Wednesday, 1 May 2024

विदेश न्यूज: अल-कायदा चीफ पर पाक को भरोसा, कश्मीर पर दिलाएगा जीत

अल-कायदा चीफ और 9/11 हमले का मास्टर माइंड ओसामा बिन लादेन तालिबान की मदद से पाक का झंडा कश्मीर पर…

विदेश न्यूज: अल-कायदा चीफ पर पाक को भरोसा, कश्मीर पर दिलाएगा जीत

अल-कायदा चीफ और 9/11 हमले का मास्टर माइंड ओसामा बिन लादेन तालिबान की मदद से पाक का झंडा कश्मीर पर फहराने की तैयारी में जुटा है। सूत्रों के मुताबिक आतंकियों का अगला निशाना भारत का खूबसूरत राज्य कश्मीर पर है।

अल-कायदा सुप्रीम के बयान के मुताबिक कश्मीर को आजाद कराने के लिए हर रणनीति को अपनाया जा सकता है। इसके अलावा उसके बयान से स्पष्ट हुआ है कि तालिबान से हाथ मिलाकर अफगानिस्तान के बाद अगला निशाना इराक, सीरिया, यमन, उत्तरी अफ्रीका, सोमालिया और कश्मीर पर होगा।

लादेन ने कहा कि इन राज्यों और देशों में मुसलमानों को बंदी बनाकर रखा गया है। उनको आजाद कराने के लिए हम सभी प्रयास कर रहे है। बता दें कि आतंकवादी अपने कट्टरपंथ जेहाद को मकसद बनाते है। उन देशों पर हमला करने की बात क्यों नहीं करते जिनमें मुसलमानों से कब्जा छीना गया है। जिनमें चेचन्या, चीन और रूस शामिल है। इन देशों में लाखों मुसलमानों को दमन किया गया है।

बता दें कि रूस और चीन दो शक्तिशाली देशों की तालिबानी संगठन को पूरा समर्थन है। इसीलिए तालिबान और अन्य आतंकवादी संगठन इन देशों के खिलाफ कोई प्रतिक्रिया नहीं करेंगे। अल-कायदा चीफ अल जवाहिर पाकिस्तान से संगठन को ऑपरेट करता है और पाक को चीन का खुला समर्थन रहता है। ये कट्टरपंथ मुसलमानों के लिए सोचती होती तो इन देशों से हाथ नहीं मिलाते। आतंकियों के पास मुसलमानों के प्रति दिखावे के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

अल-कायदा के बयान के बाद भारत में चिंता की लहर दौड़ गई है, क्योंकि ये कट्टरपंथी संगठन जिहाद के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा देंगे। इनका सीध मकसद रहता है कि गजवा-ए-हिंद यानि आईएसआईएस की ताकत के साथ मिलकर सभी आतंकी संगठन भारत को मोहरा बनाने का प्रयास करेंगे। गजवा ए हिंद का कुछ मुस्लिम ग्रंथों में जिक्र किया गया है। बता दें कि सबसे अधिक कट्टरपंथी ताकतें देवबंधी विचारधारा पर यकीन करती है। उसी विचारधारा में अल-कायदा और तालिबान शामिल है।

जानकारी के मुताबिक इस विचारधारा की शुरूआत 155 साल पहले भारत के सहारनपुर के देवबंध से हुई थी। इतना नहीं 1990 से 2009 के बीच पाकिस्तान में जितने आतंकवादी पकड़े गए, उनमें से 90 प्रतिशत देवबंदी मुसलमान थे। ज्ञात हो कि अल-कायदा और तालिबान दोनों एक सिक्के के दो पहलू है। इनमें तालिबान, हक्कानी, अल-कायदा और आईएसआई-के शामिल है।

आतंकियों के मुताबिक तालिबान शालन मुसलमानों के लिए खुशी का पल है, इसी तरह भारत में भी इस्लामिक देश की न्यू रखी जाएगी। हालांकि भारत ने कश्मीर पर पूरी तैयारी कर ली है। सुरक्षा की चाक-चौबंध व्यवस्था की जा रही है। भारतीय सैनिक आतंकियों को मुंह तोड़ जबाव देने के लिए तैयार है।

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