Budget 2025 : साल 2025 के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसका उद्देश्य भारत के समुद्री संसाधनों से होने वाली आय को बढ़ाना है। उन्होंने मछली पालन और समुद्री उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारत के एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) का इस्तेमाल करने की बात की है। जिसमें अंडमान और निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह पर खास ध्यान दिया जाएगा।
एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) क्या है?
एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (EEZ) एक समुद्री क्षेत्र है जो किसी देश के तट से लेकर समुद्र में 200 नॉटिकल माइल (लगभग 370 किलोमीटर) तक विस्तारित होता है। इस क्षेत्र में उस देश को समुद्री संसाधनों का दोहन जैसे मछली पालन, खनिजों का खनन, तेल और गैस उत्पादन आदि करने का विशेष अधिकार मिलता है। EEZ में तटीय देश को समुद्री जीवन के संरक्षण और उसके प्रबंधन की जिम्मेदारी भी दी जाती है। भारत का EEZ लगभग 2.3 मिलियन वर्ग किलोमीटर का है जिसमें लक्षद्वीप, अंडमान-निकोबार और भारत के पश्चिमी और पूर्वी तट शामिल हैं।
भारत के लिए EEZ का महत्व
भारत के लिए EEZ बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समुद्री संसाधनों के दोहन में देश की भूमिका को मजबूत करता है। मछली पालन और सीफूड निर्यात में भारत पहले ही दूसरे स्थान पर है, और इस क्षेत्र से होने वाली आय सालाना लगभग 60,000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। वित्त मंत्री ने बजट में इस क्षेत्र से अधिकतम लाभ उठाने की योजना बनाई है, ताकि समुद्र से होने वाली आय और ब्लू इकोनॉमी का दायरा बढ़ सके।
ब्लू इकोनॉमी का दायरा बढ़ाने की योजना
ब्लू इकोनॉमी समुद्र से जुड़े संसाधनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देती है। यह समुद्र से तेल और गैस निकालने, जहाज निर्माण, समुद्री पर्यटन, मछली पालन, समुद्री ऊर्जा उत्पादन और बंदरगाहों से जुड़े व्यापार को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। भारत सरकार अब इस दिशा में विशेष कदम उठा रही है, ताकि समुद्र से अधिकतम लाभ उठाया जा सके। अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूह पर विशेष ध्यान देकर सरकार इन क्षेत्रों में मछली पालन और अन्य समुद्री गतिविधियों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।
नतीजा क्या होगा?
इस पहल से न केवल भारत के समुद्री संसाधनों का बेहतर प्रबंधन होगा, बल्कि इससे भारत की ब्लू इकोनॉमी को भी एक नया आयाम मिलेगा। मछली पालन और सीफूड निर्यात के दायरे को बढ़ाकर भारत की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिल सकती है। इसके अलावा, इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और समुद्री क्षेत्र में निवेश को भी आकर्षित किया जा सकेगा। Budget 2025
ब्रिटिश काल से डिजिटल युग तक कैसा रहा बजट का सफर, प्वाइंट में समझें
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।