Caste Survey के बाद Economic Survey पेश, अन्य राज्यों में उठेगी माँग

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calendar08 NOV 2023 08:42 AM
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Bihar Caste Survey: जातिवार गणना के बाद, शीर्ष पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के दौरान बिहार आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी कर दी गई है। ऐसे में बिहार से आई ये खबर पूरे देश की चुनावी राजनीति का पारा बढ़ा सकती है। पिछड़े तबके की राजनीति करने वाले दल आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग उठा सकते हैं और उन्हें कांग्रेस भी अपना पूरा समर्थन देगी। जाहिर तौर पर बीजेपी पर दबाव बढ़ेगा ।

बिहार में आरक्षण बढेगा, इन राजनीतिक दलों का समर्थन

राजद ने तो बिहार में आरक्षण बढ़ाने की मांग शुरू कर दी है। आपको बता दें कि केन्द्र में BJP -NDA के सहयोगी दल भी इस मांग के समर्थन में आ गए हैं । सहयोगी दलों सहित कांग्रेस भी इस माँग को समर्थन दे रही है। आपको बता दें कि अपना दल की अनुप्रिया पटेल और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के पशुपति कुमार पारस बहुत पहले से राष्ट्रीय स्तर पर जातिवार गणना की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक दलों का यह रुख भाजपा को अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव का सबसे बड़ा कारण बन सकता है।

नितीश कुमार की तुलना कर्पूरी ठाकुर और वी पी सिँह से

जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने तो इस मामले में नीतीश कुमार को समर्थन देते हुए उनकी तुलना कर्पूरि ठाकुर और वी पी सिंह जैसे नेताओं से कर डाली। के सी त्यागी के मुताबिक नितीश कुमार 75 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में हैं ऐसा करके वो किसी वर्ग की हकमारी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने सवर्णों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी बनाए रखने की बात की हैं, जिससे समाज में समता बनी रहे। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी महिला आरक्षण विधेयक के बाद से ही जातिगत जनगणना और आबादी के हिसाब से सहभागिता की मांग को पुरजोर समर्थन दे रहे हैं। भाजपा के सामने बड़ी चुनौती बिहार में, भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि कभी-कभी राजद और जदयू के बीच किसी निति को लेकर जो फासला दिखता है, वो इस आरक्षण के बाद नहीं दिखेगा क्यूंकि नीतीश कुमार ने राजद की राजनीति के अनुकूल होकर आरक्षण का दायरा बढ़ाने की बात की है। वामदल भी बिहार सरकार की इस निति को समर्थन देते हुए दिख रहे हैं। कांग्रेस तो अपनी कोई मज़बूत चुनावी रणनिति बनाने के बजाय इस मुद्दे को समर्थन देने का फ़ैसला ली है। इसलिए, भाजपा के लिए बिहार में अपने विरोधी दलों के आपस में मजबूत हो रहे इस सम्बन्ध को पार करना मुश्किल भरा दिख रहा है ।
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Nepal earthquake: भूकंप से नेपाल में मची तबाही, पीएम मोदी ने दुख व्यक्त करते हुए मदद का दिया भरोसा

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locationभारत
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calendar04 NOV 2023 09:37 AM
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Nepal earthquake: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया और पड़ोसी देश को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। पीएम मोदी ने एक्स पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा- भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं। https://twitter.com/narendramodi/status/1720640733357756559

रुकुम पश्चिम और जाजरकोट में सबसे अधिक मौतें

नेपाल में शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के जोरदार भूकंप के बाद अबतक 129 लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप से जान माल को काफी नुकसान हुआ है। सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। कई घर जमींदोज हो गए हैं। रुकुम पश्चिम और जाजरकोट में सबसे अधिक मौत की पुष्टि हुई है। अधिकारियों के मुताबिक, मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है।

 कई अस्पतालों को भूकंप प्रभावितों के लिए समर्पित कर दिया गया है

कई अस्पतालों को भूकंप प्रभावितों के लिए समर्पित कर दिया गया है।  अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि पहाड़ी गांवों में बचाव अभियान जारी है और दर्जनों लोग घायल पाए गए हैं। कई जगहों से संचार कट गया है। भेरी अस्पताल, कोहलपुर मेडिकल कॉलेज, नेपालगंज सैन्य अस्पताल और पुलिस अस्पताल को भूकंप प्रभावितों के लिए समर्पित अस्पताल बनाया गया है। नेपाल में सभी हेली-ऑपरेटरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है और प्रभावित क्षेत्रों से घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए नियमित उड़ान आवाजाही निलंबित कर दी गई है। शुक्रवार का भूकंप नेपाल में आठ साल से अधिक समय में सबसे शक्तिशाली था। इस भयंकर भूकंप ने एक बार फिर से 2015 के विनाशकारी भूकंप की याद दिला दी है. जिसमें  करीब 10,000 लोग मारे गए थे। ये भी पढ़ेंः आधी रात को मच गया कहर, नेपाल में हुई 129 लोगों की मौत, भारत में भी सहमे लोग ग्रेटर नोएडा - नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
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नंदनी दास ने ब्रिटिश अकादमी बुक पुरस्कार जीता कोलकाता से है गहरा नाता

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 NOV 2023 09:32 AM
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भरतीय मूल मे जन्मीं लेखिका नंदनी दास ने ब्रिटेन का ब्रिटिश अकादमी बुक पुरस्कार 2023 जीता है ।उन्हे ये पुरस्कार उनकी पुस्तक ‘कोर्टिंग इंडिया: इंग्लैंड, मुगल इंडिया एंड द ओरिजिन्स ऑफ एम्पायर’ के लियें  दिया गया है ।यह एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय गैर-गल्प पुरस्कार है जिसमें इनाम के तौर पर 25,000 पाउंड की राशि दी जाती है।    

नंदनी दास की शिक्षा:

  कोलकाता में जन्मीं लेखिका नंदनी दास का बचपन भारत के कोलकाता शहर मे ही बीता है ।उन्होनें ने अपनी पढ़ाई  लिखाई भी कोलकाता से ही पूरी की।उन्होनें जादवपुर विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य मे डिग्री ली।इसके बाद रोड्स स्कॉलर के तौर पर ब्रिटेन जाना हुआ। जहा पर उन्होनें ट्रिनिटि कॉलेज कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल की।उन्होनें शुरुआत दौर मे प्रकाशन उद्योग में सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर के रूप मे एक साल तक काम किया।  

पुरस्कार की घोषणा:

  नंदनी दास की यह किताब ‘मुगल दरबारों में इंग्लैंड के पहले राजनयिक अभियान के माध्यम से बताई गई ब्रिटेन और भारत की सच्ची मूल कहानी’ का वर्णन करती है।मंगलवार की शाम को लंदन मे ब्रिटेन स्थित लेखिका का नाम ब्रिटिश अकादमी के एक समारोह में विजेता के रूप में घोषित किया गया।

नंदिनी दास

यह किताब 1600 के दशक की शुरुआत में भारत में इंग्लैंड के पहले राजनयिक मिशन की कहानी बताती है व्यापक परिदृश्य के साथ सूक्ष्म विवरण पेश करती है।

नंदिनी दास

जूरी प्रमुख प्रोफेसर चार्ल्स ट्रिप ने कहा,”भारत और ब्रिटेन की राजनीतिक हस्तियों, अधिकारियों और व्यापारियों के समकालीन स्त्रोतों का उपयोग कर उन्होंने कहानी को एक अद्वितीय तात्कालिकता दी है।एक नया द्रष्टिकोण प्रस्तुत करनें की कोशिश की है । जो इस दौरान हुई शुरुआती टकराव और गलतफहमियों को जीवंत कर देती है।उनकी यह पुस्तक यह पुस्तक 19वीं शताब्दी में गुलामी के औपचारिक उन्मूलन के साथ मुक्ति की झूठी सुबह का एक विस्तृत और परेशान करने वाला विवरण पेश करती है।

सुनीता बन सकती है दिल्ली की मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलावार