High Blood Pressure इस जूस का सेवन करते ही कंट्रोल हो जाता है हाई ब्लड प्रेशर




Sadabahar : सदाबहार (Sadabahar) के फूल को आपने देखा ही होगा। यह एक ऐसा फूल है जो हर मौसम में खिलता है और हर जगह आसानी से मिल जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि सदाबहार (Sadabahar ke phool) के इस फूल से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।
उच्च रक्त शुगर लेवल डायबिटीज के मरीजों के लिए एक समस्याभरी स्थिति है, क्योंकि ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने के साथ डायबिटीज से जुड़ी जटिलताएं बढ़ जाती है। रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर नियंत्रित रखने के लिए सदाबहार या सदाफुली की पत्तियां और फूल प्राकृतिक तौर पर मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सदाबहार के फूल और पत्तियां टाइप 2 डायबिटीज का प्राकृतिक और सुरक्षित नुस्खा है।
सदाबहार के फूलों का प्रयोग रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। जिन लोगों को मधुमेह या डायबिटीज की समस्या है उन्हें सदाबहार के फूलों की चाय पीने से फायदा होता है। इसी तरह सदाबहार के पौधे की ताज़ी पत्तियां चबाने से भी ब्लड ग्लूकोज़ लेवल कम होता है।
सेवन के तरीके
मुट्ठीभर सदाबहार के फूलों को एक गिलास पानी के साथ उबलने के लिए रखें। 6-10 मिनट तक इस मिश्रण को पकने दें। फिर, आंच से उतारकर इसे छान लें। सुबह उठने के बाद सबसे पहले इस हर्बल काढ़े का सेवन करें। यह नाश्ता के बाद ब्लड शुगर लेवल में होने वाली स्पाइक को कम रख सकता है।
फ्रूट जूस के साथ
इस तरीके में सदाबहार की पत्तियों के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। सदाबहार के पौधे की पत्तियों को धूप में या माइक्रोवेव में सूखा लें। फिर, इन पत्तियों को पीसकर पाउडर बना लें। रोज़ सुबह फलों के जूस के साथ इस पाउडर को मिलाकर पीएं।
संत कमल किशोर, आयुर्वेदाचार्य
Sadabahar : सदाबहार (Sadabahar) के फूल को आपने देखा ही होगा। यह एक ऐसा फूल है जो हर मौसम में खिलता है और हर जगह आसानी से मिल जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि सदाबहार (Sadabahar ke phool) के इस फूल से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।
उच्च रक्त शुगर लेवल डायबिटीज के मरीजों के लिए एक समस्याभरी स्थिति है, क्योंकि ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने के साथ डायबिटीज से जुड़ी जटिलताएं बढ़ जाती है। रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर नियंत्रित रखने के लिए सदाबहार या सदाफुली की पत्तियां और फूल प्राकृतिक तौर पर मदद करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, सदाबहार के फूल और पत्तियां टाइप 2 डायबिटीज का प्राकृतिक और सुरक्षित नुस्खा है।
सदाबहार के फूलों का प्रयोग रक्त में ग्लूकोज़ की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। जिन लोगों को मधुमेह या डायबिटीज की समस्या है उन्हें सदाबहार के फूलों की चाय पीने से फायदा होता है। इसी तरह सदाबहार के पौधे की ताज़ी पत्तियां चबाने से भी ब्लड ग्लूकोज़ लेवल कम होता है।
सेवन के तरीके
मुट्ठीभर सदाबहार के फूलों को एक गिलास पानी के साथ उबलने के लिए रखें। 6-10 मिनट तक इस मिश्रण को पकने दें। फिर, आंच से उतारकर इसे छान लें। सुबह उठने के बाद सबसे पहले इस हर्बल काढ़े का सेवन करें। यह नाश्ता के बाद ब्लड शुगर लेवल में होने वाली स्पाइक को कम रख सकता है।
फ्रूट जूस के साथ
इस तरीके में सदाबहार की पत्तियों के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। सदाबहार के पौधे की पत्तियों को धूप में या माइक्रोवेव में सूखा लें। फिर, इन पत्तियों को पीसकर पाउडर बना लें। रोज़ सुबह फलों के जूस के साथ इस पाउडर को मिलाकर पीएं।
संत कमल किशोर, आयुर्वेदाचार्य

black beard : वर्तमान समय में युवाओं में दाढ़ी (black beard) रखने का एक फैशन चला हुआ है। कम उम्र के युवा भी दाढ़ी रख रहे हैं। लेकिन खानपान या पानी की वजह से दाढ़ी सफेद हो रही है और आप अपने दाढ़ी (black beard) रखने के शौक को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो चिंता मत कीजिए। हम आज आपको बताएंगे कि घर पर ही देसी उपायों से आप अपनी दाढ़ी को प्राकृतिक रुप से कैसे काला कर सकते हैं।
प्याज का रस बनाकर लगाएं
यह बालों को काला बनाने का सबसे आसान तरीका है, जिसका इस्तेमाल आपको बालों को बहुत ही कम समय के अंदर काला बना सकता है। इस नुस्खे के लिए आपको केवल प्याज की जरूरत होती है। आप प्याज की ग्रेवी बना लें और इसके पल्प को बालों पर लगाएं। अगर आपको बालों पर पल्प नहीं लगाना है तो आप प्याज का रस निकाल कर भी बालों पर स्प्रे कर सकते हैं। इससे आपको बालों को काला बनाने में मदद मिलेगी।
[caption id="attachment_15414" align="alignnone" width="563"]
black beard[/caption]
आलू का छिलका
आलू के छिलके में मौजूद स्टार्च की मात्रा आपके बालों से अतिरिक्त ऑयल को सोखने का काम करती है। आलू के छिलके के इस्तेमाल से डैंड्रफ और बाल सफेद होने की समस्या नहीं होती है। आप इस नुस्खे के लिए आलू के छिलकों को गर्म पानी मे 15 मिनट तक उबाल लें। इस पानी को छान ले और ठंडा होने दे। इस पानी से बालों और स्कैल्प पर लगाकर छोड़ दे। एक घंटे बाद ठंडे पानी से बाल को धो लें।
मेहंदी और नील पत्ती का करें इस्तेमाल
मेहंदी और नील के पत्ती को बालों पर लगाने से एक बार में ही बालों को काला बनाने में मदद मिलती है। इस नुस्खे के लिए एक कांच के प्याले में दो चम्मच मेहंदी डाल कर थोड़ा पानी मिलाएं और एक गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को 12 घंटे के लिए ढककर छोड़ दें। अब इसमें चार चम्मच नील पत्ती का पाउडर मिला लें और हल्का गुनगुना पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब आप अपने बालों पर किसी ब्रश या फिर हाथों से मेहंदी लगाएं और 2 घंटे बाद पानी से धो लें।
संत कमल किशोर, आयुर्वेदाचार्य
black beard : वर्तमान समय में युवाओं में दाढ़ी (black beard) रखने का एक फैशन चला हुआ है। कम उम्र के युवा भी दाढ़ी रख रहे हैं। लेकिन खानपान या पानी की वजह से दाढ़ी सफेद हो रही है और आप अपने दाढ़ी (black beard) रखने के शौक को पूरा नहीं कर पा रहे हैं तो चिंता मत कीजिए। हम आज आपको बताएंगे कि घर पर ही देसी उपायों से आप अपनी दाढ़ी को प्राकृतिक रुप से कैसे काला कर सकते हैं।
प्याज का रस बनाकर लगाएं
यह बालों को काला बनाने का सबसे आसान तरीका है, जिसका इस्तेमाल आपको बालों को बहुत ही कम समय के अंदर काला बना सकता है। इस नुस्खे के लिए आपको केवल प्याज की जरूरत होती है। आप प्याज की ग्रेवी बना लें और इसके पल्प को बालों पर लगाएं। अगर आपको बालों पर पल्प नहीं लगाना है तो आप प्याज का रस निकाल कर भी बालों पर स्प्रे कर सकते हैं। इससे आपको बालों को काला बनाने में मदद मिलेगी।
[caption id="attachment_15414" align="alignnone" width="563"]
black beard[/caption]
आलू का छिलका
आलू के छिलके में मौजूद स्टार्च की मात्रा आपके बालों से अतिरिक्त ऑयल को सोखने का काम करती है। आलू के छिलके के इस्तेमाल से डैंड्रफ और बाल सफेद होने की समस्या नहीं होती है। आप इस नुस्खे के लिए आलू के छिलकों को गर्म पानी मे 15 मिनट तक उबाल लें। इस पानी को छान ले और ठंडा होने दे। इस पानी से बालों और स्कैल्प पर लगाकर छोड़ दे। एक घंटे बाद ठंडे पानी से बाल को धो लें।
मेहंदी और नील पत्ती का करें इस्तेमाल
मेहंदी और नील के पत्ती को बालों पर लगाने से एक बार में ही बालों को काला बनाने में मदद मिलती है। इस नुस्खे के लिए एक कांच के प्याले में दो चम्मच मेहंदी डाल कर थोड़ा पानी मिलाएं और एक गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को 12 घंटे के लिए ढककर छोड़ दें। अब इसमें चार चम्मच नील पत्ती का पाउडर मिला लें और हल्का गुनगुना पानी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें। अब आप अपने बालों पर किसी ब्रश या फिर हाथों से मेहंदी लगाएं और 2 घंटे बाद पानी से धो लें।
संत कमल किशोर, आयुर्वेदाचार्य