Supreme Court News : नई दिल्ली। 1 नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के फैसले की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मुकदमे में केंद्र सरकार घिरती नजर आ रही है। कोर्ट बार—बार पूछ रहा है कि नोटबंदी में अपनाई गई प्रक्रिया स्पष्ट की जाय और सरकार बार—बार इस प्रश्न से नजर चुरा रही है l
मंगलवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई थी। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने रिजर्व बैंक और सरकार से कहा था कि अगली तारीख पर नोटबंदी प्रक्रिया की पूरी फ़ाइल हलफनामे की शक्ल में पेश की जाय। लेकिन यह फ़ाइल मंगलवार को भी पेश नही की गई।
इस बार फाइल पेश न करने का नया बहाना कोर्ट के सामने रखा गया। रिजर्व बैंक के वकील जयदीप गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी काला धन और नकली करेंसी पर अंकुश लगाने के लिए की गई थी।
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उन्होंने दलील दी कि आर्थिक नीति के निर्णय की न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती। इस पर याचिकाकर्ताओं के वकील पी चिदंबरम ने कहा कि सरकार यह कहकर न्यायपालिका को नहीं डरा सकती कि जज आर्थिक नीति के विशेषज्ञ नहीं हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने कहा कि अदालत फैसले के गुण दोष पर विचार नहीं करेगी, लेकिन इसकी जांच कर सकती है कि किस तरह से फैसला किया गया। कोर्ट प्रक्रिया और फैसले से जुड़े पहलुओं पर गौर कर सकता है। अगली तारीख पर सरकार और आरबीआई से पूरी प्रक्रिया की फाइल पेश करने को कहा गया है।