Manipur Incident: मणिपुर (Manipur) में दरिंदगी का जो वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था, उसके बारे में ये माना जा रहा था कि 4 मई के इस घटना की जानकारी इससे पहले किसी को नहीं थी। लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक दावा किया गया है कि इस घटना की जानकारी राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) को पहले से ही थी। खबरों के मुताबिक 12 जून को महिला आयोग में इस महिलाओं की ओर से इस बारे में शिकायत दर्ज कराई गई थी। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।
अगर ये सच है तो फिर ये बहुत शर्मनाक बात है। अगर महिला आयोग ही ऐसी घटनाओं से मुँह फेर लेगा, तो फिर पीड़िता किससे न्याय की अपेक्षा करेंगी? इस संदर्भ में पूरी तहकीकात होनी चाहिए, कि महिला आयोग को ये जानकारी पहले से थी या नहीं। क्योंकि अगर ये तथ्य सही हैं तो फिर महिला आयोग के होने का कोई फायदा ही नहीं है।
महिला आयोग में पहले ही शिकायत किए जाने का दावा
इस संदर्भ में ब्रेकिंग न्यूज ये बताई जा रही है कि महिला आयोग में इस घटना की शिकायत की गई थी, लेकिन आयोग ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। ये शिकायत अब से काफी समय पहले ही 12 जून को दर्ज कराई गई थी। बताया जा रहा है कि शिकायत में मैतई समाज द्वारा कुकी और जोमी समाज की महिलाओं के साथ किए गए जुर्म के बारे में बताया गया था।
इन दावों से देश में हड़कंप मच गया है। इन दावों ने सभी को बुरी तरह झकझोर के रख दिया है। हालांकि इन दावों पर महिला आयोग की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। आयोग के जवाब का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
महिला आयोग के अस्तित्व पर उठे सवाल
Manipur Incident: इन दावों ने देश में महिला आयोग के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर वास्तव में ऐसा हुआ है, तो क्या महिला आयोग का काम सिर्फ सरकार से वेतन और सुविधाओं का लाभ उठाने का ही है। क्या महिला आयोग सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही रह गए हैं? इन आयोग को बनाने का उद्देश्य केवल अपने चहेतों को कुर्सी देना ही रह गया है।
इन दावों से तो यही लगता है कि महिला आयोग का महिलाओं की समस्या से कुछ लेना-देना नहीं है। आयोग महज अपने होने की औपचारिकता ही पूरी करता है। अगर ये साबित हो जाता है कि महिला आयोग के पास इस शर्मिंदा करने वाली घटना की पहले से ही जानकारी थी, और फिर भी उन्होने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। तो फिर सरकार को महिला आयोग को बर्खास्त कर देना चाहिए।
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