Power Coal Crisis: देश में एक तरफ जहां गर्मी बढ़ रही है. वहीं देश के कई राज्यों में कोयला संकट (Coal Crisis In India) गहराने लगा है. महाराष्ट्र, यूपी, झारखंड, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और तमिलनाडु में बिजली कटौती का लोगों को सामना करना पड़ रहा है.
खासकर बिजली कटौती ग्रामीण इलाकों में की जा रही है. केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (Central Electricity Authority) के आंकड़ों के मुताबिक देश में केवल 7 दिन का कोयला बचा है, जोकि 65% संयंत्रों के पास है.
वहीं कोयले की कमी और गहराते संकट से संभावना जताई जा रही है कि बिजली संकट (Power Coal Crisis) और भी गहरा सकती है.
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Power Coal Crisis की वजह से महाराष्ट्र में बिजली कटौती
महाराष्ट्र में बिजली कटौती की जा रही है. महाराष्ट्र सरकार ने ये स्वीकार किया है कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में बिजली कटौती की जा रही है.
क्योंकि राज्य 1400 से 1500 मेगावाट बिजली की समस्या (electrical problems) से जूझ रहा है. लोडशेडिंग के कारण ऐसा किया जा रहा है.
Power Coal Crisis का उत्तर प्रदेश में असर
कोयले की कमी का असर पर यूपी के बिजली संयंत्रों पर देखने को मिल रहा है. यहां कई इकाईयां बंद हो चुकी हैं. वहीं कोयले की स्टॉक में भी कमी आई है.
ग्रामीण क्षेत्रों में 4-6 घंटे बिजली कटौती की जा रही है हालांकि जिला मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
इन राज्यों पर भी असर
- राजस्थान में 7580 मेगावाट (MW) क्षमता वाले सभी 7 तापीय संयंत्रों के पास कोयले का स्टॉक की भरी कमी.
- पंजाब के राजपुरा संयंत्र में महज 17 दिनों का कोयला भंडार बचा है. जब अन्य संयंत्रों में महज 4 दिनों का स्टॉक बचा है.
- हरियाणा के पानीपत संयंत्र में 7 दिन और यमुनागर संयंत्र में केवल 8 दिन का स्टॉक बचा है.
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