों है?” उन्होंने इसपर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह पूरा मामला संदेहास्पद है।
नाटो देशों के रक्षा खर्च पर भी निशाना
ट्रंप ने यूरोपीय देशों के रक्षा बजट पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को नाटो के 5% GDP वाले रक्षा खर्च लक्ष्य का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन यूरोपीय देशों को इस लक्ष्य का पालन ज़रूर करना चाहिए। राष्ट्रपति ने स्पेन को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह रक्षा क्षेत्र में बहुत कम निवेश कर रहा है। “या तो वे बहुत चालाक सौदेबाज हैं, या फिर वे अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं,” ट्रंप ने तल्ख लहजे में कहा। उन्होंने ज़ोर दिया कि स्पेन को भी उतना ही सहयोग देना चाहिए जितना अन्य नाटो सदस्य देश दे रहे हैं। Donald Trump