Chhattisgarh News : कांग्रेस के नेता तथा छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम… भूपेश बघेल बुरे फंस गए हैं। भूपेश बघेल का राजनीतिक कैरियर चौपट करने वाले महादेव बेटिंग ऐप का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। महादेव ऐप प्रकरण में छत्तीसगढ़ पुलिस ने भूपेश बघेल के विरूद्ध FIR दर्ज करके गिरफ्तारी की रणनीति बना ली है।
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FIR में हुए नामजद
भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों का नाम शामिल है।
महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप तथा भूपेश बघेल के रिश्तों का मामला छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान प्रकाश में आया था। उस समय ईडी ने दावा किया था कि उसने एक ‘कैश कूरियर’ के ईमेल स्टेटमेंट को रिकॉर्ड किया है, जिसमें खुलासा हुआ है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूएई में स्थित ऐप प्रमोटरों से कथित तौर पर 508 करोड़ रुपये लिए थे।
असल में क्या है महादेव बेटिंग ऐप?
महादेव बेटिंग ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया ऐप है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नटवर्क के जरिए इस ऐप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस ऐप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था। दरअसल, महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था। हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। यूजर को सिर्फ शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता। फायदे का 80 प्रतिशत हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। सट्टेबाजी ऐप रैकेट एक ऐसी मशीन की तरह काम करता है, जिसमें एल्गोरिदम यह तय करता है कि ऐप में अपना पैसा लगाने वाले केवल 30 प्रतिशत ग्राहक ही जीतें। अब यह मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
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