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Indian Navy: हिंद महासागर क्षेत्र में बड़ा युद्धाभ्यास कर रही नौसेना

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Indian Navy: नई दिल्ली। हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी सेना की बढ़ती मौजूदगी के बीच भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में युद्धक तैयारी की परख के लिए बड़ा युद्धाभ्यास कर रही है जिसमें युद्धपोत, पनडुब्बी और विमान जैसी उसकी लगभग सभी सामरिक संपत्तियां शामिल हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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उन्होंने कहा कि थिएटर स्तरीय सामरिक तैयारी अभ्यास (ट्रोपेक्स) के तहत नौसेना के विध्वंसक पोतों, युद्धपोतों, कार्वेट, पनडुब्बियों और विमानों सहित नौसेना की विभिन्न लड़ाकू इकाइयों को जटिल समुद्री परिचालन तैनाती से गुजारा जाता है।

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ट्रोपेक्स जनवरी से लेकर मार्च तक की तीन महीने की अवधि के दौरान आयोजित किया जा रहा है। इसमें न सिर्फ नौसेना की सभी इकाइयों बल्कि थल सेना, वायु सेना और तटरक्षक बल से जुड़ी परिसंपत्तियों की भी भागीदारी होती है।

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि अभ्यास के तहत नौसेना के विध्वंसक पोतों, युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों सहित नौसेना की सभी लड़ाकू इकाइयों की परख के लिए इन्हें जटिल समुद्री परिचालन तैनाती से गुजारा जाता है।

उन्होंने कहा कि यह अभ्यास हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए विभिन्न चरणों में बंदरगाह और समुद्र दोनों में आयोजित किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कार्यक्षेत्र और जटिलता में वृद्धि होने के बाद, यह अभ्यास बहु स्तरीय खतरे वाले वातावरण में काम करने के लिए भारतीय नौसेना के संयुक्त बेड़े की लड़ाकू तैयारी का परीक्षण करने का अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि यह समुद्री अभ्यास थल सेना, वायु सेना और तटरक्षक बल के साथ संचालन स्तर के आदान-प्रदान की सुविधा भी देता है, जोकि एक जटिल वातावरण में अंतर-संचालनात्मकता तथा संयुक्त अभियान को और मजबूती प्रदान करेगा।

इसी तरह, नौसेना ने 17 से 22 जनवरी तक आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में तीनों सेवाओं के द्विवार्षिक अभ्यास (एम्फेक्स) 2023 का भी आयोजन किया। एम्फेक्स का उद्देश्य आपसी तालमेल को बढ़ाने के लिए सहयोग सहित संचालन के विभिन्न पहलुओं में सेना के तीनों अंगों के विभिन्न घटकों को संयुक्त प्रशिक्षण प्रदान करना है।

कमांडर मधवाल ने कहा कि एम्फेक्स-23 अभ्यास पहली बार काकीनाडा में आयोजित किया गया और यह अब तक का सबसे बड़ा समन्वित अभ्यास था। पांच दिन के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान कई संयुक्त अभियान संचालित किए गए जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों ने हिस्सा लिया।

इस अभ्यास में नौसेना के बड़े प्लेटफॉर्म वाले डॉक (एलपीडी), लैंडिंग शिप और लैंडिंग क्राफ्ट, मरीन कमांडो (मार्कोस), हेलीकॉप्टर तथा विमानों सहित तीनों सेनाओं के कई जहाजों की भागीदारी हुई।

थल सेना ने अपने 900 से अधिक सैनिकों के साथ इस अभ्यास में भाग लिया और इस दौरान उनके साथ विशेष बल, तोपखाने तथा बख्तरबंद वाहन भी शामिल थे। वायुसेना के जगुआर लड़ाकू विमानों और सी 130 विमानों ने भी अभ्यास में भाग लिया।

कमांडर मधवाल ने कहा कि एम्फेक्स 2023 ने भारत की जल-थल-नभ सैन्य कुशल क्षमताओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया और इस दौरान तीनों सेवाओं के संयुक्त संचालन के पूर्ण स्पेक्ट्रम को कवर करने के लिए तीनों सेनाओं के बीच स्थापित उत्कृष्ट समन्वय को प्रदर्शित किया गया।

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