National Politics : कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि जी-20 ‘लोगो’ में कमल के फूल का इस्तेमाल एक अहम मुद्दा है लेकिन वह इस बारे में कुछ नहीं बोलेंगी, क्योंकि अगर इस मुद्दे पर बाहर चर्चा की जाती है तो यह देश के लिए अच्छा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार शिखर सम्मेलन के ‘लोगो’ के लिए कमल के फूल के अलावा किसी अन्य राष्ट्रीय प्रतीक का चयन कर सकती थी, क्योंकि फूल एक राजनीतिक पार्टी का भी प्रतिनिधित्व करता है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रचार करने के लिए जी20 के ‘लोगो’ में कमल के फूल का इस्तेमाल किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस इल्ज़ाम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह फूल देश की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है।
बनर्जी ने दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले शहर के हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा, मैंने भी यह (कमल के फूल वाला ‘लोगो’) देखा है। यह मामला हमारे देश से जुड़ा है, इसलिए हम कुछ नहीं कह रहे हैं। अगर इस पर बाहर चर्चा होती है, तो यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
साल 2023 में होने वाले जी20 के शिखर सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बैठक बुलाई है, जिसमें हिस्सा लेने के लिए बनर्जी राष्ट्रीय राजधानी गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि फूल एक राजनीतिक पार्टी का भी ‘लोगो’ है। बहुत सारे राष्ट्रीय प्रतीक हैं, जिन्हें ‘लोगो’ में इस्तेमाल किया जा सकता था। भले ही (दिल्ली में) मैं इसे ना उठाऊं, लेकिन अन्य उठा सकते हैं।
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तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा, मैंने इसे देखा है, लेकिन बहुत कुछ नहीं कहा। यह एक अहम मुद्दा है और उन्हें (केंद्र को) मामले पर विचार करना चाहिए। भारत को जी20 की अध्यक्षता एक साल के लिए मिली है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया था कि जी20 का ‘लोगो’ भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों से प्रेरित है- केसरिया, सफेद और हरा, और नीला।
उसमें कहा गया था, इसमें भारत के राष्ट्रीय फूल कमल के साथ पृथ्वी को जोड़ा गया है, जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। जी20 का शिखर सम्मेलन अगले साल नौ और 10 सितंबर को दिल्ली में होगा।