Tuesday, 28 January 2025

भारत में आज दिखेगा सुपर ब्लू मून, क्या वाकई नीला हो जाता है आसमान? जानें पूरी कहानी

Blue Moon : देशभर में सोमवार यानी 19 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप…

भारत में आज दिखेगा सुपर ब्लू मून, क्या वाकई नीला हो जाता है आसमान? जानें पूरी कहानी

Blue Moon : देशभर में सोमवार यानी 19 अगस्त को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते है यह तारीख खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए भी बेहद खास होती है। 19 अगस्त की रात को साल 2024 का पहला सुपर मून दिखाई देगा। इसी के साथ यह चंद्रमा ब्लू मून भी होगा। ऐसे में आज हम आपको बताते है विज्ञान के नजरिए से सुपर ब्लू मून कितना खास है और यह क्यों नजर आता है?

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की रिपोर्ट के की मानें तो, 19 अगस्त से अगले तीन दिनों तक यानी रविवार की सुबह से बुधवार की सुबह तक चांद पूरा नजर आता है। साल में 4 बार सुपरमून दिखाई देते हैं। उसमें से पहला सुपर मून आज (19 अगस्त) देखा जाएगा। सुपर मून और ब्लू मून जब साथ होते हैं तो उसे ‘स्टर्जन मून’ कहा जाता है।

सुपर मून कितना बड़ा होता है?

अब आप सोच रहे होंगे आखिर सुपर मून कितना बड़ा होता है। दरअसल जब चांद धरती का चक्कर लगाता है, तब इन दोनों पिंडों के बीच की दूरी बदलती रहती है। चंद्रमा कभी धरती से सबसे दूर की बिंदु (405,500 किलोमीटर) पर होता है, तो कभी धरती के सबसे करीब (363,300 किलोमीटर) दूर होता है। जब चांद धरती के सबसे करीब होता है और उस दिन पूर्णिमा (फुल मून) भी होती है, तो उसे सुपर मून कहते है। सुपर मून शब्द सबसे पहले 1979 में वैज्ञानिक रिचर्ड नोल ने दिया था। सामान्य चांद की तुलना में यह लगभग 30 फीसदी से ज्यादा चमकीला होता है और 14 फीसदी बड़ा नजर आता है।

ब्लू मून क्या होता है? Blue Moon

आम राय से उलट ब्लू मून के मौके पर चांद नीले रंग का नहीं होत। यह सफेद रंग का ही दिखाई देता है। ‘ब्लू मून’ का यूज 1528 से हो रहा है। आपको बता दें कि ब्लू मून दो तरह के होते हैं – मौसमी और मासिक। मौसमी ब्लू मून तब दिखाई देता है, जब एक ही मौसम में चार (वसंत, ग्रीष्म, पतझड़ और सर्दी) पूर्णिमा होती है। तीसरी पूर्णिमा को ब्लू मून कहते है। 19 अगस्त को मौसमी ब्लू मून है। दरअसल दूसरे प्रकार का ब्लू मून मासिक होता है। यह तब होता है जब एक ही महीने में दो पूर्णिमा आती है। ऐसे महीने के दूसरे फुल मून को ब्लू मून कहते हैं। 19 अगस्त के बाद अगली पूर्णिमा सितंबर और अक्टूबर में होगी।

क्या चांद कभी नीला दिखाई दे सकता है?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ मौकों पर चांद नीला दिखाई देता है। लेकिन इससे पहले यह जान लेते हैं कि आमतौर पर चांद कैसे चमकता है। यह तो आप जानते है चांद के पास अपनी कोई रोशनी नहीं है। चंद्रमा की सतह से टकराकर सूरज का प्रकाश धरती तक पहुंचता है। इस कारण रात के समय चंद्रमा हमें चमकता हुआ नजर आता है। दुर्लभ अवसरों पर धरती से चांद का रंग नीला दिखाई देता है। यह तब होता है जब हवा में छोटे कण – विशेष रूप से धुआं या धूल और लाइट की रेड वेवलेंग्थ को बिखेर देते हैं। इससे चंद्रमा नीला दिखाई देता है।  Blue Moon

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