पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कुर्सी पर छाया संकट टल सकता है। संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग दुर्गापूजा के ठीक बाद उपचुनाव कराने की घोषणा कर सकता है।
उल्लेखनीय है कि बीते विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को बड़ी सफलता हाथ लगी पार्टी ने 294 सदस्यीय विधानसभा में 213 सीटों को जीतने में कामयाबी हासिल की। लेकिन मुख्यमंत्री ममता अपने ही एक पूर्व सहयोगी व भाजपा उम्मीदवार सुभेंदु अधिकारी के हाथों पराजित हो गई। बावजूद 5 मई को उनकी ताजपोशी हुई। संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार 6 महीने के भीतर यानि 5 नवम्बर तक उन्हें मुख्यमंत्री बने रहने के लिए विधानसभा पहुंचना होगा। इसको लेकर पार्टी का प्रतिनिधि मंडल कई बार मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर सूबे में जल्द उपचुनाव कराने का आग्रह कर चुका है।लेकिन कोरोना के चलते निर्वाचन आयोग इस बारे में अब तक कोई फैसला नहीं ले सका है। हालांकि आयोग अब उपचुनाव कराने पर विचार कर रहा है। इसको लेकर बुधवार शाम को मुख्य चुनाव आयुक्त ने राज्य के मुख्यसचिव के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। राज्य के अधिकारियों ने दुर्गापूजा से पहले उपचुनाव करा लेने का सुझाव दिया। लेकिन 7 अक्टूबर से दुर्गापूजा शुरू हो जाएगी और 15 अक्टूबर तक चलेगी। इस लिहाज से दुर्गापूजा से पहले चुनाव कराना आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है। चुनाव आयोग के सूत्र बता रहे हैं कि वह सूबे में उपचुनाव कराने पर गंभीर है और दुर्गा पूजा के बाद अक्टूबर के आखिरी सप्ताह के लिए उपचुनाव की तिथियों की घोषणा की जा सकती है।