Monday, 20 May 2024

Third Mangala Gauri fast 2023: पुष्य नक्षत्र और अधिकमास के योग में मनाया जाएगा सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत  

  Third Mangala Gauri fast 2023: सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई 2023 के दिन रखा जाएगा. तृतीय…

Third Mangala Gauri fast 2023: पुष्य नक्षत्र और अधिकमास के योग में मनाया जाएगा सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत  

 

Third Mangala Gauri fast 2023: सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई 2023 के दिन रखा जाएगा. तृतीय मंगला गोरी व्रत अधिकमास में पड़ने वाला है, इस कारण से यह अधिक मास के आरंभ का समय भी होगा. मंगला गौरी व्रत के दिन प्रथम (अधिक) श्रावण शुक्ल पक्ष का समय होने से यह दिन गौरी पूजन के साथ साथ श्री विष्णु एवं लक्ष्मी पूजन के लिए भी खास रहने वाला है. सावन माह के हर मंगलवार को रखा जाने वाला मंगला गौरी व्रत वैवाहिक जीवन की शुभता हेतु होता है. इस दिन कुंआरी कन्याएं अथवा सुहागन स्त्रियां रखती हैं. मंगला गौरी के दिन शिव परिवार का पूजन किया जाता है.

मंगला गोरी पूजन के दिन होंगे शुभ योग 

Third Mangala Gauri fast 2023:  मंगला गौरी पूजन के दिन कुछ शुभ योगों का निर्माण होगा. 18 जुलाई मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र सारा दिन व्याप्त रहेगा. पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ नक्षत्र की श्रेणी में रखा जाता है. इस नक्षत्र को अत्यंत उत्तम फल देने वाला तथा जीवन में सुख समृद्धि को प्रदान करने वाला नक्षत्र माना गया है. इस समय पर किया जाने वाला पूजन मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है.

मंगलागौरी व्रत के दिन चंद्रमा का गोचर कर्क राशि में होगा. चंद्र अपनी स्वराशि में होने के कारण शुभता में वृद्धि करने वाला होगा. पूजन में चंद्रमा की शुभ स्थिति इस दिन को और भी अधिक शुभदायक बना देने वाली होगी.

मंगला गौरी व्रत 2023 पूजा मुहूर्त

सावन का तीसरा और सावन अधिकमास का पहला मंगला गौरी व्रत 18 जुलाई 2023 को शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाएगा. 18 जुलाई को मंगला गौरी व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 05:35 बजे से लेकर 07:54 बजे तक है. इसके पश्चात 10:11 से 12:27 तक का शुभ मुहूर्त पूजा के लिए होगा.  इसके अलावा अभिजित मुहूर्त का समय 12:00 से 12:55 तक रहने वाला है. मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह 09:36 तक हर्षण योग का समय रहने वाला है.

मंगला गौरी पूजन में इन फूलों का उपयोग देगा विशेष लाभ 

मंगला गोरी पूजन हेतु सभी प्रकार की पूजा सामग्री के साथ ही देवी को अर्पित करने वाले पुष्प एवं शृंगार सामग्री को अवश्य शामिल करना होता है. इस दिन देवी के पूजन में कमल, गुडहल, श्वेत हारसिंगार, गुलाब आदि से माता की पूजा करनी चाहिए. श्वेत एवं लाल रंग के फूलों का उपयोग करके कुंडली में मौजूद शुक्र एवं मंगल दोषों की शांति होती है. इन ग्रहों के शुभ फल व्यक्ति को प्राप्त होते हैं. इसके अलावा माता को अर्पित किए जाने वाले यह सभी पुष्प मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं. इनसे मां की आराधना करना भक्त को मनोवांछित फलों को देने वाला होता है. Third Mangala Gauri fast 2023
एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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