Monday, 31 March 2025

रुपये में डॉलर के मुकाबले तेजी : कारण, आंकड़े और भविष्य की संभावनाएं

Indian Rupees : हाल के दिनों में भारतीय रुपये (Indian Rupees) में डॉलर के मुकाबले लगातार तेजी देखी जा रही…

रुपये में डॉलर के मुकाबले तेजी : कारण, आंकड़े और भविष्य की संभावनाएं

Indian Rupees : हाल के दिनों में भारतीय रुपये (Indian Rupees) में डॉलर के मुकाबले लगातार तेजी देखी जा रही है। आंकड़ों के अनुसार, रुपये (Indian Rupees) ने सातवें दिन डॉलर के मुकाबले मजबूत होना जारी रखा है और इसने लगभग डेढ़ प्रतिशत की बढ़त दर्ज की है। 10 फरवरी को जब रुपया 87.94 के निचले स्तर पर पहुंच गया था, तब से अब तक रुपये में 2.36% की रिकवरी देखी गई है। आइए जानते हैं कि आखिर रुपये की इस तेजी के पीछे कौन से कारण हैं और भविष्य में इसके क्या प्रभाव हो सकते हैं।

रुपये (Indian Rupees) में तेजी के कारण

रुपये में इस तेजी के कई कारण हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:

  1. बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाना

    बैंकों द्वारा लिक्विडिटी बढ़ाने के प्रयासों के कारण रुपये (Indian Rupees) को मजबूती मिली है। इन प्रयासों ने घरेलू अर्थव्यवस्था को सहारा दिया है और रुपये को डॉलर के मुकाबले मजबूत किया है।

  2. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

    कच्चे तेल की कीमतों में हाल के दिनों में गिरावट आई है, जो रुपये के लिए फायदेमंद साबित हुआ है। तेल आयात से होने वाली लागत में कमी आने के कारण व्यापार घाटा घटा है।

  3. विदेशी निवेशकों का निवेश

    भारतीय बाजार में विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि भी रुपये की मजबूती का एक बड़ा कारण है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार में निवेश करना फिर से शुरू किया है, जिससे रुपये को समर्थन मिला है।

  4. भारतीय रिजर्व बैंक के प्रयास

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा उठाए गए कदमों का भी इस तेजी में अहम योगदान है। RBI के प्रयासों से रुपये (Indian Rupees) की स्थिति मजबूत हुई है, खासकर जब डॉलर इंडेक्स 104 के स्तर को पार कर चुका था।

हालिया आंकड़े और भविष्य की दिशा

सोमवार को शुरुआती कारोबार में रुपये (Indian Rupees) ने 12 पैसे की वृद्धि के साथ 85.86 का स्तर छुआ। इस वृद्धि का मुख्य कारण घरेलू फ्लो में मजबूती है, जिससे रुपये को समर्थन मिला है। हालांकि, कुछ जोखिम जैसे कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और तरलता की कमी भी रुपये के लिए चुनौतियां बनी हुई हैं।

रुपये की भविष्यवाणी

विशेषज्ञों के अनुसार, रुपये में आगामी दिनों में 85.55 का समर्थन स्तर देखा जा सकता है। HDFC सिक्योरिटीज के अनुज गुप्ता का कहना है कि रुपये-डॉलर की रेंज 85.55-86.45 के बीच रह सकती है। इसके अलावा, अमेरिकी टैरिफ के लागू होने के बाद अप्रैल से रुपये (Indian Rupees) में और बदलाव हो सकते हैं। यह देखा जाएगा कि वैश्विक आर्थिक हालात और घरेलू आर्थिक गतिविधियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।

डॉलर इंडेक्स और वैश्विक स्थिति

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स की स्थिति भी रुपये के मुकाबले महत्वपूर्ण है। वर्तमान में यह 104.15 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 71.89 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, जो रुपये के लिए सकारात्मक है। इन कारकों से रुपये को आगे भी समर्थन मिल सकता है।

आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 14 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 305 मिलियन डॉलर बढ़कर 654.271 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किए गए 10 बिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा स्वैप के कारण हुई है, जो रुपये (Indian Rupees) को और मजबूत करने में मदद कर रहा है।Indian Rupees :

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