Tuesday, 7 May 2024

ईडी ने राज कुमार आनंद से 20 घंटे तक की पूछताछ, छापेमारी के बाद मंत्री ने कहा- ‘आप’ में रहना गुनाह…

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 20 घंटे से अधिक की पूछताछ से गुजरने वाले दिल्ली के मंत्री राज कुमार…

ईडी ने राज कुमार आनंद से 20 घंटे तक की पूछताछ, छापेमारी के बाद मंत्री ने कहा- ‘आप’ में रहना गुनाह…

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 20 घंटे से अधिक की पूछताछ से गुजरने वाले दिल्ली के मंत्री राज कुमार आनंद ( Raaj Kumar Anand) ने एजेंसी की कार्रवाइयों के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि छापेमारी केवल लोगों को परेशान करने का एक बहाना है।

ईडी की पूछताछ के बाद समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मंत्री ने दावा किया कि संघीय एजेंसी को तलाशी के दौरान उनके आवास से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। बकौल राज कुमार आनंद, छापेमारी तो लोगों को परेशान करने का एक बहाना है। तलाशी के दौरान ईडी को कुछ नहीं मिला। ये प्रायोजित थी। उन्हें ऊपर से आदेश थे।

काम की राजनीति करना और आम आदमी पार्टी में रहना एक गुनाह बन गया है

राज कुमार से ईडी ने 20 घंटे तक पूछताछ की। उन्होंने कहा कि घर की बुरी तरह से तलाशी ली। तमाम तरह के सवाल किए जिनका हमसे मतलब था, नहीं था। राज कुमार ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि इस देश में सच बोलना और दलितों की राजनीति करना, काम की राजनीति करना और आम आदमी पार्टी में रहना एक गुनाह बन गया है।

ईडी जिस कस्टम केस की बात कर रही है, वह बीस साल पुराना है

आप नेता ने एजेंसी द्वारा की गई कार्रवाई को आम आदमी पार्टी (AAP) को नष्ट करने का एक ‘प्रयास’ बताया। उन्होंने कहा, “ईडी जिस कस्टम केस की बात कर रही है, वह बीस साल पुराना है। ये लोग आम आदमी पार्टी को खत्म करना चाहते हैं, ये चाहते हैं कि काम की राजनीति न हो।”

गौरतलब है कि ईडी 2 नवंबर की सुबह 9 बजे से सिविल लाइंस इलाके में AAP नेता और दिल्ली के श्रम और रोजगार मंत्री राज कुमार आनंद के आवास पर छापेमारी शुरू की थी। 2 नवंबर को ही ईडी ने कथित शराब घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि चुनावी व्यस्तता का हवाला देते हुए वे एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।

ईडी ने क्यों मारे राज कुमार के घर छापे

राज कुमार आनंद पर ईडी की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय हवाला लेनदेन के अलावा 7 करोड़ रुपये से अधिक की सीमा शुल्क चोरी के लिए आयात में गलत घोषणाओं के आरोप में राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा दायर आरोप पत्र के बाद की गई थी।

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