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Sarojini Naidu : कैसा था भारत कोकिला…नाइटेंगल ऑफ इंडिया का जीवन?

Sarojini Naidu

Her inspiring poems made her the nightingale of india

13 फ़रवरी 1879 को हैदराबाद में जन्मी Sarojini Naidu का परिचय सिर्फ उनकी कविताओं से ही नहीं दिया जाता है बल्कि आज जब देश की सबसे सशक्त एवं सफल महिलाओं के बारे में बात की जाती है तो भारत कोकिला सरोजिनी नायडू का नाम सबसे ऊपर आता है। उनके व्यक्तित्व के एक ओर बच्चे सा चुलबुलापन देखने को मिलता था तो वहीं दूसरे तरफ उन्होंने भारतीय नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पहली गवर्नर बनकर अपने मज़बूत व्यक्तित्व की भी एक झलक दिखायी। आज देश में उनकी 74वीँ पुण्यतिथि मनाई जा रही है और इस अवसर पर आइये करीब से जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक किस्सों के बारे में…

कैसे बनीं भारत कोकिला?

अपनी प्रारंभिक शिक्षा Sarojini Naidu ने हैदराबाद के निज़ाम कॉलेज से ही पूरी की और यहाँ से उन्हें 16 वर्ष की आयु में छात्रवृत्ति भी प्राप्त हुई। इसके बाद वे लंदन के किंग्स कॉलेज गयीं जहाँ उनकी मुलाक़ात एक नोबल पुरस्कार विजेता आर्थर साइमन और एडमंड गॉस से हुई। उन्होंने सरोजिनी जी को अपनी भाषा में और अपने देश के मुद्दों के बारे में लिखने के लिए प्रेरित किया। यही प्रेरणा उनके सरोजिनी से भारत कोकिला का सफर तय कराने का एक जरिया बनी। उन्होंने जिस प्रकार से अपनी भावनाओं को निचोड़ कर अपनी कविताओं में डाला वो बिल्कुल अलग था। उनकी इसी श्रेष्ठता ने Sarojini Naidu को 20वीँ सदी की सबसे महानतम कवियित्री बना दिया था।

Sarojini Naidu

उनके वैवाहिक जीवन की शुरुआत भी 19 वर्ष की आयु में ही हो गयी थी जब वे लंदन में अपनी शिक्षा पूर्ण कर रहीं थीं। एक चिकित्सक गोविंदराजुलु नायडू से प्रेम होने पर उन्होंने अपने इस प्रेम रिश्ते को पति-पत्नी के रिश्ते में बदल लिया। उनके चार बच्चे जयसूर्या, पद्मजा, रणधीर और लीला मग्न हुए।

इंग्लैंड में गाँधी जी से मिलने और उनकी सादगी से प्रभावित होने के के पश्चात सरोजिनी ने राजनीति की तरफ रुख किया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। उन्होंने कई सामाजिक मुद्दों पर कार्य करते हुए अपना अतुलनीय योगदान दिया।

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