सैंटा क्लॉस: 12वीं सदी का मध्यकालीन शहर और नॉर्मन्स का इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार, सैंटा क्लॉस, सेंट निक, फ़ादर क्रिसमस और क्रिस क्रिंगल—ये सभी पात्र एक ही ऐतिहासिक व्यक्ति से प्रेरित हैं। सेंट निकोलस का जन्म प्राचीन रोम के पतारा शहर (वर्तमान तुर्की) में हुआ था। उन्होंने अपनी पूरी विरासत ग़रीबों, बीमारों और ज़रूरतमंदों में बांट दी थी।

Santa Claus History
सैंटा क्लॉस इतिहास (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar27 Dec 2025 02:26 PM
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क्रिसमस आते ही दुनिया भर में सैंटा क्लॉस की चर्चा शुरू हो जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सैंटा क्लॉस से जुड़े अवशेष आयरलैंड में दफ़्न होने का भी दावा किया जाता है? आयरलैंड के काउंटी किलकेनी स्थित जेरपॉइंट पार्क इस रहस्य के केंद्र में है, जहां एक प्राचीन क़ब्र को मायरा के सेंट निकोलस—यानी सैंटा क्लॉस के ऐतिहासिक प्रेरणा स्रोत—से जोड़ा जाता है।

जेरपॉइंट पार्क: भूतिया शहर से रहस्य का केंद्र

किलकेनी शहर से लगभग 20 किलोमीटर दक्षिण में स्थित जेरपॉइंट पार्क एक 12वीं सदी का मध्यकालीन शहर था, जो नोर और लिटिल एरिंगल नदियों के संगम पर बसा था। 120 एकड़ में फैले इस इलाके को नॉर्मन्स ने 1160 के आसपास आबाद किया था। पुरातात्त्विक साक्ष्यों के अनुसार, 15वीं सदी में यहां घर, बाज़ार, पुल, टावर, गलियां, मिल और जल प्रबंधन प्रणाली तक मौजूद थी। पास ही बना जेरपॉइंट एबी आज भी खड़ा है। लेकिन 17वीं सदी में यह शहर रहस्यमय ढंग से उजड़ गया। माना जाता है कि हिंसक हमलों या महामारी के कारण लोग यहां से चले गए और यह इलाका एक “घोस्ट टाउन” बन गया।

सेंट निकोलस की क़ब्र का दावा

आज इस ऐतिहासिक स्थल के मालिक मेव और जो ओ’कॉनेल हैं। जेरपॉइंट पार्क में स्थित सेंट निकोलस चर्च टावर के खंडहर और उसके क़ब्रिस्तान को लेकर स्थानीय लोगों का दावा है कि यहीं सेंट निकोलस के अवशेष दफ़्न हैं। क़ब्र के ऊपर बनी एक पत्थर की प्रतिमा में एक आकृति सामने की ओर देखते हुए दिखाई देती है, जिसे दान देते हुए दर्शाया गया है। मेव ओ’कॉनेल का कहना है कि यह आकृति सेंट निकोलस की दानशील प्रवृत्ति का प्रतीक है।

क्या सेंट निकोलस ही सैंटा क्लॉस हैं?

इतिहासकारों के अनुसार, सैंटा क्लॉस, सेंट निक, फ़ादर क्रिसमस और क्रिस क्रिंगल—ये सभी पात्र एक ही ऐतिहासिक व्यक्ति से प्रेरित हैं। सेंट निकोलस का जन्म प्राचीन रोम के पतारा शहर (वर्तमान तुर्की) में हुआ था। उन्होंने अपनी पूरी विरासत ग़रीबों, बीमारों और ज़रूरतमंदों में बांट दी थी। बाद में वे मायरा के बिशप बने और 325 ईस्वी में काउंसिल ऑफ़ नाइसिया में भी शामिल हुए। उनकी मृत्यु 6 दिसंबर 343 ईस्वी को मायरा में हुई।

अवशेष कहां हैं? विद्वानों में मतभेद

सेंट निकोलस की क़ब्र को लेकर विद्वानों में आज भी मतभेद हैं।

बता दें कि कुछ मानते हैं कि उनका मकबरा तुर्की के अंतालया स्थित सेंट निकोलस चर्च में है और कुछ का दावा है कि उनके अवशेष चोरी कर इटली के बारी शहर ले जाए गए, जहां बासिलिका दी सैन निकोला के तहख़ाने में उन्हें दफ़्न किया गया। वहीं जेरपॉइंट पार्क से जुड़ी कहानी कहती है कि क्रूसेडर योद्धा उनके कुछ अवशेष इटली ले जाते समय आयरलैंड ले आए और यहां दफ़्न कर दिए।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

आयरलैंड के इमीग्रेशन म्यूज़ियम EPIC के विशेषज्ञ नैथन मेनियन के अनुसार, इस क़ब्र को 1839 में मौजूदा स्थान पर लाया गया था। उनका कहना है कि बिना खुदाई और डीएनए जांच के यह तय करना असंभव है कि क़ब्र में वास्तव में किसके अवशेष हैं। उनके मुताबिक, संतों के अवशेष दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पाए जाने की परंपरा रही है, इसलिए यह मामला ऐतिहासिक प्रमाणों से ज़्यादा आस्था से जुड़ा है।

आस्था, रहस्य और पर्यटन

मेव ओ’कॉनेल का मानना है कि इतनी बड़ी प्रतिमा यूं ही नहीं बनाई जाती—यह संकेत है कि इस स्थान का विशेष महत्व है। हालांकि वे क़ब्र की खुदाई के पक्ष में नहीं हैं। आज जेरपॉइंट पार्क में हर साल करीब 10 हज़ार पर्यटक आते हैं। यह स्थल आमतौर पर सार्वजनिक रूप से खुला नहीं रहता, लेकिन पूर्व अनुमति लेकर निजी टूर किए जा सकते हैं। दिसंबर में यहां ख़ास शांति रहती है। मेव बताती हैं कि उनका परिवार हर साल 6 दिसंबर को सेंट निकोलस के फ़ीस्ट डे पर सादगी से उत्सव मनाता है।

उनके शब्दों में, “मुझे क्रिसमस से प्यार है। यह वाक़ई जादूई है।” तो क्या सैंटा क्लॉस आयरलैंड में दफ़्न हैं? इस सवाल का कोई पक्का जवाब नहीं, लेकिन जेरपॉइंट पार्क से जुड़ा यह रहस्य क्रिसमस की जादुई कहानियों में एक और दिलचस्प अध्याय ज़रूर जोड़ देता है।


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गंडक किनारे सर्दियों की दस्तक
गंडक किनारे सर्दियों की दस्तक
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 12:48 PM
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PNB
पीएनबी घोटाला
locationभारत
userअसमीना
calendar27 Dec 2025 10:44 AM
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क्या है पूरा मामला?

PNB ने स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी है कि यह धोखाधड़ी दो अलग-अलग खातों में हुई है। इसमें श्रेय इक्विपमेंट फाइनेंस लिमिटेड (SREI Equipment Finance Ltd) 1,241 करोड़ रुपये का फ्रॉड, श्रेय इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (SREI Infrastructure Finance Ltd) 1,193 करोड़ रुपये का फ्रॉड शामिल है। इन दोनों को मिलाकर कुल रकम 2,434 करोड़ रुपये हो जाती है। बैंक ने इसे ‘बरोइंग फ्रॉड’ (Borrowing Fraud) की श्रेणी में रखा है। इसका मतलब है कि कंपनियों ने लोन के पैसों का गलत इस्तेमाल किया।

कैसे हुआ धोखाधड़ी?

जब कोई कंपनी किसी प्रोजेक्ट के लिए बैंक से लोन लेती है तो पैसा उसी प्रोजेक्ट में खर्च होना चाहिए। लेकिन अगर वह पैसा दूसरी जगह खर्च किया जाए या किसी और कंपनी में लगाया जाए तो इसे फ्रॉड माना जाता है। श्रेय ग्रुप की स्थापना 1989 में हुई थी और यह मुख्य रूप से निर्माण कार्यों में मशीनों को फाइनेंस करती थी। समय के साथ कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ गया और वह पैसा लौटाने में नाकाम रही। अक्टूबर 2021 में RBI ने गवर्नेंस में खामियों और डिफॉल्ट के चलते कंपनी के बोर्ड को भंग कर दिया था।

क्या बैंक डूब जाएगा?

किसी भी बैंक में घोटाले की खबर सुनकर लोगों के मन में डर पैदा होता है। लेकिन PNB ने स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में बताया है। बैंक ने इस फंसे हुए कर्ज के लिए 100% प्रोविजनिंग कर रखी है। इसका मतलब है कि बैंक ने पहले ही अपने मुनाफे से इतनी रकम अलग रखी है ताकि अगर पैसा कभी वापस न भी आए तो बैंक की वित्तीय स्थिति पर कोई असर न पड़े। PNB का प्रोविजन कवरेज रेश्यो (PCR) लगभग 97% है जो यह दर्शाता है कि बैंक मजबूत स्थिति में है। इसलिए खाताधारकों को घबराने की जरूरत नहीं है।

PNB और घोटाले का पुराना कनेक्शन

PNB का नाम पहले भी 2018 में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के बहुचर्चित घोटाले में आया था। उस समय हजारों करोड़ रुपये के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) का गलत इस्तेमाल हुआ था लेकिन मौजूदा मामला अलग है। यह कॉरपोरेट लोन में गड़बड़ी का मामला है न कि ट्रेड फाइनेंस का। इस बार राहत की बात यह है कि बैंक ने समय रहते इसे पहचान लिया और RBI को रिपोर्ट कर दिया।

शेयर बाजार और निवेशकों पर असर

खबर आने से पहले PNB के शेयर में मामूली गिरावट देखी गई थी लेकिन पिछले तीन साल में बैंक के शेयर ने निवेशकों को 144% का शानदार रिटर्न दिया है। इसका मतलब है कि बैंक आर्थिक रूप से मजबूत है और निवेशकों को लंबे समय तक लाभ मिलता रहा है।

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