Friday, 29 November 2024

MP News: पेशाब कांड: इस तरह की माफ़ी के लिए बड़ा कलेजा चाहिए…

  MP News: कहते हैं सज़ा देने से बड़ा माफ़ करने वाला होता हैं लेकिन जब किसी के साथ जघन्य…

MP News: पेशाब कांड: इस तरह की माफ़ी के लिए बड़ा कलेजा चाहिए…

 

MP News: कहते हैं सज़ा देने से बड़ा माफ़ करने वाला होता हैं लेकिन जब किसी के साथ जघन्य अपराध किया गया हो और फिर भी पीड़ित, खुद सरकार से अपराधी के लिए माफ़ी की मांग करें तब आप क्या कहेंगे? ऐसा ही कुछ हुआ है मध्यप्रदेश के सीधी के बहुचर्चित पेशाब कांड में… उल्लेखनीय है की बीते दिनों सीधी से बीजेपी विधायक केदार शुक्ला के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला द्वारा एक आदिवासी दशमत रावत के मुंह पर शराब के नशे में पेशाब किया गया जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हुआ इस घटना को लेकर हल्ला मचने लगा सोशल मीडिया पर लोगों के द्वारा इस घटना पर जातिगत भेदभाव के आरोप लगाए जानें लगे।

इस घटना की भनक जैसे ही सीएम शिवराज को लगी उन्होने स्वयं संज्ञान लेते हुए आरोपी प्रवेश शुक्ला के ऊपर कार्यवाई के निर्देश दिए फिर क्या था शिवराज सरकार का बुल्डोजर प्रवेश शुक्ला के घर पर जा धमका और तोड़फोड़ की गई इस दौरान प्रवेश की मां का रो रो कर बुरा हाल था और वो अचेत भी हो गई थी

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दशमत के साथ हुई इस घटना ने चुनावी साल में बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया है. बीजेपी समझ नहीं पा रही कि इस घटना से कैसे निपटें, पार्टी की छवि को जो धक्का लगा है उससे कैसे उबरें, क्योंकि मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज की आबादी 21 प्रतिशत है और विधानसभा की 47 सुरक्षित सीटें आदिवासियों के लिये हैं. ऐसे में इस घटना ने आदिवासियों के वोट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही बीजेपी को परेशान कर दिया है. जिसकी वजह से शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल करने की ज़िम्मेदारी अपने कंधो पर ली उन्होने सीधी से करीब छह सौ किलोमीटर दूर भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर कुर्सी पर दशमत रावत (पीड़ित) को बैठाकर पैर धुला. माला पहनाई, शॉल और श्रीफल दिए. फिर उन्हें मीठा खिलाया और बैठकर नाश्ता भी कराया. और क्षमा याचना भी की जिसका वीडियो तेज़ी से प्रसारित किया गया…

इसके बाद इन सबके बीच पीड़ित का एक बयान आया जिसमें वो कहता है

‘जो गलती हुई थी उसकी सजा मिल गई। वो (प्रवेश शुक्ला) हमारे गांव के पंडित हैं उनको छोड़ दिया जाए…’

साथ ही उन्होने और मांगो के सवाल पर गांव के लिए ‘सड़क’ बनवाने की मांग की

इस तरह की माफ़ी देने के लिए बड़ा कलेजा चाहिए जो कि पीड़ित दसमत रावत के पास है

लेकिन एक समाज के तौर पर उनके इस बयान में हमारी हार है ये मन को व्यथित करने वाला बयान है ..

आपका इस घटना के बारे में क्या सोचना है आप हमे कॉमेंट में लिख कर भेज सकते हैं

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