संभावनाओं का खुला संसार है डिजिटल मार्केटिंग
नई दिल्ली। कहते हैं आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है और मानवजाति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समय-समय पर…
Sonia Khanna | September 30, 2021 5:16 AM
नई दिल्ली। कहते हैं आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है और मानवजाति अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समय-समय पर नित-नए अनुसंधान कर ऐसे अविष्कार और प्रयोग करता रहा है जिसने इस संसार की दिशा और दशा को बदल कर रख दिया। ऐसा ही प्रयोग पिछले कुछ वर्षों से डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। कोरोना काल में इसकी गति को नई उड़ान मिली है। आज हर तरह के उत्पादों और सेवाओं का इंटरनेट के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो भारत जैसे विशाल आबादी वाले देशों को आज उद्योगों के कुशल संचालन के लिए अनुभवी डिजिटल मार्केटर्स की जरूरत पड़ रही है। कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवा आवश्यक कौशल सीखकर और अपडेट रहकर इस क्षेत्र में खुद को आगे बढ़ा सकते हैं। कोरोना महामारी के बाद बहुत से उद्योग अब न केवल डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग कर रहे हैं बल्कि पहले से कहीं ज्यादा पैसे डिजिटल मार्केटिंग और इस तरह के विज्ञापनों में निवेश कर रहे हैं। परंपरागत मार्केटिंग की तुलना में आनलाइन मार्केटिंग को काफी असरदार देखा और माना जा रहा है, क्योंकि लोगों के बीच डिजिटल चैनल्स और इंटरनेट मीडिया का दखल और प्रभाव काफी बढ़ गया है। शायद ही कोई हो जो सुबह उठकर वाट्सएप या फेसबुक न देखता हो या दिन के समय इस पर एक्टिव न रहते हो। दरअसल मार्केटिंग का मकसद यही होता है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपने बिजनेस की जानकारी पहुंचाई जा सके। ऐसे में आफलाइन और आनलाइन मार्केटिंग साथ में किये जाने से बिजनेस में कहीं ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी सभी तरह की कंपनियां कम समय में अपने टारगेट ग्राहकों तक पहुंचने के लिए डिजिटल मार्केटिंग में रुचि ले रही हैं। इसीलिए हर कंपनी और उद्योग को अपने उत्पादों या सेवाओं के लिए डिजिटल मार्केटिंग के विशेषज्ञों की जरूरत पड़ रही है।
डिजिटल मार्केटिंग के क्या हैं मायने :
डिजिटल मार्केटिंग को ही आनलाइन मार्केटिंग या इंटरनेट मार्केटिंग भी कहते हैं। इस तरह की मार्केटिंग का मतलब है इंटरनेट मीडिया (वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदि) के जरिए उत्पादों और सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना। परंपरागत मार्केटिंग में जहां बैनर, होर्डिंग, साइनबोर्ड आदि के माध्यम से उत्पाद और सेवाओं का प्रचार-प्रसार किया जाता था वहीं डिजिटल मार्केटिंग में मुख्य रूप से गूगल सर्च, वाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, ईमेल और वेबसाइट्स का इस्तेमाल किया जाता है।
अनंत संभावनाएं :
जानकारों की मानें तो अगले दो तीन साल में कंपनियों का डिजिटल ऐड खर्च भी बढ़कर लगभग उतना ही हो जाएगा, जितना अभी प्रिंट ऐड पर वे खर्च कर रही हैं। यही कारण है कि नौकरियों के लिहाज से भी इस फील्ड में असीमित संभावनाएं देखी जा रही हैं। वैसे भी कोरोना महामारी के बाद आनलाइन गतिविधियां बढ़ने से इस तरह की मार्केटिंग पर काफी जोर दिया जा रहा है। तकरीबन हर कंपनी के अपने आनलाइन प्लेटफार्म्स, एप्स और वेबसाइट हैं जिसके लिए कंपनियां अपने ब्रांड (प्रोडक्ट/सर्विसेज) को प्रमोट करने के लिए डिजिटल मीडिया मार्केटर, सोशल मीडिया मैनेजर जैसे पदों के लिए नियुक्तियां भी करने लगी हैं। माना जा रहा है कि जिस तेजी से पिछले एक-डेढ़ साल में तमाम कंपनियां आनलाइन बिजनेस में आई हैं और लगातार आ रही हैं, उससे कुशल डिजिटल मार्केटर्स की जरूरत आने वाले दिनों में और बढ़ने वाली है।
करियर के मौके :
डिजिटल मार्केटिंग के जानकारों के लिए आज तकरीबन हर छोटी बड़ी कंपनी में नौकरी के मौके हैं। ऐसे लोगों के लिए अभी सबसे अधिक अवसर डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी, आनलाइन शापिंग कंपनी, रिटेल कंपनी और सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनी में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, तमाम कारपोरेट कंपनियां यहां तक कि निजी स्कूल/कालेज, कोचिंग इंस्टीट्यूट्स और पोर्टल्स भी इस तरह के प्रोफेशनल्स की अपने यहां सेवाएं ले रहे हैं।
इन भूमिकाओं में डिमांड :
उपयुक्त स्किल और कुशलता हासिल करके आप इस फील्ड में डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, डिजिटल ऐड, कंटेंट मार्केटिंग, एसईओ मार्केटिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता के अनुसार जाब तलाश सकते हैं। फिलहाल इन दिनों इस फील्ड में इस तरह के लोगों की बहुत डिमांड है।
आवश्यक कौशल :
जो युवा इस फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, उन्हें डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, डिजिटल ऐड, कंटेंट मार्केटिंग, एसईओ मार्केटिंग, डाटा माइनिंग जैसे विषयों को सीखना चाहिए, तभी वे इस फील्ड में तेजी से आगे बढ़ सकते हैं। इसलिए इसकी पढ़ाई करते समय लाइव प्रोजेक्ट्स से ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश करें, सिर्फ थ्योरी पर निर्भर न रहें। इसके अलावा अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है और आप अच्छा लिखना व बोलना दोनों जानते हैं तो आप डिजिटल मार्केटिंग में बहुत आगे तक जा सकते हैं।
कोर्स एवं योग्यता :
किसी भी बैकग्राउंड के युवा डिजिटल मार्केटिंग की स्किल सीख कर इस फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं। वैसे ग्रेजुएशन के बाद डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स कर सकते हैं। अभी छह महीने से लेकर तीन साल तक के डिग्री कोर्सेज इसमें उपलब्ध हैं। ये कोर्सेज भारत के विभिन्न संस्थानों के अलावा फारेन यूनिवर्सिटीज में भी उपलब्ध हैं। फिलहाल, स्टूडेंट्स को सुझाव यही है कि आप वही संस्थान चुनें, जहां ज्यादा लाइव प्रोजेक्ट और वर्क एक्सपीरिएंस मिले। सस्ते और मुफ्त के आनलाइन कोर्सेज को चुनने से पहले सावधानी से उनको जांच-परख लें।
आकर्षक पैकेज :
देश की हर छोटी-बड़ी कंपनी में डिजिटल मार्केटिंग में कुशल लोगों की मांग लगातार बढ़ रही है। सच यह भी है कि जरूरत के मुताबिक कुशल डिजिटल मार्केटर्स अभी उपलब्ध नहीं हैं। यही वजह है कि ऐसे लोगों को अच्छे पे पैकेज भी आफर किये जा रहे हैं। अगर सैलरी की बात करें तो भारत में कुशलता के आधार पर डिजिटल मार्केटिंग में 25 से 30 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक की मासिक सैलरी आफर की जा रही है। बाहर के देशों में इससे पांच गुना ज्यादा सैलरी ऐसे प्रोफेशनल्स को मिल रही है।