Hyderabad Nijaam History : भारत को हमेशा से ही राजा – महाराजाओं का देश माना जाता रहा है और इसके अधिकांश हिस्सों में कई शूरवीर राजाओं ने एक लम्बे समय तक शासन किया। लेकिन जब हम हैदराबाद के बारे में बात करते हैं तो यहाँ किसी भी मुग़ल या हिंदु राजा का दीर्घकालीन शासनकाल नहीं दिखता है बल्कि 1655 में यहाँ समरकंद से आये कुछ सूफ़ी समुदाय के लोगों ने कुछ समय के बाद से अपना शासन शुरू किया। निजामों की 7 पीढ़ीयों ने हैदराबाद पर एक लम्बे समय तक शासन किया और यहाँ कई बड़े परिवर्तन किये और वे अपने कई रोचक किस्सों के लिए बेहद मशहूर भी हुए तो चलिए जानते हैं हैदराबाद के इन निजामों की कहानी (Hyderabad Nijaam History)….
ज़ब मशहूर हुए उस्मान की कंजूसी के किस्से
वैसे तो हैदराबाद के आखिरी निज़ाम इतने अधिक सम्पन्न थे कि उन्होंने पहले वर्ल्ड वार के समय अपनी सम्पदा का 25 मिलियन पाउंड अंग्रेजों को दे दिया था। वहीं अगर उनके सम्राज्य की बात की जाए तो 80 हजार स्क्वायर-किलोमीटर जैसे बड़े क्षेत्र में फैला हुआ था। वे उस दौर के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे और उन्हीं के नाम पर उस्मानिया यूनिवर्सिटी की नींव भी पड़ी लेकिन हैदराबाद के आखिरी निज़ाम की रईसी से कहीं ज्यादा उनके कंजूसी के किस्से मशहूर हुआ करते थे। उनके पैसे को रोकने की आदत, काम पर रखे गए नौकरों को एक छोटा और गंदा कमरा देना, यहाँ तक कि उनके खुद के कमरे भी सिगरेट के कूड़े से भरे रहते थे और उन्हें वे कभी – कभार ही साफ कराया करते। कई मशहूर लेखकों ने उनकी इस कंजूसी की आदत के बारे में खुलकर लिखा है।
Hyderabad Nijaam History
हैदराबाद के आठवें निज़ाम रहे जाह मुकर्रम की धन सम्पदा के बारे में बात की जाए तो उनकी पगड़ी में एक शुतुरमुर्ग के अंडे के बराबर साइज का हीरा लगा हुआ था जिसकी कीमत उस समय 50 मिलियन पाउंड हुआ करती थी। इसके अलावा उन्हें कई बेशकीमती गहनों का भी शौक था। लगभग 2 बिलियन की कीमत के 173 गहने उस समय उनके पास मौजूद थे।
सुपारी पीसने के लिए रखे थे नौकर
ज़ब हैदराबाद के निजामों के इतिहास (Hyderabad Nijaam History) को जानने के लिए कुछ प्रसिद्ध इतिहासकारों और लेखकों की किताब के पन्ने पलटाये जाते हैं तो कई अजीब शान – शौकत की बातें सामने निकल कर आती हैं। ऐसी ही एक बात निजामों के बारे में लिखी हुई है कि जाह मुकर्रम ने सुपारी और अखरोट खाने के लिए अलग से नौकर रखे थे जो उन्हें सुपारी और अखरोट पीस कर देते थे।