Saturday, 30 November 2024

भारत के चाचा-भतीजे ने खड़ी कर दी दुनिया की बड़ी कम्पनी, बन गए रॉयल फैमिली के पॉटर्नर

LuLu Group News : आपने लुलु ग्रुप (LuLu Group)  का नाम जरूर सुना होगा। जी हां वही लुलु ग्रुप  (LuLu…

भारत के चाचा-भतीजे ने खड़ी कर दी दुनिया की बड़ी कम्पनी, बन गए रॉयल फैमिली के पॉटर्नर

LuLu Group News : आपने लुलु ग्रुप (LuLu Group)  का नाम जरूर सुना होगा। जी हां वही लुलु ग्रुप  (LuLu Group)  जिसके पूरी दुनिया के हर देश में एक से बढक़र एक मॉल हैं। क्या आपको पता है कि  LuLu Group भारत के चाचा-भतीजे की मेहनत का नतीजा है। लुलु ग्रुप को चाचा ने शुरू किया और भारत के भतीजे ने लुलु ग्रुप को दुनिया की एक बड़ी कंपनी बना दिया। लुलु ग्रुप आज इतनी बड़ी कंपनी है कि लुलु में अबू धाबी की रॉयल फैमिली भी पार्टनर है। इतना ही नहीं लुलु ग्रुप दुनिया की सबसे पुरानी कंपनी ईस्ट इण्डिया कंपनी का भी पार्टनर है।

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कैसे पड़ा लुलु नाम

भारत में लुलु शब्द अक्सर बुद्धिहीन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है, किन्तु लुलु ग्रुप वाले  (LuLu)  का यह अर्थ बिल्कुल नहीं है। दरअसल लुलु ग्रुप की शुरूआत अरब के प्रमुख देश अबू धाबी से हुई थी। अरबी भाषा में लुलु का अर्थ मोती होता है। इसी कारण  (LuLu Group) के संस्थापक एम.के. अब्दुला ने मोती के नाम पर अपनी कंपनी का नाम लुलु रखा था। धीरे-धीरे लुलु का नाम पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया। यह तो थी लुलु ग्रुप के नाम की कहानी। अब हम आपको भारत के चाचा-भतीजा का वह किस्सा बताते है। जिसके कारण लुलु ग्रुप आज दुनिया की इतनी बड़ी कंपनी बन गया है कि लुलु ग्रुप ने ईस्ट इण्डिया कंपनी का भी 50 प्रतिशत हिस्सा खरीद लिया है।

कैसे बना लुलु ग्रुप दुनिया की बड़ी कंपनी

यह किस्सा भारत के केरल प्रदेश के एक छोटे से गांव तथा संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी के शहर दुबई से एक साथ शुरू होता है। दरअसल आज लुलु ग्रुप (  (LuLu Group) के मालिक यूसुफ अली हैं। यूसुफ अली का जन्म 15 नवंबर 1955 को भारत के केरल प्रदेश के छोटे से गांव त्रिशूर में हुआ था। यूसुफ अली ने केरल में ही MBA तक की पढ़ाई पूरी की। उनके चाचा एम.के. अब्दुल्ला तब तक अबू धाबी जा चुके थे। एम.के. अब्दुल्ला दुबई में लुलु ग्रुप के नाम से कंपनी बना चुके थे। MBA करने के बाद यूसुफ अली भी दुबई चले गए और उन्होंने लुलु ग्रुप को चलाने का बीड़ा उठा लिया।

लुलु ग्रुप की सफलता का टर्निंग प्वाइंट

वर्ष-1990 के साल को लुलु ग्रुप की सफलता का टर्निंग प्वाइंट माना जा सकता है। उस समय यूसुफ अली लुलु ग्रुप की सुपरमार्केट बिजनेस में एंट्री को लीड कर रहे थे। यह ग्रुप का एक रणनीतिक फैसला था, क्योंकि अबू धाबी में रिटेल का बिजनेस बदल रहा था। वहां ट्रेडिशनल ग्रॉसरी स्टोर सिमट रहे थे और उनके आसपास बड़े आउटलेट और हायपरमार्केट बन रही थीं। आप जानते ही हैं कि हायपरमार्केट का मतलब बड़े-बड़े मॉल होता है। यूसुफ अली ने पहला लुलु हायपरमार्केट ((LuLu Hypermarket)) लॉन्च कर दिया। यहीं से इस इंडस्ट्री में ग्रुप की विधिवत शुरुआत हुई और लुलु ग्रुप की नींव पड़ गई।

1995 आते-आते दुबई में रिटेल सेक्टर पूरी तरह बदल रहा था। कॉन्टिनेंट (अब केरेफोर) जैसे बड़े प्लेयर ने बाजार में प्रवेश कर लिया था। यही वह समय था, जब यूसुफ अली की असली परीक्षा हुई और यूसुफ अली इसे पार कर गए। इस दौरान अली ने अबू धाबी के रिटेल सेक्टर की कमान संभाली, लुलु हायपरमार्केट के बिजनेस को विस्तार दिया और उसे मजबूती दी। इसके बाद लुलु ग्रुप की स्थिति और बेहतर हो गई, एवं यूसुफ अली के नाम का सिक्का भी जम गया। बाजार में यह चर्चा होने लगी की यूसुफ अली ने तेजी से बदलते और मुश्किल होते बिजनेस परिवेश में भी अपनी योग्यता के बूते ग्रुप को सही राह दिखाई।

65 हजार कर्मचारी हैं लुलु ग्रुप में

लुलु कंपनी का सबसे कामयाब बिजनेस ‘लुलु हायपरमार्केट’ है। दुनिया के बहुत से बाजारों में यह एक पॉपुलर ग्रॉसरी स्टोर है। एशिया के बाजारों में लुलु ग्रुप एक बड़ा रिटेल प्लेयर बन गया है। मध्य पूर्व (मिडल ईस्ट) में तो यह सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है। गल्फ कॉर्पोरेशन काउंसिल (GCC) और अन्य क्षेत्रों में कंपनी के 258 स्टोर हैं। हायपरमार्केट स्टोर्स के अलावा लुलु ग्रुप के पास 13 शॉपिंग मॉल हैं। भारत में फिलहाल 5 लुलु मॉल हैं। इतना बड़े बिजनेस के बेहतर संचालन के लिए कंपनी ने 65,000 कर्मचारी रखे हैं।

लुलु ग्रुप के स्टोर और मॉल दुनियाभर में चल ही रहे हैं, मगर कंपनी ने कुछ और बिजनेसेज़ में भी हिस्सेदारियां ली हैं। यूके की एक ट्रेडिंग फर्म ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ में 10 प्रतिशत, और इसी की एक सहायक फूड कंपनी में 40 टका हिस्सेदारी ली है। यह लगभग 85 मिलियन डॉलर का निवेश था। वाई इंटरनेशनल यूएसए (Y International USA) भी लुलु ग्रुप का भाग है। यह इसके रिटेल बिजनेस के लिए फूड आइटम्स और कंज्यूमर गुड्स को निर्यात करता है।

भारत में लुलु माल का विस्तार

10 मार्च 2013 को केरल के कोच्चि में एक लुलु इंटरनेशनल शॉपिंग मॉल स्थापित किया गया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह भारत का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल है। 2021 में ग्रुप ने तिरुवनंतपुरम में एक शानदार मॉल बनाया। इसके अलावा बेंगलुरु, लखनऊ, हैदराबाद, पलक्कड़ (केरल) में भी ग्रुप ने अपने मॉल बनाए हैं। इन सभी मॉल्स में एक ही छत के नीचे देश-दुनिया के सभी ब्रांड्स के सामान मिलते हैं।

फिलहाल भारत में लुलु फैशन वीक 2024 (LuLu Fashion Week 2024) चल रहा है। कोच्चि से 8 मई को इस फैशन वीक की शुरुआत हुई थी। 10 मई को बैंगलोर में हो चुका है. अब 15 मई को त्रिवेंद्रम, 17 को हैदराबाद, और 24 मई को लखनऊ में होगा। इस फैशन वीक में फैशन के लेटेस्ट कलेक्शन और ब्रांड्स को फीचर किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि लुलु फैशन वीक दुनिया का सबसे बड़ा फैशन वीक है। तो यह थी भारत के चाचा-भतीजा द्वारा स्थापित दुनिया की बड़ी कंपनी लुलु ग्रुप की पूरी कहानी। हां आपको यह भी बता दें कि लुलु ग्रुप की नेटवर्थ 7.8 बिलियन डॉलर यानि कि 65 हजार 150 करोड़ रूपए से भी अधिक की है। LuLu Group News

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