बालकनी में हरी मटर उगाने के लिए अपनाएं ये स्मार्ट टिप्स

हरी मटर सर्दियों की सबसे पसंदीदा और पौष्टिक सब्जियों में से एक है। बाजार में मिलने वाली मटर में केमिकल का इस्तेमाल आम बात है, लेकिन अब आप बिना किसी झंझट के अपने घर के बगीचे, छत या बालकनी में ताजी और केमिकल-फ्री हरी मटर उगा सकते हैं।

Green pea cultivation
हरी मटर की खेती (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar26 Dec 2025 02:19 PM
bookmark

हरी मटर ठंडी जलवायु की फसल है। इसे बोने का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर के बीच माना जाता है। इस दौरान तापमान 10 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो अंकुरण और पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए अनुकूल होता है। ज्यादा गर्मी में मटर की बेल कमजोर हो सकती है।

गमला और जगह का चुनाव

बता दें कि बालकनी या छत पर मटर उगाने के लिए 12 से 14 इंच गहरा और चौड़ा गमला या ग्रो बैग सही रहता है। गमले के नीचे पानी की निकासी के लिए छेद होना जरूरी है। एक गमले में 6 से 8 बीज आसानी से लगाए जा सकते हैं। पौधे को रोजाना कम से कम 4 से 5 घंटे धूप मिलनी चाहिए।

मिट्टी कैसे करें तैयार

हरी मटर के लिए भुरभुरी और उपजाऊ मिट्टी जरूरी होती है। इसके लिए है कि 50% सामान्य बगीचे की मिट्टी, 30% सड़ी हुई गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट, 20% बालू या कोकोपीट है। इन सभी को अच्छी तरह मिलाकर गमले में भरें। इससे जड़ों को हवा मिलेगी और पौधा मजबूत बनेगा।

बीज बोने का सही तरीका

बता दें कि बीज बोने से पहले मटर के बीजों को 8 से 10 घंटे पानी में भिगो दें। इससे अंकुरण जल्दी होता है। इसके बाद बीजों को 1 से 2 इंच की गहराई पर बोएं और ऊपर से हल्की मिट्टी डाल दें। बीजों के बीच 2 से 3 इंच की दूरी रखें।

सिंचाई और सहारा

बता दें कि बीज बोने के तुरंत बाद हल्का पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि पानी जमा न हो। मटर को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। हफ्ते में 2 से 3 बार हल्की सिंचाई पर्याप्त होती है। हरी मटर बेल वाली फसल है, इसलिए जब पौधा 6 से 8 इंच का हो जाए तो उसे सहारे की जरूरत होती है। इसके लिए बांस, लकड़ी की स्टिक या जाली का इस्तेमाल किया जा सकता है।

खाद और पौधों की देखभाल

बता दें कि अच्छी बढ़वार के लिए हर 15 से 20 दिन में वर्मी कम्पोस्ट या सरसों खली का घोल डाल सकते हैं। फूल आने के समय हल्की खाद देने से फलियों की संख्या बढ़ती है। अगर एफिड्स या इल्ली दिखाई दें, तो नीम तेल का छिड़काव हफ्ते में एक बार करें। इससे पौधा सुरक्षित रहता है।

कब करें मटर की तुड़ाई

बता दें कि बीज बोने के लगभग 60 से 70 दिन बाद मटर की फलियां तैयार हो जाती हैं। जब फलियां हरी, भरी हुई और नरम हों, तभी तोड़ लें। समय पर तुड़ाई करने से पौधा ज्यादा फल देता है।

क्यों फायदेमंद है किचन गार्डनिंग

बता दें कि घर में उगाई गई हरी मटर ताजी, स्वादिष्ट और पूरी तरह केमिकल-फ्री होती है। इससे न सिर्फ पैसे की बचत होती है, बल्कि परिवार को पौष्टिक सब्जी भी मिलती है। साथ ही आपकी बालकनी या छत भी हरी-भरी नजर आती है।

अगली खबर पढ़ें

PMRBP 2025 : पुरस्कार में क्या-क्या मिलता है और कितनी है इनामी राशि?

यह दिन सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की अद्वितीय शहादत को समर्पित है। साहिबजादों के बलिदान को चिरस्मरणीय बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

राष्ट्रपति भवन में PMRBP 2025 बाल प्रतिभाओं को मिला राष्ट्रीय सम्मान
राष्ट्रपति भवन में PMRBP 2025: बाल प्रतिभाओं को मिला राष्ट्रीय सम्मान
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar26 Dec 2025 12:48 PM
bookmark

Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar 2025 : प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 के तहत देश की असाधारण प्रतिभाओं को एक बार फिर राष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला है। द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित विशेष समारोह में देश के 20 होनहार बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा। इन प्रतिभाशाली बच्चों में बिहार के उभरते क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी भी शामिल रहे, जिन्होंने कम उम्र में अपनी मेहनत और प्रतिभा से देश का नाम रोशन किया है। यह सम्मान हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है। यह दिन सिखों के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह की अद्वितीय शहादत को समर्पित है। साहिबजादों के बलिदान को चिरस्मरणीय बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2022 में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।

18 राज्यों से चुने गए 20 बाल प्रतिभा

इस साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार की सूची देश की 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चुने गए बच्चों की उपलब्धियों से चमक उठी। खेल के मैदान से लेकर कला के मंच, नवाचार की लैब, समाज सेवा की जमीन और विज्ञान की सोच तक इन बच्चों ने हर क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन कर अपनी पहचान बनाई। खास बात यह रही कि इन होनहारों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वयं सम्मानित कर उनकी मेहनत को राष्ट्रीय मंच पर नई ऊंचाई दी।

पुरस्कार में क्या-क्या मिलता है?

यह पुरस्कार सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि बच्चों की मेहनत और सपनों को मिला देश का भरोसा है। 1996 से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के तहत हर चयनित बच्चे को मेडल, सर्टिफिकेट और ₹1 लाख की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। साथ ही, उन्हें गणतंत्र दिवस परेड में खास मेहमान के रूप में जगह मिलती है, जहाँ राष्ट्र उनके जज़्बे और उपलब्धियों का उत्सव मनाता है।

कौन बन सकता है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का हकदार?

इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए पात्रता की कुछ स्पष्ट शर्तें तय हैं। आवेदन करने वाले बच्चे की उम्र 5 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए और उसका भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है। साथ ही, बच्चे ने किसी क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि हासिल की हो या कोई ऐसा प्रेरणादायी काम किया हो, जो समाज के लिए मिसाल बने। खास बात यह है कि 2018 से इस सम्मान में बहादुरी दिखाने वाले बच्चों को भी प्रमुख रूप से शामिल किया गया है।

किन-किन श्रेणियों में दिया जाता है सम्मान?

इस पुरस्कार की खासियत यही है कि यह केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। जो बच्चा मंच पर सुर बिखेरता है, जो जोखिम में भी साहस दिखाता है, जो नई सोच से समाधान निकालता है और समाज सेवा में मिसाल बनता है उस हर प्रतिभा को यहां सम्मान मिलता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 7 श्रेणियों कला-संस्कृति, बहादुरी, नवाचार, शिक्षा, सामाजिक सेवा, खेल और विज्ञान-प्रौद्योगिकी में दिया जाता है।

राष्ट्रपति का संदेश

पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सम्मान पाने वाले सभी बच्चों ने न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज और देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने बच्चों के माता-पिता को भी इस सफलता के लिए बधाई दी और महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी तथा उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की। Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar 2025

अगली खबर पढ़ें

रेल यात्रियों के लिए अलर्ट! आज से नया किराया लागू, पूरा चार्ट देखें

रेलवे के मुताबिक, पहले से बुक टिकटों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, लेकिन 26 दिसंबर या उसके बाद की नई बुकिंग पर अपडेटेड रेलवे किराया लागू होगा। राहत यह है कि लोकल/उपनगरीय सेवाएं और सीजन टिकट इस बढ़ोतरी से बाहर रखे गए हैं।

26 दिसंबर से नया किराया लागू
26 दिसंबर से नया किराया लागू
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar26 Dec 2025 09:42 AM
bookmark

Rail Fare : भारतीय रेलवे से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। भारतीय रेलवे से जुडी यह बड़ी खबर भारतीय रेलवे में यात्रा करने वाले हर यात्री से जुड़ी है। अगर आप 26 दिसंबर(आज) के बाद ट्रेन टिकट बुक करने वाले हैं, तो यह अपडेट आपके लिए जरूरी है। भारतीय रेलवे (Indian Railway) ने यात्री ट्रेनों के रेलवे किराया(Railway Price) में हुई बढ़ोतरी को 26 दिसंबर से लागू कर दिया है। रेलवे के मुताबिक, पहले से बुक टिकटों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा, लेकिन 26 दिसंबर या उसके बाद की नई बुकिंग पर अपडेटेड रेलवे किराया लागू होगा। राहत यह है कि लोकल/उपनगरीय सेवाएं और सीजन टिकट इस बढ़ोतरी से बाहर रखे गए हैं। हालांकि अन्य श्रेणियों की ट्रेनों और सेवाओं में नया किराया प्रभावी रहेगा। उल्लेखनीय है कि यह एक साल में दूसरी बार किराया संशोधन है जुलाई में भी रेलवे प्राइस में बढ़ोतरी की गई थी।

किन श्रेणियों में कितना बढ़ा किराया?

रेल मंत्रालय की जारी अधिसूचना के अनुसार, 215 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए किराए में बढ़ोतरी तय की गई है। साधारण श्रेणी में टिकट पर 1 पैसा प्रति किलोमीटर अतिरिक्त देना होगा। वहीं मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों की गैर-एसी श्रेणियों के साथ-साथ सभी ट्रेनों की एसी श्रेणियों में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की वृद्धि लागू की गई है।

किन ट्रेनों पर पड़ेगा असर?

किराया संशोधन का असर रेलवे की कई प्रमुख प्रीमियम और लंबी दूरी की सेवाओं पर पड़ेगा। इसमें राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, हमसफर, अमृत भारत, तेजस, महामना, गतिमान, अंत्योदय, गरीब रथ, जन शताब्दी, युवा एक्सप्रेस, साथ ही नमो भारत रैपिड रेल और सामान्य गैर-उपनगरीय सेवाएं (जहां लागू हों) शामिल हैं। रेलवे के मुताबिक, इन ट्रेनों/सेवाओं के मौजूदा बेस फेयर को कोच/क्लास-वार अनुमोदित मानकों के अनुरूप अपडेट किया गया है, जिससे अलग-अलग श्रेणियों में किराया संरचना में बदलाव दिखेगा।

आपकी जेब पर कितना असर?

द्वितीय श्रेणी (सामान्य) यात्रियों के लिए राहत की खबर है। 215 किमी तक की यात्रा पर किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है यानी कम दूरी और रोज़ाना सफर करने वालों की जेब पर असर नहीं पड़ेगा। हालांकि 216 किमी से आगे दूरी बढ़ते ही किराया चरणबद्ध तरीके से बढ़ेगा। 216 से 750 किमी के सफर पर ₹5, 751 से 1250 किमी पर ₹10, 1251 से 1750 किमी पर ₹15, और 1751 से 2250 किमी की यात्रा पर ₹20 अतिरिक्त देने होंगे। Rail Fare