प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में उद्धृत शे’र – मांझी, न रहबर, न हक़ में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर,…
चेतना मंच | September 4, 2021 9:40 AM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद में उद्धृत शे’र – मांझी, न रहबर, न हक़ में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफ़र है।
के रचयिता प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी को, ग़ज़ल के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘काव्यलोक’ द्वारा गाज़ियाबाद लायंस क्लब के सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में सम्मानित किया गया,जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री डॉ रमा सिंह ने की।
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रसिद्ध समाज सेवी श्री देवेंद्र हितकारी ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्य अतिथि आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा, श्री शैलेन्द्र जैन, राजऋषि ज्योतिषी पं.अरुण कौशिक, साहित्य सेवी श्री पवन जैन, मोइन अख़तर अंसारी सहित गाज़ियाबाद एवम देशभर से पधारे अनेक गणमान्य काव्य प्रेमी और शायर उपस्थित थे। विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने दीक्षित दनकौरी की ग़ज़ल मुम्बई विश्विद्यालय में बी.ए.तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम में शामिल हो जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर डॉ अल्पना सुहासिनी के संचालन में एक ग़ज़ल गोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें डॉ रमा सिंह, गोविंद गुलशन, मासूम गाज़ियाबादी, अंजू जैन ,राजीव सिंहल,कृष्ण कुमार ‘नाज़’,संतोष सिंह, सलिल तिवारी ‘सलिल’,महव जबलपुरी, मीनाक्षी शर्मा और दीक्षित दनकौरी ने अपने काव्य पाठ से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।