Saturday, 9 November 2024

Kite Festival: परिंदों के साथ परवाज भरेंगे पतंग

सोनाली नौटियाल अगस्त का आगाज होने को है और स्वतंत्रता दिवस (Independence day) की तैयारियां लोगों के बीच खूब जोर-शोर…

Kite Festival: परिंदों के साथ परवाज भरेंगे पतंग

सोनाली नौटियाल

अगस्त का आगाज होने को है और स्वतंत्रता दिवस (Independence day) की तैयारियां लोगों के बीच खूब जोर-शोर से शुरू हो गई है। जहां लाल किले पर हमारे प्रधानमंत्री (Prime minister) द्वारा तिरंगा फहराने(Flag Hosting)  की प्रथा है, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में पतंग उड़ाने के उत्साह का कोई जवाब ही नहीं है। वैसे तो पतंग उड़ाना किसे पसंद नहीं। बच्चों से लेकर बुर्जुगों तक के बीच पतंगबाजी बहुत ही लोकप्रिय है।

मगर, मौजूदा दौर में यह खेल जानलेवा साबित होता जा रहा है। पतंग उड़ाने वालों की संख्या जहां त्योहार(Festival) आते ही बढ़ने लगती है, वहीं पतंग की वजह से जान का जोखिम भी तेजी से बढ़ने लगा है। अभी हाल ही में बुराड़ी से रोहिणी जा रहे युवक सुमित की बाइक चलाने के दौरान गले में मांझा फंसने से मौत हो गई। वह पेशे से कारोबारी थे। वह अपने माता पिता की अकेली संतान थे। मांझे ने सुमित से जिंदगी छीन ली। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। देश में रोज ऐसे मामले पिछले कुछ वर्षों से लगातार दर्ज हो रहे हैं। पतंग में लगी डोर अब जीवन छीनने का काम करने लगी है।

दरअसल, पतंग की डोरी पहले सूती धागे से बांधी जाती थी, लेकिन अब सिंथेटिक धागे ने उसकी जगह ले ली है। यह आयातित मांझे जीवन के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। दिल्ली के आसमान में उड़ती पतंगों को काटने की होड़ में मांझे बेजुबानों और इंसानों की जिंदगी की डोर काट रहा है। बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी इसकी डिमांड बाजार में बीते दशकों में तेजी से बढ़ी है। ये मांझा प्लास्टिक से बना होता है, जिसकी धार किसी तेज चाकू से कम नहीं होती। ये मांझे बेहद मजबूत होते हैं, जिसे मेटलिक कोटिंग से तैयार किया जाता है। इसमें शीशा, व(Glass) ज्रम गोंद (Vajram Gum) , मैदा (flour , एल्यूमिनियम ऑक्साइड (Aluminum Oxide)और जिरकोनिया ऑक्साइड (Zirconia Oxide) का इस्तेमाल किया जाता है। बाजार में ऐसे मिलने वाले मांझे किसी ब्लेड की तरह धार रखते हैं, जो पतंग काटने के साथ साथ पक्षियों और लोगों के लिए भी उतना ही खतरनाक है।

चाइनीज मांझे (chinese manjha) की विशेष तौर पर बात की जाए तो पिछले साल ही जुलाई के महीने में अकेले दिल्ली में छह किलो मांझा जब्त किया गया था। अगस्त 2021 में पेटा की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की और कई दुकानदारों को गिरफ्तार भी किया था। पतंग विक्रेताओं के अनुसार बाजार में अब चाइनीज मांझे की बजाय नायलॉन, सिंथेटिक से बने मांझे ही बिक रहे हैं।

पतंग की डोर से जीवन को कोई खतरा न हो, इसके लिए हमें खुद की सुरक्षा का हर पल ध्यान रखना होगा। सिर पर फेस मास्क वाला हेलमेट पहन के चलना, हाथों में ग्लव्स और गर्दन और मुंह पर हमेशा कपड़ा लपेटकर रखना, गाड़ी चौकन्ने होकर चलाना, स्पीड ज्यादा तेज न रखना, मांझे को देखकर तुरंत ब्रेक लगाना जैसी आदतें हमें अपनानी चाहिए। दिल्ली प्रदूषण विभाग ने मांझों के बाबत विशेष नियम बनाए हैं, जिसका उल्लंघन करने पर पांच साल तक की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना तय है।

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